गांधी - इरविन समझौता एवं गोलमेज सम्मेलन
गांधी - इरविन समझौता
गांधी इरविन समझौता हुआ मुख्य रुप से - गोलमेज सम्मेलन में कांग्रेस की भागीदारी सहज करने के लिए U.P. Lower Sub. (Pre) 1998
- गांधीजी ने फरवरी, 1931 में वायसराय लॉर्ड इरविन से भेंट की और उनकी बातचीत पंद्रह दिनों तक चली, जिसके परिणामस्वरुप 5 मार्च, 1931 को एक समझौता हुआ, जिसे गांधी इरविन समझौते के नाम से जाना गया।
- इस समझौते के तहत कांग्रेस को सविनय अवज्ञा आंदोलन स्थगित करना पड़ा।
- कांग्रेस द्वितीय गोलमेज सम्मेलन में भाग लेने के लिए तैयार हो गई।
- वस्तुतः प्रथम गोलमेज सम्मेलन में कांग्रेस शामिल नहीं हुई थी।
- यह समझौता मुख्य रुप से गोलमेज सम्मेलन में कांग्रेस की भागीदारी सहज करने के लिए हुआ था।
गांधी - इरविन समझौता हुआ था - 1931 में B.P.S.C. (Pre) 2000
5 मार्च, 1931 को कौन सा समझौता हुआ - गांधी - इरविन समझौता B.P.S.C. (Pre) 2004
गांधी - इरविन समझौते पर हस्ताक्षर हुए - 1931 में B.P.S.C. (Pre) 2011
- गांधी इरविन समझौता 5 मार्च, 1931 को संपन्न हुआ, इस समझौते के अनुसार......
- 1. गांधीजी के नेतृत्व में कांग्रेस सविनय अवज्ञा आंदोलन स्थगित करने के लिए तैयार हो गई।
- 2. सभी युद्ध बंदियों, जिनके विरुद्ध हिंसा का आरोप नहीं था, को रिहा करने का आदेश।
- 3. विदेशी कपड़ों और शराब की दुकानों पर शांतिपूर्ण धरना देने का अधिकार।
- 4. समुद्र तटीय प्रदेशों में बिना नमक कर दिए नमक बनाने की अनुमति।
- 5. कांग्रेस द्वितीय गोलमेज सम्मेलन में भाग लेने के लिए तैयार हो गई, लेकिन इस समझौते ने जनता को निराश किया क्योंकि भगत सिंह, सुखदेव एवं राजगुरु को फांसी न दिए जाने की जनता की मांग को इसमें सम्मिलित नहीं किया गया था।
किसका स्थगन गांधी - इरविन समझौते में किया जाना प्रस्तावित था - सविनय अवज्ञा आंदोलन U.P.P.C.S. (Pre) 2004
किसने इरविन तथा गांधई को दो महात्मा कहा था - सरोजनी नायडू U.P.P.C.S. (Pre) 2001
गांधी - इरविन समझौते के हस्ताक्षरित होने में किसने महत्वपूर्ण भूमिका निभाई - तेज बहादुर सप्रू B.P.S.C. (Pre) 2005
- सविनय अवज्ञा आंदोलन के विस्तारित होते स्वरुप को देखते हुए वायसराय इलविन ने देश में सौहार्द्र का वातावरण उत्पन्न करने के उद्देश्य से 26 जनवरी, 1931 को गांधीजी को जेल से रिहा कर दिया।
- तेज बहादुर सप्रू तथा एम.आर. जयकर के प्रयत्नों से गांधी एवं इरविन के मध्य फरवरी, 1931 में दिल्ली में वार्ता आरंभ हुई।
- 5 मार्च, 1931 को दोनों के मध्य एक समझौता हुआ जो गांधी - इरविन समझौते के नाम से जाना जाता है।
- इस समझौते के परिप्रेक्ष्य में सरोजनी नायडू ने गांधी और इरविन को दो महात्मा की संज्ञा दी थी।
किसने गांधी - इरविन समझौते में महात्मा गांधी के लाभ को सांत्वना पुरस्कार कहा था - एलन कैम्पबेल जॉनसन U.P.P.C.S. (Pre) 2014
- इरविन के जीवनीकार, एलन कैम्पबेल जॉनसन ने गांधी - इरविन समझौते में महात्मा गांधी के लाभों को सांत्वना पुरस्कार और इरविन के एकमात्र आत्मसमर्पण के रुप में बातचीत के लिए सहमत होने को कहा था।
गोलमेज सम्मेलन
किस भारतीय नेता ने लंदन में प्रथम गोलमेज कॉन्फ्रेंस में भाग लिया था - मौलाना मुहम्मद अली B.P.S.C. (Pre) 2000
- 27 मई, 1930 को साइमन कमीशन की रिपोर्ट प्रकाशित हुई।
- राजनीतिक संगठनों ने कमीशन की सिफारिशों को अस्वीकार कर दिया।
- कांग्रेस के प्रमुख नेता जेल में थे।
- ब्रिटिश सरकार ने निराशा एवं असंतोष के वातावरण में नवंबर, 1930 में लंदन में प्रथम गोलमेज सम्मेलन बुलाया।
- इस सम्मेलन में 89 भारतीय प्रतिनिधियों ने भाग लिया लेकिन कांग्रेस ने इसमें भाग नहीं लिया।
- इस सम्मेलन में भाग लेने वालों में प्रमुख थे -
- तेजबहादुर सप्रू, श्रीनिवास शास्त्री, मुहम्मद अली जिन्ना, होमी मोदी, एम.आर.जयकर, मुंजे, भीमराव अम्बेडकर, सुंदर सिंह मजीठिया आदि।
उस भारतीय का क्या नाम था जिसनें तीनों गोलमेज सम्मेलनों में भाग लिया था - बी.आर. अम्बेडकर U.P.U.D.A./L.D.A. (Pre) 2006/U.P.P.C.S. (Pre) 2011
- डॉ. भीमराव अम्बेडकर (बी.आर.अम्बेडकर) तीनों गोलमेज सम्मेलनों में भाग लेने वाले भारतीय प्रतिनिधि थे।
लंदन में सम्पन्न हुए गोलमेज सम्मेलन में भारतीय ईसाइयों का प्रतिनिधित्व किसने किया था - के.टी.पाल U.P.P.C.S. (Pre) 2000
- सेंट जेम्स महल (लंदन) में सम्पन्न प्रथम गोलमेज सम्मेलन (1930) में भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस ने भाग नहीं लिया था।
- इस सम्मेलन में ईसाइयों का प्रतिनिधित्व के.टी.पाल ने किया था।
- इस सम्मेलन का उद्घाटन ब्रिटिश सम्राट ने किया तथा इसकी अध्यक्षता ब्रिटिश प्रधानमंत्री रैम्जे मैक्डोनॉल्ड ने की थी।
द्वितीय गोलमेज सम्मेलन में कांग्रेस का प्रतिनिधित्व किसने किया - महात्मा गांधी R.A.S./R.T.S. (Pre) 2008
- 7 सितंबर, 1931 से 1 दिसंबर, 1931 तक चले द्वितीय गोलमेज सम्मेलन में महात्मा गांधी ने कांग्रेस के एकमात्र प्रतिनिधित्व के रुप में इस सम्मेलन में हिस्सा लिया था।
- गांधीजी एस.एस.राजपूताना नामक जलपोत से लंदन पहुंचे तथा वे लंदन के किंग्सले हाल में ठहरे थे।
- इनके अलावा सरोजनी नायडू तथा मदन मोहन मालवीय ने भी इस सम्मेलन में हिस्सा लिया।
- एनी बेसेंट ने भी इस सम्मेलन में भाग लिया था।
महात्मा गांधी, जब द्वितीय गोलमेज सभा में भाग लेने लंदन गए थे, ठहरे थे - किंग्सले हाल में U.P.P.C.S. (Mains) 2003
- दूसरा गोलमेज सम्मेलन लंदन में सितंबर, 1931 से दिसंबर, 1931 तक चला।
- गांधीजी एस.एस.राजपूताना नामक जलपोत से लंदन पहुंचे तथा वे लंदन के किंग्सले हाल में ठहरे थे।
कौन से गोलमेज सम्मेलन में गांधीजी ने शिरकत की - केवल द्वितीय U.P. Lower Sub. (Mains) 2015
- 5 मार्च, 1931 को महात्मा गांधी एवं वायसराय लॉर्ड इरविन के बीच एक समझौता हुआ इसे दिल्ली पैक्ट के नाम से भी जाना जाता है।
- इसमें कांग्रेस की ओर से गांधीजी ने निम्नलिखित बातों को स्वीकार किया -
- 1. सविनय अवज्ञा आंदोलन स्थगित कर दिया जाएगा।
- 2. कांग्रेस निकट भविष्य में होने वाले दूसरे गोलमेज सम्मेलन में भाग लेगी।
- 3. कांग्रेस ब्रिटिश सामान का बहिष्कार नहीं करेगी।
- 4. गांधीजी पुलिस द्वारा की गई ज्यादतियों के बारे में जांच की मांग नहीं करेंगे।
- (दूसरे गोलमेज सम्मेलन में महात्मा गांधी ने राष्ट्रीय कांग्रेस का प्रतिनिधित्व किया था)
द्वितीय गोलमेज सम्मेलन किस प्रश्न पर असफल रहा - सांप्रदायिक प्रतिनिधित्व B.P.S.C. (Pre) 1996
- द्वितीय गोलमेज सम्मेलन 7 सितंबर, 1931 को प्रारंभ हुआ, जिसमें महात्मा गांधी कांग्रेस के एकमात्र प्रतिनिधि के रुप में सम्मिलित हुए थे।
- यह सम्मेलन सांप्रदायिक समस्या पर विवाद के कारण पूरी तरह असफल रहा।
- दलित नेता भीमराव अम्बेडकर ने दलितों के लिए पृथक निर्वाचन मंडल की मांग की जिसे गांधीजी ने अस्वीकार कर दिया।
- अंततः सांप्रदायिक प्रतिनिधित्व पर गतिरोध के कारण यह सम्मेलन 1 दिसंबर, 1931 को समाप्त घोषित कर दिया गया।
गोलमेज सम्मेलनों में से किसका प्रतिनिधित्व भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस ने किया था - द्वितीय गोलमेज सम्मेलन U.P.P.C.S. (Pre) 2000
- प्रथम गोलमेज सम्मेलन 12 नवंबर, 1930 से 13 जनवरी, 1931 तक लंदन में आयोजित किया गया जिसमें भारतीय उदारवादी दल, मुस्लिम लीग, हिंदू महासभा, दलित वर्ग, व्यापारी वर्ग तथा रजवाड़ों के प्रतिनिधियों ने भाग लिया किंतु कांग्रेस इसमें सम्मिलित नहीं हुई।
- दूसरा गोलमेज सम्मेलन लंदन में 7 सितंबर, 1931 से 1 दिसंबर, 1931 तक चला इसमें कांग्रेस के एकमात्र प्रतिनिधि के रुप में गांधीजी ने हिस्सा लिया।
- लंदन में तीसरा गोलमेज सम्मेलन 17 नवंबर, 1932 से 24 दिसंबर, 1932 तक चला, कांग्रेस ने इस सम्मेलन का बहिष्कार किया।
प्रथम गोलमेज सम्मेलन में किसने दलित वर्ग के लिए अलग निर्वाचक मंडल की मांग रखी - डॉ. भीमराव अम्बेडकर I.A.S. (Pre) 2005
- प्रथम गोलमेज सम्मेलन में डॉ. अम्बेडकर ने दलित वर्ग के लिए अलग निर्वाचक मंडल की मांग रखी थी।
- कांग्रेस ने प्रथम और तृतीय गोलमेज सम्मेलन में भाग नहीं लिया था।
- पूना पैक्ट में प्रावधानित था कि स्थानीय निकायों के चुनाव या लोक सेवाओं में नियुक्ति के लिए दलित वर्गों के सदस्यों के लिए कोई निर्बंधन आरोपित नहीं किए जाएंगे तथा इनमें दलित वर्गो के उचित प्रतिनिधित्व के लिए हरसंभव प्रयास किए जाएंगे।
कौन - सा गोलमेज सम्मेलन 1932 में हुआ था - तीसरा B.P.S.C. (Pre) 2011/B.P.S.C. (Pre) 2015
किस गोलमेज सम्मेलन में भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के प्रतिनिधियों ने प्रथम बार भाग लिया था - द्वितीय गोलमेज सम्मेलन U.P.P.C.S. (Spl) (Mains) 2004
- द्वितीय गोलमेज सम्मेलन में भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के प्रतिनिधि ने प्रथम बार भाग लिया था।
- यह सम्मेलन लंदन में 7 सितंबर, 1931 से 1 दिसंबर, 1931 तक चला।
- इसमें कांग्रेस के एकमात्र प्रतिनिधि के रुप में गांधीजी ने हिस्सा लिया।
- लेकिन गतिरोधों के कारण सम्मेलन 1 दिसंबर को समाप्त घोषित कर दिया गया एवं गांधीजी को लंदन से खाली हाथ वापस आना पड़ा।
- स्वदेश पहुंचने पर गांधीजी ने कहा, यह सच है कि मैं खाली हाथ लौटा हूँ किंतु मुझे संतोष है कि जो ध्वज मुझे सौंपा गया था, उसे नीचे नहीं होने दिया और उसके सम्मान के साथ समझौता नहीं किया।
EXAM SPECIAL
घटनाएं | कालानुक्रम |
गांधी - इरविन समझौता | 05 मार्च, 1931 |
भगत सिंह, राजगुरु, सुखदेव को फांसी | 23 मार्च, 1931 |
भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस का कराची अधिवेशन | 26 - 29 मार्च, 1931 |
प्रथम गोलमेज सम्मेलन | 12 नवंबर, 1930 - 13 जनवरी, 1931 |
द्वितीय गोलमेज सम्मेलन | 07 सितंबर, 1931 - 01 दिसंबर, 1931 |
पूना समझौता | 24 सितंबर, 1932 |
तृतीय गोलमेज सम्मेलन | 17 नवंबर, 1932 - 24 दिसंबर, 1932 |
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