फ्रांस की राज्यक्रांति लुई सोलहवें के शासन काल मेँ 1789 ई. मेँ हुई।
सामाजिक समानता, सामंतीय विशेषाधिकारोँ का अंत, निरंकुश तथा भ्रष्ट्र प्रशासन मेँ सुधार, न्याय तथा करोँ मेँ समानता के उद्देश्य को पाने के लिए ही इस क्रांति की शुरुआत की गई थी।
स्वतंत्रता, समानता एवं बंधुत्व का नारा फ्रांस की राज्य क्रांति की देन है।
लुई 16वें की पत्नी मेंरी एन्त्वोनत आस्ट्रिया की राजकुमारी थी।
14 जुलाई 1789 ई. को कांतिकारियो ने बास्तील के जेल के फाटक को तोड़ कर बंदियों को मुक्त कर दिया।
14 जुलाई का दिन फ्रांस मेँ राष्ट्रीय दिवस के रुप मेँ मनाया जाता है।
फ्रांसीसी क्रांति मेँ वाल्टेयर, मांटेस्क्यू एवं रूसो जैसे दार्शनिकोँ का महत्वपूर्ण योगदान था।
सोशल कांट्रैक्ट रुसो की रचना है।
विधि की आत्मा की रचना मांटेस्क्यू ने की थी।
स्टेट्स जनरल की शुरुआत 5 मई, 1789 ई. को हुई थी, इसी दिन फ्रांसीसी क्रांति की शुरुआत हुई।
फ्रांस मेँ कई वर्षोँ की क्रांति, अशांति एवं अव्यवस्था के पश्चात एक निरंकुश शासक के रुप मेँ नेपोलियन का उदय हुआ, जिसने न केवल फ्रांस अपितु पूरे यूरोप को प्रभावित किया। यद्यपि वह डिक्टेटर था और उसके शासन मेँ स्वतंत्रता को स्थान नहीँ था, किंतु क्रांति की दो अन्य भावनाओं, समानता एवं बंधुत्व का उसने पूर्णतया पालन किया।
नेपोलियन का जन्म 1769 ई. मेँ कोर्सिका द्वीप मेँ हुआ था।
नेपोलियन के पिता का नाम कार्लो बोनापार्ट था, जो पेशे से वकील थे।
नेपोलियन ने ब्रिटेन की सेनिक अकादमी मेँ शिक्षा प्राप्त की।
1799 ई. नेपोलियन ने फ्रांस मेँ डायरेक्टरी के शासन का अंत कर दिया गया तथा स्वयं प्रथम काउंसिल बना। इस कॉउंसिल ने फ्रांस के नए संविधान की रचना की।
1804 ई. मेँ नेपोलियन खुद को फ्रांस का सम्राट घोषित कर दिया। नेपोलियन बोनापार्ट एक अन्य नाम लिटल कार्पोरल के नाम से जाना जाता है।
नेपोलियन को आधुनिक फ्रांस का निर्माता माना जाता है।
1830 मेँ नेपोलियन ने बैंक ऑफ फ्रांस की स्थापना की।
नेपोलियन ने कानूनों का संग्रह तैयार करवाया जिसे नेपोलियन कोड कहा जाता है।
नेपोलियन ने इंग्लैंड को आर्थिक रुप से कमजोर करने के लिए महाद्वीपीय व्यवस्था लागू की।
अक्टूबर 1805 मेँ इंग्लैण्ड फ्रांस के बीच ट्रागल्फर का युद्ध हुआ।
यूरोपीय राष्ट्रों ने एकजुट होकर 1813 ईस्वी मेँ लिपजिक के मैदान मेँ नेपोलियन को हराया।
इसके बाद नेपोलियन के बंदी बनाकर अल्बा द्वीप मेँ रखा गया, पर वह वहाँ से भाग गया।
1815 ई. मेँ वाटरलू का युद्ध उसके जीवन काल का अंतिम युद्ध था, जिसमें उसे पराजय मिली और उसे आत्मसमर्पण करना पडा।
उसे सेंट हैलेना द्वीप भेज दिया गया, जहां 1812 ई. मेँ उसकी मृत्यु हो गई।
यूरोप मेँ राष्ट्रीय राज्योँ के निर्माण का श्रेय नेपोलियन को है।
नेपोलियन ने फ्रांस की क्रांति के सिद्धांतो को अन्य देशो मेँ पहुंचाया तथा जनसाधारण मेँ स्वतंत्रता की भावना उत्पन्न की।