सांप्रदायिक पंचाट एवं पूना पैक्ट (1932)
किसने सांप्रदायिक अधिनिर्णय घोषित किया - रैम्जे मैक्डोनॉल्ड U.P.P.C.S. (Pre) 1999
- द्वितीय गोलमेज सम्मेलन में विभिन्न सम्प्रदायों एवं दलित वर्गो के लिए पृथक निर्वाचक मंडल के विषय पर कोई सहमति नहीं बन पाई थी।
- सम्मेलन ने इस समस्या के निदान के लिए ब्रिटिश प्रधानमंत्री रैम्जे मैक्डोनॉल्ड को प्रधिकृत किया।
- उसके बाद 16 अगस्त, 1932 को रैम्जे मैक्डोनॉल्ड ने अपने सांप्रदायिक अधिनिर्णय की घोषणा की, जिसे सांप्रदायिक पंचाट (कम्युनल अवॉर्ड) कहा गया।
अगस्त, 1932 के रैम्जे मैक्डोनॉल्ड के सांप्रदायिक पंचाट के द्वारा पहली बार एक पृथक निर्वाचक समूह बनाया गया - अछूतों के लिए B.P.S.C. (Pre) 1997
- ब्रिटिश प्रधानमंत्री रैम्जे मैक्डोनॉल्ड ने 16 अगस्त, 1932 ई. को सांप्रदायिक पंचाट प्रस्तुत किया।
- जिसके अंतर्गत प्रत्येक अल्पसंख्यक समुदाय के लिए विधानमंडलों में कुछ सीटें सुरक्षित कर दी गई जिनके सदस्यों का चुनाव पृथक निर्वाचक मंडलों द्वारा किया जाना था।
- मुसलमान और सिक्ख तो पहले से ही अल्पसंख्यक माने जाते थे।
- अब इस नए कानून के अंतर्गत दलित वर्ग को भी अल्पसंख्यक मानकर हिंदुओं से अलग कर दिया गया।
मैक्डोनॉल्ड के सांप्रदायिक पंचाट ने किसे पृथक चुनाव क्षेत्र एवं आरक्षित सीटें आवंटित नहीं की थीं - बौद्धों को U.P.P.C.S. (Pre) 2001
- 16 अगस्त, 1932 को ब्रिटिश प्रधानमंत्री रैम्जे मैक्डोनॉल्ड ने सांप्रदायिक पंचाट की घोषणा की।
- इसमें पृथक निर्वाचक पद्धति को न केवल मुसलमानों के लिए जारी रखा गया अपितु इसे दलित वर्गो पर भी लागू किया गया।
- इसके तहत मुसलमानों, ईसाइयों, सिक्खों, आंग्ल - भारतीयों तथा अन्य के लिए पृथक निर्वाचन पद्धति की सुविधा प्रदान की गई, जो केवल प्रांतीय विधान मंडलों पर ही लागू थी।
- स्पष्ट है कि बौद्धों को पृथक चुनाव क्षेत्र एवं आरक्षित सीटें इसके तहत आवंटित नहीं की गई।
महात्मा गांधी ने पहला आमरण अनशन कब प्रारंभ किया था - कम्युनल अवॉर्ड के समय P.C.S. (Pre) 2010
- गांधीजी ने अपना पहला आमरण अनशन (Fast UntoDeath) 20 सितंबर, 1932 को यरवदा जेल में रहते हुए ब्रिटिश प्रधानमंत्री रैम्जें मैक्डोनॉल्ड के सांप्रदायिक निर्णय (Communal Award) के विरुद्ध प्रारंभ किया था जो कि 24 सितंबर, को अम्बेडकर और गांधीजी के अनुयायियों के मध्य हुए पूना समझौते के बाद समाप्त हुआ।
पूना पैक्ट संबंधित था - दलित वर्ग से U.P.P.C.S. (Pre) 1996/U.P.P.C.S. (Pre) 2007/U.P. Lower Sub. (Pre) 2008
सांप्रदायिक अवॉर्ड एवं पूना पैक्ट में क्रमशः दलित वर्ग के लिए कितनी सीटें दी गई - क्रमशः 71 व 147 B.P.S.C. (Pre) 2005
- सांप्रदायिक अवॉर्ड में प्रांतीय विधानमंडलों में दलितों के लिए सुरक्षित सीटों की संख्या 71 थी, जिसे पूना पैक्ट में बढ़ाकर 148 (मद्रास - 30, सिंध सहित बंबई - 15, पंजाब - 8, बिहार और उड़ीसा 18, मध्य प्रांत - 20, असम - 7, बंगाल - 30, एवं संयुक्त प्रांत - 20) कर दिया गया।
- कुछ पुस्तकों में यद्यपि यह संख्या 147 मिलती है।
- साथ ही केंद्रीय विधानमंडल में सामान्य वर्ग की सीटों में से 18 प्रतिशत सीटें दलित वर्गों के लिए आरक्षित की गई।
किसने ऐतिहासिक 1932 के पूना समझौता पर हस्ताक्षर नहीं किए थे - एम.के. गांधी U.P.P.C.S. (Pre) 2001
- 24 सितंबर, 1932 दिन शनिवार को सायं 5 बजे पूना समझौता हस्ताक्षरित हुआ।
- दलित वर्ग की ओर से डॉ. अम्बेडकर ने तथा हिंदू जाति की ओर से पं. मदनमोहन मालवीय ने इस पर हस्ताक्षर किए।
- एम.एस. जयकर, देवदास गांधी, विश्वास, राज भोज, पी.बालू, गवई, ठक्कर, सोलंकी, तेज बहादुर सप्रू, जी.डी. बिड़ला, राजगोपालाचारी, डॉ. राजेंद्र प्रसाद, रावबहादुर श्रीनिवासन, एम.सी. राजा, सी.वी. मेहता, बाखले एवं कॉमत अन्य हस्ताक्षरकर्ता थे।
- बंबई में अन्य अनेक लोगों ने इस पर हस्ताक्षर किए।
- राजगोपालाचारी ने इस समझौते पर हस्ताक्षर के बाद डॉ. अम्बेडकर से अपनी कलम बदल ली।
पूना पैक्ट पर हस्ताक्षर किए थे - गांधीजी के समर्थक एवं अम्बेडकर U.P.P.C.S. (Pre) 2004
- सांप्रदायिक अधिनिर्णय के विरुद्ध गांधीजी के आमरण अनशन के बाद पूना समझौता 24 सितंबर, 1932 को हस्ताक्षरित हुआ।
- इस समझौते पर गांधीजी के समर्थकों एवं अम्बेडकर ने हस्ताक्षर किए थे।
- गांधीजी ने इस पर हस्ताक्षर नहीं किए थे।
1932 में पूना पैक्ट के बाद हरिजन सेवक संघ की स्थापना हुई - इसके अध्यक्ष - घनश्याम दास बिड़ला थे U.P.P.C.S. (Pre) 1994/U.P.P.C.S. (Mains) 2011
- पूना समझौते (1932) के बाद महात्मा गांधी की रुचि सविनय अवज्ञा आंदोलन में नहीं रही, अब वह पूरी तरह अस्पृश्यता विरोधी आंदोलन में रुचि लेने लगे तथा इस प्रकार, अखिल भारतीय अस्पृश्यता विरोधी लीग की स्थापना हुई, जिसका नाम परिवर्तित कर हरिजन सेवक संघ कर दिया गया।
- घनश्याम दास बिड़ला इसके प्रथम अध्यक्ष थे।
1932 में महात्मा गांधी ने मरणपर्यंत उपवास प्रधानता इसलिए किया कि - रैम्जे मैकडोनॉल्ड ने सांप्रदायिक अधिनिर्णय (कम्युनल अवार्ड) की घोषणा की I.A.S. (Pre) 2012
रैम्जे मैकडोनॉल्ड ने अपने सांप्रदायिक निर्णय (कम्युनल अवार्ड) की घोषणा की - 16 अगस्त, 1932 U.P.P.C.S. (Pre) 2001
- 16 अगस्त, 1932 को रैम्जे मैकडोनॉल्ड ने अपने सांप्रदायिक निर्णय (कम्युनल अवार्ड) की घोषणा की।
- इस अधिनिर्णय के तहत मुसलमानों, यूरोपीयों तथा सिक्खों के साथ - साथ दलित वर्गो के लिए भी पृथक निर्वाचन - मंडल का प्रावधान था।
- इसके विरोध में गांधीजी 20 सितंबर को आमरण अनशन पर बैठ गए।
- अंततः 24 सितंबर, 1932 को पूना में एक समझौता हुआ, जिसमें दो शर्तों के आधार पर संयुक्त निर्वाचन - मंडल बनाए जाने के संबंध में सहमति हुई।
- ये दो शर्तें थी - प्रथमतः विभिन्न प्रांतीय विधानमंडलों में दलित वर्गो के लिए 148 सीटें आरक्षित की गई जबकि सांप्रदायिक अधिनिर्णय में केवल 71 सीटों की व्यवस्था थी।
- दूसरे केंद्रीय विधानमंडल में सामान्य वर्ग की सीटों में से 18 प्रतिशत सीटें दलित वर्गों के लिए आरक्षित की गई।
पूना समझौते का उद्देश्य था - दलित वर्ग को प्रतिनिधित्व देना U.P.P.C.S. (Pre) 1997/B.P.S.C. (Pre) 2004
श्री बी.आर.अम्बेडकर व गांधीजी के बीच एक समझौता हुआ था जो कहलाता है - पूना समझौता P.C.S. (Mains) 2002/U.D.A./L.D.A. (Pre) 2007
साम्प्रदायिक अधिनिर्णय की घोषणा के पश्चात किसे सम्पादित किया गया - पूना समझौता U.P.U.D.A./L.D.A. (Spl) (Mains) 2010
आल इंडिया अनटचैबिलिटी लीग, बाद में जिसका नाम बदलकर हरिजन सेवक संघ हुआ, इसके प्रथम अध्यक्ष थे - जी.डी. बिड़ला (घनश्याम दास बिड़ला) U.P.P.C.S. (Mains) 2006
1932 में स्थापित अखिल भारतीय अछूत - विरोधी लीग के प्रथम प्रेसीडेंट थे - घनश्याम दास बिड़ला U.P.P.C.S. (GIC) 2010
अखिल भारतीय हरिजन संघ की स्थापना किसने की थी - महात्मा गांधी U.D.A./L.D.A. (Pre) 2007/P.C.S. (Mains) 2006
- राष्ट्रपिता महात्मा गांधी ने अखिल भारतीय हरिजन संघ (या हरिजन सेवक संघ) की स्थापना 1932 में की थी।
- 1933 में उन्होंने साप्ताहिक हरिजन नामक पत्रिका का प्रकाशन भी प्रारंभ किया था।
- अखिल भारतीय हरिजन संघ का अध्यक्ष गांधीजी ने घनश्याम दास बिड़ला को बनाया था।
दलित वर्गो का संघ स्थापित किया गया था - डॉ.बी.आर. अम्बेडकर द्वारा U.P.P.C.S. (Pre) 2000
- 1920 ई. में डॉ. भीमराव अम्बेडकर द्वारा दि आल इंडिया डिप्रेस्ड क्लास फेडरेशन (दलित वर्गो का संघ) की स्थापना की गई थी।
- 1924 ई. में डॉ.भीमराव अम्बेडकर ने बंबई में दलित वर्ग संस्थान (बहिष्कृत हितकारिणी सभा) की स्थापना की।
- तीन वर्ष बाद 1927 ई. में उन्होंने मराठी पाक्षिक बहिष्कृत भारत का प्रकाशन आरंभ किया तथा इसी वर्ष सवर्ण हिंदुओं तथा अछूतों में सामाजिक समानता के सिद्धान्त का प्रचार करने हेतु उन्होंने समाज समता संघ स्थापित किया।
- जीवन के अंतिम समय में उन्होंने बौद्ध धर्म अपना लिया था।
हरिजन सेवक संघ का पूर्व नाम था - ऑल इंडिया एंटी अनटचेबिलिटी लीग U.P.P.C.S. (Mains) 2014
- महात्मा गांधी ने 30 सितंबर, 1932 को समाज से अस्पृश्यता मिटाने हेतु ऑल इंडिया एंटी अनटचेबिलिटी लीग की स्थापना की जिसका नाम आगे चलकर हरिजन सेवक संघ पड़ा।
किसने कहा था महात्मा गांधी क्षणिक भूत की भांति धूल उठाते हैं लेकिन स्तर नहीं - डॉ.बी.आर. अम्बेडकर U.P.P.C.S. (Mains) 2004
- 14 अगस्त, 1931 को बंबई में महात्मा गांधी से वार्ता के दौरान डॉ.बी.आर. अम्बेडकर ने कहा था इतिहास बताता है कि महात्मा क्षणिक भूत की भांति धूल उठाते हैं लेकिन स्तर नहीं उठाते।
- ज्ञातव्य है कि दलितों की स्थिति के बारे में गांधीजी तथा अम्बेडकर के बीच मतभेद था।
- ब्रिटिश प्रधानमंत्री रैम्जे मैक्डोनॉल्ड द्वारा घोषित कम्युनल अवॉर्ड में दलितों को पृथक प्रतिनिधित्व दिए जाने के बाद 20 सितंबर, 1932 को महात्मा गांधी ने आमरण अनशन प्रारंभ किया।
- 24 सितंबर को अम्बेडकर और गांधीजी के अनुयायियों के बीच पूना समझौता हुआ।
भीमराव अम्बेडकर
- भीमराव रामजी अम्बेडकर (14 अप्रैल, 1891 - 06 दिसंबर, 1956) 65 वर्ष
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- बाबासाहब अम्बेडकर नाम से लोकप्रिय थे - आधुनिक मनु
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- समाधि स्थल - चैत्य भूमि, मुंबई, महाराष्ट्र
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- 1956 में उन्होंने बौद्ध धर्म अपना लिया
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- 1990 में उन्हें भारत रत्न, भारत के सर्वोच्च नागरिक सम्मान से मरणोपंरात सम्मानित किया गया था।
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