Baudh Dharm - Gautam Buddha
गौतम बुद्ध का जन्म कब हुआ था - 563 ई.पू. M.P.P.C.S.(Spl)(Pre) 2004
- गौतम बुद्ध का जन्म कपिलवस्तु के निकट लुंबिनी में 563 ई.पू. में हुआ था।
- इनके पिता शुद्धोधन शाक्यगण के प्रधान थे।
- माता महामाया कोलिय गणराज्य (कोलिय वंश) की कन्या थी।
- गौतम बुद्ध के बचपन का नाम - सिद्धार्थ
- सिद्धार्थ का अर्थ - जिसकी आकाक्षाएँ पूरी हो चुकी हो।
- गौतम बुद्ध को - LIGHT OF ASIA कहते है।
बुद्ध के जीवन की किस घटना को महाभिनिष्क्रमण के रुप में जाना जाता है - उनके गृहत्याग U.P.P.C.S.(Mains) 2014
- 29 वर्ष की अवस्था में उन्होंने गृह त्याग दिया।
- जिसे बौद्ध ग्रंथों में महाभिनिष्क्रमण की संज्ञा दी गई।
गौतम बुद्ध की माता किस वंश से संबंधित थी - कोलिय वंश U.P.P.C.S.(Pre) 2008
निम्नलिखित में से किस राजा के एक अभिलेख से सूचना मिलती है कि शाक्यमुनि बुद्ध का जन्म लुंबिनी में हुआ था - अशोक U.P.P.C.S.(Mains) 2011/U.P.P.C.S.(Mains) 2007/U.P.P.C.S.(Mains) 2004
- मौर्य वंशीय शासक अशोक के रुमिनदेई अभिलेख से सूचना मिलती है। कि शाक्यमुनि बुद्ध का जन्म लुंबिनी में हुआ था।
- इस अभिलेख के अनुसार, अशोक राज्यभिषेक के 20 वर्ष बाद यहां आया था और उसने उस स्थान की पूजा की थी जहां शाक्यमुनि बुद्ध का जन्म हुआ था।
- साथ ही इस अभिलेख में लुंबिनी के बुद्ध का जन्म स्थल होने के कारण इसे कर छूट प्रदान करने की घोषणा का भी उल्लेख है।
महात्मा बुद्ध का महापरिनिर्वाण कहां हुआ - कुशीनगर में B.P.C.S.(Pre) 2005/U.P.P.C.S.(Pre) 2011/B.P.C.S.(Pre) 2011
- इन्होंने अपने अन्तिम दिन पावापुरी में एक चुन्द नामक लोहार के यहाँ बिताएँ और यहीं पर शुवर का मांस ग्रहण किया।
- जिससे इन्हें डायरिया हो गया (रक्ततिसार)।
- 483 BC. कुशी नगर में इनकी मृत्यु हो गयी।
- 80 वर्ष की अवस्था में उन्होंने शरीर त्याग दिया।
- बौद्ध ग्रंथों में इसे महापरिनिर्वाण कहा जाता है।
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गौतम बुद्ध द्वारा अपने धर्म में दीक्षित किया जाने वाला अंतिम व्यक्ति निम्नलिखित में से कौन था - सुभद्द U.P.P.C.S.(Pre) 2013
- अपने जीवन के अंतिम वर्ष में गौतम बुद्ध अपने शिष्य चुंद के यहाँ पावा पहुँचे।
- यहाँ पर शुवर का मांस ग्रहण करने से इन्हें डायरिया हो गया।
- फिर ये पावापुरी से कुशीनगर चले गए और यहीं पर सुभद्द को उन्होंने अपना अंतिम उपदेश दिया।
आलार कालाम कौन थे - बुद्ध के एक गुरु थे U.P.P.C.S.(GIC) 2010
- महाभिनिष्क्रमण के बाद ज्ञान की खोज में महात्मा बुद्ध आलार कालाम के आश्रम में पहुँचे तथा उनसे दीक्षा ली।
- कालम के आश्रम में उन्होंने तपस्या की किंतु इससे बुद्ध संतुष्ट नहीं हुए।
- आलार कालाम सांख्य दर्शन के आचार्य थे तथा अपनी साधना शक्ति के लिए विख्यात थे।
- आलार कलाम - पहले गुरु - (राजग्रह)
- रुद्रक रामपुत्त - दुसरे गुरु - (वैशाली)
महात्मा बुद्ध ने अपना पहला धर्मचक्रप्रवर्तन किस स्थान पर दिया था - सारनाथ में U.P.P.C.S.(Mains) 2004/B.P.C.S.(Pre) 2005/M.P.P.C.S.(Pre) 1999/M.P.P.C.S.(Pre) 1991/B.P.C.S.(Pre) 2011
- छः वर्षो की कठिन साधना के पश्चात 35 वर्ष की अवस्था में वैशाख पुर्णिमा की रात्रि को एक पीपल के वृक्ष के नीचे गौतम बुद्ध को ज्ञान प्राप्त हुआ।
- ज्ञान प्राप्ति के बाद यह बुद्ध कहलाए।
- ज्ञान प्राप्ति के पश्चात गौतम बुद्ध ने अपने मत का प्रचार प्रारंभ किया।
- अरुवेला से वे सबसे पहले ऋषिपत्तन आए। यहाँ उन्होंने पाँच ब्राह्मण सन्यासियों को पहला उपदेश दिया।
- इस प्रथम उपदेश को धर्मचक्रप्रवर्तन कहा जाता है।
बुद्ध ने सर्वाधिक उपदेश दिए थे - श्रावस्ती में U.P.P.C.S.(Pre) 2011
- बुद्ध के सबसे अधिक शिष्य कोसल राज्य में हुए थे तथा यहाँ की राजधानी श्रावस्ती में ही उन्होंने सर्वाधिक उपदेश दिए थे।
बुद्ध कौशाम्बी किसके राज्य काल में आए थे - उदयन U.P.D.A./L.D.A.(Pre) 2010
- महात्मा बुद्ध वत्सराज उदयन के शासन काल में कौशाम्बी आए थे।
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बुद्ध की मृत्यु के पश्चात प्रथम बौद्ध संगीति की अध्यक्षता की गई - महाकस्सप द्वारा U.P.P.C.S.(Pre) 2000
- प्रथम बौद्ध संगीति बुद्ध की मृत्यु के तत्काल बाद राजग्रह की सप्तपर्णि गुफा में हुई।
- इस समय मगध का शासक अजातशत्रु था।
- इस संगीति की अध्यक्षता महाकस्सप ने की तथा इसमें बुद्ध के प्रमुख शिष्य आनंद और उपालि उपस्थित थे।
- इसमें बुद्ध की शिक्षाओं का संकलन हुआ तथा उन्हें सुत्त और विनय नामक दो पिटकों में विभाजित किया गया।
भारतीय कला में बुद्ध के जीवन की किस घटना का चित्रण मृग सहित चक्र द्वारा हुआ है - प्रथम उपदेश U.P.P.C.S.(Mains) 2002
- भारतीय कला में बुद्ध के जीवन के प्रथम उपदेश का चित्रण मृग सहित चक्र द्वारा हुआ है।
- बुद्ध ने अपना प्रथम उपदेश सारनाथ में मृगदाव (हरिण वन) में दिया था।
गौतम बुद्ध के प्रतीक चिन्ह कमल का संबंध किससे है - जन्म U.P.P.C.S.(Mains) 2004
- गौतम बुद्ध के प्रतीक चिन्ह ---
- हाथी - गर्भ में आने का प्रतीक
- कमल - जन्म का प्रतीक
- सांड - यौवन का प्रतीक
- घोड़ा - गृह त्याग - महाभिनिष्क्रमण
- शेर - समृद्धि / विकास
- चक्र - प्रथम उपदेश - धर्म चक्र प्रवर्तन
- स्तूप / पद चिन्ह - मृत्यु - महापरिनिर्वाण
- बोधिवृक्ष - ज्ञान - सम्बोधि - महाबोधि
करमापा लामा तिब्बत के बुद्ध संप्रदाय के किस वर्ग का है - कंग्यूपा U.P.P.C.S.(Pre) 2000
- करमापा लामा तिब्बत के बौद्ध संप्रदाय कंग्यूपा वर्ग से संबंधित है।
बोधगया में महाबोधि मंदिर बनाया गया जहाँ - गौतम बुद्ध को ज्ञान प्राप्त हुआ B.P.C.S.(Pre) 1991
- बोधगया में 6 वर्ष की साधना के पश्चात 35 वर्ष की आयु में महात्मा बुद्ध को वैशाख पूर्णिमा की रात को एक पीपल के वृक्ष के नीचे ज्ञान प्राप्त हुआ।
- उन्होंने दुःख तथा उसके कारणों का पता लगा लिया, इसी समय से वे बुद्ध नाम से विख्यात हुए।
- यहीं पर महाबोधि मंदिर बनाया गया है।
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कौन सा बौद्ध पवित्र स्थल निरंजना नदी पर स्थित था - बोधगया U.P.P.C.S.(Pre) 2012
- पवित्र बौद्ध स्थल बोधगया जहाँ गौतम बुद्ध को सर्वप्रथम ज्ञान प्राप्त हुआ था, निरंजना नदी पर स्थित है।
- आधुनिक फाल्गु नदी को ही पूर्व में निरंजना के नाम से जाना जाता था। यह नदी दो छोटी धाराओं निरंजना एवं मोहना के मिलने के बाद बनती है।
बुद्ध के उपदेश किससे संबंधित है - आचरण की शुद्धता व पवित्रता U.P.P.C.S.(Pre) 1991
- महात्मा बुद्ध के उपदेश आचरण की पवित्रता एवं शुद्धता से संबंधित थे।
- बुद्ध के उपदेशों में आत्मा संबंधी विवाद नहीं है।
- धार्मिक कर्मकांडों की बुद्ध ने आलोचना की है।
कौन बुद्ध के जीवनकाल में ही संघ प्रमुख होना चाहता था - देवदत्त U.P.P.C.S.(Pre) 1999
- देवदत्त, बुद्ध का चचेरा भाई था।
- यह पहले उनका अनुगत बना और फिर उनका विरोधी बन गया।
- वह बौद्ध संघ से बुद्ध को हटाकर स्वयं संघ का प्रधान बनना चाहता था, लेकिन उसे इसमें सफलता नहीं मिलती।
बौद्ध संघ में भिक्षुणी के रुप में स्त्रियों के प्रवेश की अनुमति बुद्ध द्वारा कहाँ दी गई थी - वैशाली में U.P.P.C.S.(Pre) 1997
- अपने प्रिय शिष्य आनंद के कहने पर बुद्ध ने वैशाली में स्त्रियों को बौद्ध संघ में भिक्षुणी के रुप में प्रवेश की अनुमति प्रदान की थी।
- बौद्ध संघ में सर्वप्रथम शामिल होने वाली स्त्री महाप्रजाति गौतमी थीं।
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अष्टांग मार्ग की संकल्पना, अंग है - धर्मचक्रप्रवर्तन सुत्त की विषयवस्तु का I.A.S.(Pre) 1998
- गौतम बुद्ध ने चतुर्थ आर्य सत्य में दुःख का उपाय बताया।
- इसे दुःख निरोध गामिनी प्रतिपदा कहा जाता है।
- इसे मध्यमा प्रतिपदा या मध्यम मार्ग भी कहते है।
- उनके इस मध्यम प्रतिपद में आठ सोपान है, इसलिए इसे अष्टांगिक मार्ग भी कहते है।
- (1) सम्यक दृष्टि
- (2) सम्यक संकल्प
- (3) सम्यक वाक
- (4) सम्यक कर्मांत
- (5) सम्यक आजीव
- (6) सम्यक व्यायाम
- (7) सम्यक स्मृति
- (8) सम्यक समाधि
त्रिपिटक क्या है - बुद्ध के उपदेशों का संग्रह U.P.Lower Sub.(Pre) 2003/ U.P.Lower Sub.(Pre) 2004
- त्रिपिटक बौद्ध ग्रंथों में सर्वाधिक महत्वपूर्ण है।
- बुद्ध की मृत्यु के बाद उनकी शिक्षाओं को संकलित कर तीन भागों में बाँटा गया, इन्हीं को त्रिपिटक कहते है।
- (1) विनय पिटक - उपाली (शिष्य) - नियम
- (2) सुत्त पिटक - आनन्द (शिष्य) - उपदेश
- (3) अभिधम्म पिटक - मोग्लिपुत्त तिस्स (शिष्य) - दर्शन
बुद्ध की 80 फुट बड़ी प्रतिमा जो बोधगया में है, किसके द्वारा निर्मित की गई थी - जापानियों के द्वारा R.A,S./R.T.S(Pre) 1993
- बुद्ध की 80 फुट ऊँची बोधगया में स्थित प्रतिमा लाल ग्रेनाइट एवं बलुई पत्थर से निर्मित है।
- जिसके निर्माण में 7 वर्ष का समय लगा।
- यह प्रतिमा जापान के दाईजोकियो संप्रदाय के सहयोग द्वारा निर्मित की गई थी।
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सुल्तानी युग में बौद्धों की कौन सी शाखा सबसे प्रभावशाली थी - वज्रयान P.C.S.(Pre) 2013
- वज्रयान का सबसे अधिक विकास आठवीं शताब्दी में हुआ था तथा इसके सिद्धांत मजुश्रीमूलकल्प तथा गुह्मसमाज नामक ग्रंथों में मिलते है।
किसे एशिया के ज्योति पुंज के तौर पर जाना जाता है - गौतम बुद्ध को U.P.Lower Sub.(Pre) 2003
- गौतम बुद्ध के जीवन पर एडविन अर्नाल्ड ने LIGHT OF ASIA नामक काव्य पुस्तक की रचना की थी।
- यह पुस्तक ललितविस्तार के विषय वस्तु पर आधारित है।
- इस पुस्तक का प्रकाशन वर्ष 1879 में लंदन में किया गया।
बौद्ध धर्म के महायान और हीनयान संप्रदायों में अंतर क्या है - महापुरुष / देवी + देवताओं की पूजा U.P.P.C.S.(Pre) 1996
- हीनयान में बुद्ध को एक महापुरुष माना जाता था।
- महायान में उन्हें देवता माना गया तथा उनकी पूजा की जाने लगी।
- पाँचवें बौद्ध संगिति में महायान को श्रेष्ठ बताया गया।
- चतुर्थ बौद्ध संगीति में ही बुद्ध को देवता माना गया और उनकी पूजा की जाने लगी। देवता का स्थान गौतम बुद्ध को कनिष्क काल में ही प्राप्त हो गया।
श्रवणबेलगोला में गोमतेश्वर की विशाल प्रतिमा किसने स्थापित करवाई थी - चामुंडराय ने U.P.P.C.S.(Mains) 1997
- श्रवणबेलगोला कर्नाटक राज्य में स्थित है।
- बाहुबली प्रथम जैनतीर्थंकर ऋषभदेव के पुत्र माने जाते है।
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प्रथम शताब्दी ई. में किस भारतीय बौद्ध भिक्षुक को चीन भेजा गया था - नागार्जुन P.C.S.(Pre) 2005
- नागार्जुन कनिष्क के दरबार की एक महान विभूति था।
- उसकी तुलना मार्टिन लूथर से की जाती है।
- हेनसांग ने उसे संसार की चार मार्गदर्शक शक्तियों में से एक कहा है।
- उसने अपनी पुस्तक माध्यमिक कारिका में सापेक्षता सिद्धांत को प्रस्तुत किया।
- उसे भारत का आइंस्टीन भी कहा जाता है।
- चीनी मान्यता के अनुसार नागार्जुन ने चीन की यात्रा कर वहाँ बौद्ध शिक्षा प्रदान की थी।
- नागार्जुन ने प्रतीत्यसमुत्पाद को ही शून्यता कहा है।
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बौद्ध शिक्षा का केंद्र है - विक्रमशिला M.P.P.C.S.(Pre) 2004
- प्राचीन काल में बौद्ध शिक्षा के तीन प्रमुख केंद्र थे---
- (1) नालंदा (2) वल्लभी (3) विक्रमशिला
- नालंदा - बिहार में बडगांव नामक ग्राम के समीप स्थित था। यह महायान बौद्ध धर्म शिक्षा का प्रमुख केन्द्र था।
- वल्लभी - गुजरात के कठियावाड़ा क्षेत्र में स्थित पश्चिम भारत में शिक्षा एवं संस्कृति का प्रमुख केद्र था।
- विक्रमशिला - बिहार में पथरघाट नामक पहाड़ी पर स्थित था। विक्रमशिला के महाविहार की स्थापना पाल नरेश धर्मपाल ने की थी।
तृतीय बौद्ध सभा किस स्थान पर बुलाई गई थी - पाटलिपुत्र U.P.P.C.S.(Pre) 2002
समय | स्थान | शासक | अध्यक्ष | उपाध्यक्ष | कार्य |
483 BC | राजग्रह | अजातशत्रु | महाकस्सप | * | सुत्त पिटक विनय पिटक |
383 BC | वैशाली | कालाशोक | साबकमीर | * | स्थिवर महासंधिक |
251 BC | पाटलिपुत्र | अशोक | मोगलिपुत्त तिस्स | * | अभिधम्म पिटक |
100 AD | कुण्डलवन (कश्मीर) | कनिष्क | वसुमित्र | अश्वघोष | दो भाग – (1) हीनयान (2) महायान |
7 वीं सदीं | कन्नौज | हर्षवर्धन | ह्वेनसांग | * | महायान को श्रेष्ठ बताया गया। |
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