गुप्त काल

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गुप्त काल

गुप्तवंश ने किस अवधि में शासन किया - 275-550 ई.        P.C.S. (Pre) 2003

  • गुप्तवंश ने 275-550 ई. तक शासन किया।
  • इस वंश की स्थापना लगभग 275 ई. में महाराज श्री गुप्त द्वारा की गई थी, लेकिन गुप्त वंश का प्रथम शक्तिशाली शासक चंद्रगुप्त प्रथम था जिसने 319-335 ई. तक शासन किया।
  • इसने अपनी महत्ता सूचित करने के लिए अपने पूर्वजों के विपरीत महाराजधिराज की उपाधि धारण की।

किस शासक ने चार अश्वमेघों का संपादन किया था - प्रवरसेन प्रथम        U.P.P.C.S. (Mains) 2003/U.P.P.C.S. (Mains) 2011

  • वाकाटक शासक प्रवरसेन प्रथम ने चार अश्वमेध यज्ञों का संपादन किया।
  • इसके साथ ही उसने अनेक वैदिक यज्ञ भी किए।
  • इसी वंश के शासक प्रवरसेन द्वितीय की रुचि साहित्य में थी, उन्होंने सेतुबंध नामक ग्रंथ की रचना की।

प्राचीन भारत का नेपोलियन किसे कहा जाता है - समुद्रगुप्त        B.P.S.C. (Pre) 2015               

भारत का नेपोलियन किसे कहा जाता है - समुद्रगुप्त        U.P.P.C.S. (Pre) 1990/P.C.S. (Mains) 2005/U.P. Lower Sub. (Pre) 2009        

  • इतिहासकार विंसेंट स्मिथ ने अपनी रचना अर्ली हिस्ट्री ऑफ इंडिया में समुद्रगुप्त की वीरता एवं विजयों पर मुग्ध होकर उसे भारतीय नेपोलियन की संज्ञा दी है।

किस गुप्त राजा का एक अन्य नाम देवगुप्त था - चंद्रगुप्त द्वितीय         U.P.P.C.S. (Mains) 2007        

  • गुप्त शासक चंद्रगुप्त द्वितीय विक्रमादित्य का एक अन्य नाम देवगुप्त मिलता है।
  • इसका प्रमाण साची एवं वकाटक अभिलेखों से मिलता है।
  • उसके अन्य नाम देवराज तथा देवश्री भी मिलते है।

परम भागवत उपाधि धारण करने वाला प्रथम गुप्त शासक था - चंद्रगुप्त द्वितीय         U.P.P.C.S. (Pre) 2015

  • चंद्रगुप्त द्वितीय विक्रमादित्य वह प्रथम गुप्त शासक था जिसने परम भागवत की उपाधि धारण की थी।
  • मेहरौली लेख के अनुसार उसने विष्णुपद पर्वत पर विष्णुध्वज की स्थापना कराई थी।

प्रयाग प्रशस्ति किसके सैन्य अभियान के बारे में जानकारी देती है - समुद्रगुप्त        U.P. Lower Sub. (Pre) 2004        

  • इलाहाबाद का अशोक स्तंभ अभिलेख समुद्रगुप्त के शासन के बारे में सूचना प्रदान करता है।
  • इस स्तंभ पर समुद्रगुप्त के संधि विग्रहिक हरिषेण जिसे प्रयाग प्रशस्ति कहा गया है।
  • इसमें समुद्रगुप्त के विजयों का उल्लेख है।
  • अशोक निर्मित यह स्तंभ मूलतः कौशाम्बी में स्थित था जिसे अकबर ने इलाहाबाद में स्थापित करवाया था।
  • इस स्तंभ पर जहाँगीर तथा बीरबल का भी उल्लेख है।

पृथिव्या प्रथम वीर उपाधि थी - समुद्रगुप्त की        U.P.P.C.S. (Pre) 2016        

  • इतिहासकार तेज रामशर्मा ने अपनी पुस्तक ए पॉलिटिकल हिस्ट्री ऑफ द इंपीरियल गुप्ताज में उल्लेख किया है कि समुद्रगुप्त ने अश्वमेध यज्ञ किया जिसके बाद उसने पृथिव्यामा प्रतिरथ की उपाधइ ग्रहण की जिसका अर्थ है - ऐसा व्यक्ति जिसका पृथ्वी पर कोई प्रतिद्वंदी न हो (पृथ्वी का प्रथम वीर)।

हूणों ने भारत पर आक्रमण किया था - स्कंदगुप्त के शासनकाल में        U.P.P.C.S. (Mains) 2006

  • हूणों का पहला भारतीय आक्रमण गुप्त सम्राट स्कंदगुप्त के शासनकाल में (455 ई. में) हुआ तथा स्कंदगुप्त के हाथों वे बुरी तरह परास्त हुए।
  • यह आक्रमण एक धावा मात्र रहा और देश के ऊपर इसका कोई तत्कालिक प्रभाव नही पड़ा। लेकिन इसने गुप्त साम्राज्य के पतन की गति को तेज कर दिया।
  • स्कंदगुप्त की मृत्यु के बाद 5 वीं शताब्दी ई. के अंत तथा 6 वीं शताब्दी ई. के प्रारंभ में उत्तर - पश्चिम के कई क्षेत्रों पर हूणों ने कब्जा कर लिया था।
  • भितरी स्तंभ लेख से ज्ञात होता है कि स्कंदगुप्त ने हूणों को पराजित किया था।

शक विजेता किसे जाना जाता है - चन्द्रगुप्त द्वितीय        U.P.U.D.A./L.D.A. ( Pre) 2010 

  • शकों को हराने के कारण चंद्रगुप्त विक्रमादित्य की एक अन्य उपाधि शकारि भी है।
  • उसने इस उपलक्ष्य में चांदी के सिक्के भी चलाए।

रजत सिक्के जारी करने वाला प्रथम गुप्त शासक कौन था - चन्द्रगुप्त द्वितीय        U.P.U.D.A./L.D.A. (Spl) (Mains) 2010        

  • रजत सिक्के जारी करने वाला प्रथम गुप्त शासक चन्द्रगुप्त द्वितीय विक्रमादित्य था जिसको गुप्त काल में रुप्यक (रुपक) कहा जाता था।

गुप्तकाल में उत्तर भारतीय व्यापार किस एक पत्तन से संचालित होता था - ताम्रलिपि        I.A.S. (Pre) 1999

  • गुप्तकाल में बंगाल में ताम्रलिप्ति एक प्रमुख बंदरगाह था, जहाँ से उत्तर भारतीय व्यापार एवं साथ ही दक्षिण - पूर्व एशिया, चीन, लंका, जावा, सुमात्रा आदि देशों के साथ व्यापार होता था।
  • पश्चिम भारत का प्रमुख बंदरगाह भृगुकच्छ (भड़ौच) था जहाँ से पश्चिमी देशों के साथ समुद्री व्यापार होता था।
  • गुप्तकाल में गुजरात, बंगाल, दक्कन एवं तमिलनाडु वस्त्र उत्पादन के लिए प्रसिद्ध थे।
  • वस्त्र उद्योग, गुप्तकाल का प्रमुख उद्योग था।
  • गुप्तकाल में अंतर्राष्ट्रीय व्यापार के प्रमुख केंद्र थे ---- ताम्रलिप्ति, भृगुकच्छ, आरिकामेडु, कावेरीपत्तनम, मुजीरिस, प्रतिष्ठान, सोपारा, बारबेरिकम।

गुप्तकाल में कौन अपनी आयुर्विज्ञान विषयक रचना के लिए जाना जाता है - सुश्रुत        I.A.S. (Pre) 1996/U.P. Lower Sub. (Spl) (Pre) 2002   

  • आयुर्वेद तथा चिकित्सा के क्षेत्र में प्राचीन भारत की चरम परिणति चरक एवं सुश्रुत में मिलती है।
  • गुप्तकालीन सुश्रुत संहिता में चिकित्सक के ज्ञान एवं कार्य-कुशलता को समान रुप से महत्व दिया गया है।

चंद्रगुप्त के नौ रत्नों में से कौन फलित - ज्योतिस से संबंधित था - क्षपणक        U.P. Lower Sub. (Spl) (Pre) 2008

  • चंद्रगुप्त द्वितीय विक्रमादित्य के कुशल शासन की प्रशंसा चीनी यात्री फाह्यान ने भी की है।
  • चंद्रगुप्त द्वितीय के नवरत्नों के नाम व कार्य ----
  • (1) कालीदास        -        महाकवि
  • (2) धनवंतरि          -        चिकित्सक
  • (3) वराहमिहिर      -        खगोल विज्ञान
  • (4) अमर सिंह       -         कोशकार (डिक्शनरी निर्माणकर्ता)
  • (5) शंकु               -         वास्तुकार
  • (6) क्षपणक          -         रत्न फलित - ज्योतिस
  • (7) वररुचि           -         विद्वान वैयाकरणज्ञ
  • (8) वेतालभट्ट        -         जादूगर
  • (9) घटकर्पर         -         महान कूटनीतिज्ञ

कौन गुप्तकालीन स्वर्ण मुद्रा है - दीनार        U.P.P.C.S. (Pre) 1992        

  • गुप्तकाल में स्वर्ण मुद्रा को दीनार कहा जाता था।
  • चीनी यात्री फाह्यान के अनुसार - लोग दैनिक क्रय - विक्रय में कौड़ियों का प्रयोग करते थे।
  • गुप्तकाल में रजत मुद्राओं को रुपक कहा जाता था।

किस गुप्त शासक ने सर्वप्रथम सिक्के जारी किए - चंद्रगुप्त प्रथम ने        U.P.P.C.S. (Mains) 2010/U.P.P.C.S. (Pre) 2011

  • गुप्त शासको में चंद्रगुप्त प्रथम द्वारा सर्वप्रथम सिक्के जारी किए गए।
  • चंद्रगुप्त प्रथम के पूर्व के शासक श्री गुप्त एवं घटोत्कच द्वारा सिक्के जारी करने का कोई साक्ष्य उपलब्ध नहीं है।
  • समुद्रगुप्त द्वारा भी कई प्रकार के सिक्के जारी किए गए थे, लेकिन इसका काल चंद्रगुप्त प्रथम के बाद का है।

गुप्तकाल में लिखित संस्कृत नाटकों में स्त्री और शूद्र क्या बोलते थे - प्राकृत भाषा        I.A.S. (Pre) 1995

  • गुप्तकाल में लिखित संस्कृत नाटकों में स्त्री और शूद्र प्राकृत भाषा बोलते थे, जब कि उच्च वर्ग के लोग संस्कृत भाषा बोलते थे।

सती प्रथा का प्रथम अभिलेखिक साक्ष्य प्राप्त हुआ है - एरण से        U.P.P.C.S. (Mains) 2010

  • सती प्रथा का प्रथम अभिलेखिक साक्ष्य एरण से प्राप्त हुआ है।
  • यह अभिलेख 510 ई. का है - जिसने गोपराज नामक सेनापति की स्त्री के सती होने का उल्लेख है.

प्राचीन भारत में किस वंश का शासनकाल स्वर्ण युग कहा जाता है - गुप्तकाल        U.P.P.C.S. (Spl) (Pre) 2004

  • गुप्तकाल में कला एवं साहित्य में हुई प्रगति के आधार पर इस काल को प्राचीन भारत का स्वर्ण युग कहा जाता है।
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Exam List

गुप्त काल - 01
  • Question 20
  • Min. marks(Percent) 50
  • Time 20
  • language Hin & Eng.
गुप्त काल - 02
  • Question 20
  • Min. marks(Percent) 50
  • Time 20
  • language Hin & Eng.
गुप्त काल - 03
  • Question 20
  • Min. marks(Percent) 50
  • Time 20
  • language Hin & Eng.
गुप्त काल - 04
  • Question 20
  • Min. marks(Percent) 50
  • Time 20
  • language Hin & Eng.
गुप्तवंशीय शासक से संबंधित महत्वपूर्ण प्रश्न
  • Question 46
  • Min. marks(Percent) 50
  • Time 50
  • language Hin & Eng.
गुप्त वंश
  • Question 27
  • Min. marks(Percent) 50
  • Time 40
  • language Hin & Eng.
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