वृहत वृत्त -
यह वह रेखा होती है जो गोले को दो समान परिधियों वाले गोलार्द्धों में विभाजित करती है। पृथ्वी पर सभी देशांतरों के अतिरिक्त विषुवत रेखा भी वृहत वृत्त है। विषुवत रेखा के अतिरिक्त कोई भी अक्षांश वृहत वृत्त नहीं है। क्योंकि वे विषुवत रेखा की अपेक्षा छोटे होते हैं।
शून्य अंश अक्षांश रेखा (विषुवत रेखा) एवं शून्य अंश देशांतर रेखा ( प्रधान्ह मध्यान्ह रेखा) का मिलन अफ्रीका के पश्चिम भाग पर स्थित (गिनी की खाड़ी) में होता है। यह खाड़ी अटलांटिक महासागर (अंध महासागर) में स्थित है।
प्रधान देशांतर को ग्रीनविच रेखा के नाम से भी जाना जाता है। यह शून्य अंश देशांतर रेखा होती है। इसके ठीक विपरीत 180 अंश देशांतर रेखा होती है। जिसे अंतर्राष्ट्रीय तिथि रेखा के नाम से जाना जाता है। अतः 180 अंश देशांतर प्रधान याम्योत्तर के साथ मिलकर ग्लोब पर वृहत - वृत्त का निर्माण करती है।
प्रधान मध्याह्न रेखा निम्न देशों से होकर गुजरती है।
(1) यूनाइटेड किंगडम (2) फ्रांस (3) स्पेन (4) अल्जीरिया (5) माली (6) बुर्किना फासो (7) टोंगा (8) घाना (9) अंटार्कटिका (द. ध्रुव)
ग्रीनविच (0 अंश देशान्तर रेखा ) रेखा ब्रिटेन से होकर गुजरती है।
यही से संसार के मानक समय की गणना की जाती है। पूर्वी गोलार्द्ध का समय आगे तथा पश्चिमी गोलार्द्ध का समय पीछे रहता है।
सामान्यतः 1 अंश देशांतर पर 4 मिनट का अंतर होता है।
स्थल एवं जल पर विषुवत रेखा कल देशों से होकर गुजरती है। इसका विवरण इस प्रकार है। (1) साओ टोम और प्रिंसिप (2) गैबन (3) कांगो गणराज्य (4) कांगो लोकतांत्रिक गणराज्य (5) उगांडा (6) केन्या (7) सोमालिया (8) मालदीव (9) इंडोनेशिया (10) किरिबाती (11) इक्वेडोर (12) कोलंबिया (13) ब्राजील
विषुवत रेखा / भूमध्य रेखा पर वार्षिक तापांतर सबसे कम पाया जाता है। अर्थात यहां लगभग वर्ष भर सूर्य की किरणें लम्बवत पड़ने से उच्च एवं निम्न तापमान में ज्यादा अंतर नहीं आ पाता है। इन क्षेत्रों में कोई ऋतु नहीं होती है।
भूमध्य रेखा, कर्क रेखा तथा मकर रेखा तीनों अफ्रीका महाद्वीप से गुजरती है। द. अमेरिका महाद्वीप से भमध्य तथा मकर रेखा गुजरती है।
कर्क रेखा विश्व के जिन देशों से होकर गुजरती है। वे इस प्रकार हैं - हवाई द्वीप (सं रा. अमेरिका) मेक्सिको, बहमास, मॉरीतानिया, नाइजर, अल्जीरिया, चाड, लीबिया, सऊदी अरब, मिस्त्र, संयुक्त अरब अमीरात, भारत, बांग्लादेश, म्यांमार, चीन, ओमान।
मकर रेखा इन देशों से होकर गुजरती है। ब्राजील, ऑस्ट्रेलिया, परागुए, मेडागास्कर, अर्जेंटीना, मोजाम्बिक, चिली, द.अफ्रीका, फ्रेंच पोलोनेशिया (फ्रांस), टोंगा, बोत्सवाना एवं नामीबिया।
20/21 मार्च को वसंत विषुव के समय तथा 22/23 सितंबर को शरद विषुव के समय उत्तरी गोलार्द्ध में रात दिन बराबर होते हैं।
उत्तरी गोलार्द्ध में शीत अयनांत अर्थात 21/22 दिसंबर को वर्ष का सबसे छोटा दिन होता है। इसके विपरीत ग्रीष्म अयनांत के समय उत्तरी गोलार्द्ध में 20/21 दिसंबर को सबसे बड़ा दिन होता है।
जेम्स जीन्स ने ज्वारीय परिकल्पना का , एफ होयल एवं लिटिलटन ने नोवा परिकल्पना का प्रतिपादन किया। ओटो श्मिड की परिकल्पना की सबसे बड़ी विशेषता यह है कि उन्होनें ग्रहों की उत्पत्ति गैस एवं धूल कणों से मानी है।
महान हिमयुग पृथ्वी के इतिहास का एक ऐसा युग है। जब बड़े पैमाने पर हिमाच्छादन हुआ था। भगर्भिक समय पैमाने के प्लीस्टोसीन युग के दौरान, जिसकी शुरुआत लगभग 10 लाख वर्ष या इससे अधिक वर्ष पूर्व हुई थी, लगभग सभी महाद्वीपों में ग्लेशियरों का निर्माण हुआ था।
डायनासोर का काल आज से लगभग 6 करोड़ 70 लाख वर्ष पूर्व था। भारत में इसके अवशेषों के गुजरात के खेड़ा जिले राहिओली और मध्य प्रदेश के जबलपुर के बराशिमला पहाड़ियों पर नर्मदा नदी के पास पाए जाने की पुष्टि हुई है।
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