हड़प्पा सभ्यता एवं संस्कृति

About Chapter

सैंधव सभ्यता एवं संस्कृति

मानव समाज विलक्षण है क्योंकि वह मुख्यतया आश्रित होता है - संस्कृति पर        U.P.P.C.S.(Spl)(Mains) 1997

  • मानव समाज अपनी विशिष्ट सांस्कृतिक स्थिति के कारण विलक्षण होता है।
  • संस्कृति ही मानव की धारणाओं एवं रहन-सहन का निर्धारण करती है और उसे प्राणीजगत में विशिष्ट बनाती है।

हड़प्पा में से किस सभ्यता से संबद्ध है - सिंधु घाटी सभ्यता        M.P.P.C.S.(Pre) 1990

  • हड़प्पा नामक पुरास्थल सिंधु घाटी सभ्यता से संबंधित है।
  • इस सभ्यता का प्रथम पुरातात्विक प्रमाण हड़प्पा से प्राप्त होने के कारण सैंधव सभ्यता को हड़प्पा सभ्यता के नाम से भी जाना जाता है।

हड़प्पा संस्कृति की जानकारी का प्रमुख स्त्रोत है - पुरातात्विक खुदाई        U.P.P.C.S. (Pre) 1996/U.P.P.C.S.(Pre) 1994

  • हड़प्पा सभ्यता की लिपि का वाचन अभी नहीं हो सका है, अतः सभ्यता से संबद्ध अनेकों पुरास्थलों से प्राप्त पुुरावशेष ही हड़प्पा संस्कृति के विशिष्ट तत्वों पर प्रकाश डालते है।

सिंधु सभ्यता संबंधित है - आद्य ऐतिहासिक युग से        U.P.P.C.S.(Pre) 1996/U.P.P.C.S.(Pre) 1994

  • ऐतिहासिक काल का निर्धारण पठनीय लेखन कला के ज्ञान के आधार पर किया जाता है।
  • लेखन कला के ज्ञान से पहले का कालखंड - आद्य - ऐतिहासिक कालखंड होता है।
  • भारतीय इतिहास में 2500 B.C. से 600 B.C. का कालखंड आद्य - ऐतिहासिक कालखंड माना गया है।

सिंधु घाटी की सभ्यता गैर - आर्य थी, क्यों कि - वह नगरीय सभ्यता थी        U.P.P.C.S.(GIC) 2010

  • सिंधु घाटी की स्भयता गैर - आर्य मुख्य रुप से इसलिए थी क्योंकि वह नगरीय सभ्यता थी जबकि आर्य सभ्यता ग्रामीण थी।

सिंधु घाटी के निवासियों की सभ्यता को जानने का मूल स्त्रोत है, वहाँ पाई गई - बर्तन, जेवर, हथियार, औजार        R.A.S./R.T.S.(Pre) 1996

  • सैंधव सभ्यता से संबद्ध विभिन्न पुरास्थलाों की खुदाई के फलस्वरुप वहां से प्राप्त पुरावशेष - बर्तन, जेवर, हथियार तथा औजार आदि सैंधव घाटी के निवासियों की सभ्यता को जानने के मूल स्त्रोत हैं, क्योंकि सैंधव लिपि का अभी तक वाचन नहीं हो सका है।

भारत में चांदी की उपलब्धता के प्राचीनतम साक्ष्य मिलते है - हड़प्पा संस्कृति में        I.A.S.(Pre) 1994

  • हड़प्पावासियों को चांदी की जानकारी थी।
  • मोहनजोदाड़ो और हड़प्पा के निवासियों के मध्य इसके विधिवत प्रयोग के साक्ष्य मिलते हैं।
  • ये लोग राजस्थान की जावर और अजमेर खानों से चांदी प्राप्त करते रहे होंगे।
  • चांदी के लिए अन्य मुख्य स्त्रोत, मुख्यतः हड़प्पा और मोहनजोदाड़ो के लिए अफगानिस्तान और ईरान थे।

मूर्ति पूजा का आरंभ कब से माना जाता है - पूर्व आर्य        U.P.P.C.S.(Pre) 1992

  • मूर्ति पूजा का प्रारंभ पूर्व आर्य काल से माना जाता है।
  • सैंधव सभ्यता में मूर्ति पूजा प्रचलित थी।
  • इसके उदाहरण मोहनजोदाड़ो से प्राप्त एक मुहर पर अंकित देवता की आकृति एवं देव - प्रतिमाओं के साथ ही साथ अनेक सैंधव पुरास्थलों से प्राप्त मातृ देवी की मृण्मूर्तियां हैं।

सैंधव सभ्यता का महान स्नानागार कहां से प्राप्त हुआ है - मोहनजोदड़ो        U.P.P.C.S.(Pre) 1992

  • सैंधव सभ्यता के महान स्नानागार के साक्ष्य मोहनजोदड़ो से प्राप्त हुए है।
  • इसकी लंबाई उत्तर से दक्षिण की ओर 55 मीटर और चौड़ाई पूर्व से पश्चिम दिशा की ओर 33 मीटर है।
  • इसके मध्य में निर्मित स्नानकुंड की लंबाई 11.8मी., चौड़ाई 7.04मी. और गहराई 2.43 मी. है।

चन्हूदड़ो के उत्खनन का निर्देशन किया था - जे.एच. मैके ने        U.P. Lower Sub.(Pre) 2015

  • मोहनजोदड़ो से लगभग 130 किमी. दक्षिण - पूर्व में स्थित इस स्थल की खोज सर्वप्रथम 1931 ई. में एन.जी. मजूमदार ने किया तथा 1935 ई. में मैके ने यहां उत्खनन करवाया।
  • मैके ने यहां से मनका बनाने का कारखाना तथा भट्टी की खोज किया है। चन्हूदड़ो से किलेबंदी के साक्ष्य नहीं मिलते। यहां से प्राप्त कुछ ईटें वक्राकार हैं।

सिंधु सभ्यता का कौन - सा स्थान भारत में स्थित है - लोथल        U.P.P.C.S.(Pre) 1995

  • सिंधु सभ्यता से संबधित लोथल नामक पुरास्थल गुजरात के अहमदाबाद जिले में भोगवा नामक नदी के तट पर सरगवल गांव से 2 कि.मी. उत्तर में स्थित है।
  • इसकी खोज एस.आर. राव ने 1954 में की थी।
  • हड़प्पा और मोहनजोदड़ो पाकिस्तान में स्थित है।

वह हड़प्पीय नगर, जिसका प्रतिनिधित्व लोथल का पुरातत्व स्थल करता है, किस नदी पर स्थित था - भोगवा        U.P.P.C.S.(Mains) 2012

  • हड़प्पीय नगर लोथल गुजरात के अहमदाबाद जिले में भोगवा नदी के किनारे स्थित है।
  • यहां पुरातत्वविद रंगनाथ राव के नेतृत्व में 1957 - 58 में खुदाई कराई गई थी।
  • यहां की सर्वाधिक महत्वपूर्ण उपलब्धि हड़प्पाकालीन बंदरगाह है।

हड़प्पा सभ्यता स्थल - लोथल स्थित है - गुजरात में        U.P.P.C.S.(Mains) 2009/P.C.S(Pre) 2010

सिंधु घाटी सभ्यता का पत्तन नगर था - लोथल        U.P.P.C.S.(Pre) 1999

  • लोथल सिंधु घाटी सभ्यता का एकमात्र ऐसा स्थल है जहां से पत्तन या बंदरगाह के साक्ष्य मिले हैं, जो नगर के ठीक पूर्व में स्थित है।

हड़प्पा का उत्खनन करने वाला प्रथम पुरात्वविद जो इसके महत्व को नहीं समझ पाया था - ए. कनिंघम        U.P.P.C.S.(Mains) 2006

  • ए.कनिंघम महोदय ने भारतीय उपमहाद्वीप के ऐतिहासिक महत्व के टीलों की खोज की थी लेकिन वह हड़प्पा के टीलों के महत्व को नहीं जान सके थे।
  • उसके बाद जॉन मार्शल के दिशा निर्देशन में राखलदास बनर्जी तथा दयाराम साहनी ने मोहनजोदड़ो तथा हड़प्पा के टीलों का विस्तृत उत्खनन कराया।

सिंधु सभ्यता की विकसित अवस्था में किस स्थल से घरों में कुओं के अवशेष मिले हैं - मोहनजोदड़ों        U.P.P.C.S.(Pre) 2004

  • मोहनजोदड़ों के ध्वंसावशेष पाकिस्तान के सिंध प्रांत के लरकाना जिले में सिंधु नदी के दाहिने तट पर स्थित है।
  • यहां लगभग प्रत्येक घर में निजी कुएं एवं स्नानागार होते थे और पानी के निकास के लिए नालियों की व्यवस्था थी।
  • अनेक घरों में शौचालय भी बने हुए थे।

हाथी दांत का पैमाना हड़प्पीय संदर्भ में मिला है - लोथल में        U.P.R.O./A.R.O.(Mains) 2014

  • हड़प्पा सभ्यता भारत की प्राचीनतम सभ्यता थी।
  • हड़पाई संदर्भ में हाथी दांत का पैमाना लोथल से मिला है।
  • यह गुजरात में है।

हड़प्पन संस्कृति के संदर्भ में शैलकृत स्थापत्य के प्रमाण कहां से मिले है - धौलावीरा        U.P.P.C.S.(Mains) 2016

  • धौलावीरा हड़प्पा सभ्यता की भारत में स्थित दूसरी सबसे बड़ी (प्रथम राखीगढ़ी) बस्ती है।
  • यह गुजरात के कच्छ के रन में अवस्थित है।
  • इसकी खुदाई 1992 ई. में आर. एस. बिस्ट और उनके सहयोगियों ने की।
  • धौलावीरा से उत्खनन के परिणाम स्वरुप हड़प्पा सभ्यता की अनेक महत्वपूर्ण जानकारियां प्राप्त की गई।
  • इन खोजों में 7 मीटर गहरा तथा 79 मीटर लंबा शैलकृत जलकुंड महत्वपूर्ण है।

कौन - सा हड़प्पीय नगर तीन भागों में विभक्त है - धौलावीरा        U.P.R.O./A.R.O.(Mains) 2013

  • धौलावीरा गुजरात के कच्छ जिले में स्थित एक हड़प्पीय नगर था।
  • यह नगर आयताकार बना था।
  • इस नगर को तीन भागों - किला, मध्य नगर एवं निचला नगर में विभाजित किया गया था।

हड़प्पन स्थल सनौली के अभी हाल में उत्खननों से प्राप्त हुए है - मानव शवाधान        U.P. Lower Sub.(Pre) 2004 

  • उत्तर प्रदेश के बागपत जिले में बरोट तहसील के सनौली नामक हड़प्पन पुरास्थल से क्रमबद्ध रुप से 125 मानव शवाधान प्राप्त हुए हैं जिनकी दिशा उत्तर से दक्षिण है।
  • इन शवाधानों के साथ दैनिक उपयोग की वस्तुएं भी मिली हैं जिनमें गहनें प्रमुख है।
  • इनके साथ ही इनमें कुछ जानवरों की हड्डिया भी प्राप्त हुई हैं।

वस्त्रों के लिए कपास की खेती का आरंभ सबसे पहले किया गया - भारत में        U.P.P.C.S.(Pre) 2006

  • वस्त्रों के लिए कपास का उत्पादन सर्वप्रथम भारत में किया गया।
  • 1922 ई. में राखालदास बनर्जी के नेतृत्व में सिंधु नदी के किनारे स्थित मोहनजोदड़ों (वर्तमान पाकिस्तान के लरकाना जिले में स्थित) उत्खनन से कपास के सूत की प्राप्ति की गई थी।
  • भारत से कपास यूनान गई, जिसे यूनानी हिंडन के नाम से पुकारते थे।
  • भारत में कपास की खेती का प्रारंभ 3000 ई.पू. में किया गया, जबकि मिस्त्र में इसकी खेती 2500 ई.पू. के लगभग शुरु की गई।

किस एक स्थान पर सिंधु - घाटी सभ्यता से संबद्ध विख्यात वृषभ - मुद्रा प्राप्त हुई थी - मोहनजोदड़ो        R.A.S./R.T.S.(Pre) 2008

  • पाकिस्तान के सिंध प्रांत के लरकाना जिले में सिंधु नदी के तट पर स्थित मोहनजोदड़ों (राखालदास बनर्जी द्वारा 1922 में उत्खनित) में अनेक वस्तुएं प्राप्त हुई, जिसमें कूबड़ वाले बैल (ककुदमान वृषभ) की आकृति वाली मुहर भी शामिल थी।

मृण - पट्टिका पर उत्कीर्ण सींगयुक्त देवता की कृति प्राप्त हुई है - कालीबंगा से        U.P. Lower Sub.(Spl)(Pre) 2008 

  • कालीबंगा के मृण - पट्टिका पर एक ओर दोहरे सींग वाले देवता का अंकन है।
  • दूसरी ओर बकरी को दिखाया गया है जिसे एक पुरुष ला रहा है।

सिंधु घाटी के लोग विश्वास करते थे - मातृ शक्ति में        R.A.S./R.T.S.(Pre) 1993        

  • हड़प्पा सभ्यता के ऐसे प्रचुर साक्ष्य मिलते है, जिनके आधार पर यह कहा जा सकता है कि मातृदेवी की उपासना वहां व्यापक रुप से प्रचलित थी।
  • विभिन्न मृण्मूर्तियों, मुद्राओं आदि पर अंकित आकृतियों आदि से जो चित्र उभरता है उससे नारी (शक्ति) उपासना के प्रचलन के साक्ष्य मिलते है।

हड़प्पा -

खोज - दयाराम साहनी

नदी - रावी

प्राचीन नाम - परुष्णी

साक्ष्य - कांस्य गाड़ी, अन्न भण्डार, पारदर्शी वस्त्र पहने एक मूर्ति, गरुड़ चित्रित मुद्रा, कांस्य दर्पण, शंख का बैल, मछुआरे का चित्र।

क्षेत्रफल की दृष्टि से सिंधु सभ्यता का दूसरा सबसे बड़ा स्थल।

मोहनजोदड़ो -

खोज - राखालदास बनर्जी - (1922)

नदी - सिन्धु (दाहिनी तट)

साक्ष्य - पुरोहितों का आवास, विशाल स्नानागार, 16 मकानों का बैरक, कांस्य की नग्न महिला मूर्ति, दाढ़ी वाले पुजारी की मूर्ति, चमकता हुआ बंदर का चित्र, एक श्रृंंगी पशुओं वाली मुद्राएँ।

मोहनजोदड़ो का अर्थ ः- मृतको का टीला।

यह क्षेत्रफल की दृष्टि से सबसे बड़ा नगर था।

रोपड़ -

खोज - यज्ञदत्त शर्मा

नदी - सतलज (बाएं तट)

प्राचीन नाम - शतुद्रि

साक्ष्य - मानव के साथ कुत्ते दफनानें का साक्ष्य तांबे की कुल्हाड़ी।

लोथल - 

खोज - एस.आर.राव (1954)

नदी - भोगवा

साक्ष्य - चालाक लोमड़ी का चिन्ह, चावल के अवशेष।

कालीबंगा -

खोज - ब्रजवासी लाल (1960)

नदी - हड़प्पा -

खोज - दयाराम साहनी

नदी - रावी

प्राचीन नाम - परुष्णी

साक्ष्य - कांस्य गाड़ी, अन्न भण्डार, पारदर्शी वस्त्र पहने एक मूर्ति, गरुड़ चित्रित मुद्रा, कांस्य दर्पण, शंख का बैल, मछुआरे का चित्र।

क्षेत्रफल की दृष्टि से सिंधु सभ्यता का दूसरा सबसे बड़ा स्थल।

मोहनजोदड़ो -

खोज - राखालदास बनर्जी - (1922)

नदी - सिन्धु (दाहिनी तट)

साक्ष्य - पुरोहितों का आवास, विशाल स्नानागार, 16 मकानों का बैरक, कांस्य की नग्न महिला मूर्ति, दाढ़ी वाले पुजारी की मूर्ति, चमकता हुआ बंदर का चित्र, एक श्रृंंगी पशुओं वाली मुद्राएँ।

मोहनजोदड़ो का अर्थ ः- मृतको का टीला।

यह क्षेत्रफल की दृष्टि से सबसे बड़ा नगर था।

रोपड़ -

खोज - यज्ञदत्त शर्मा

नदी - सतलज (बाएं तट)

प्राचीन नाम - शतुद्रि

साक्ष्य - मानव के साथ कुत्ते दफनानें का साक्ष्य तांबे की कुल्हाड़ी।हड़प्पा -

खोज - दयाराम साहनी

नदी - रावी

प्राचीन नाम - परुष्णी

साक्ष्य - कांस्य गाड़ी, अन्न भण्डार, पारदर्शी वस्त्र पहने एक मूर्ति, गरुड़ चित्रित मुद्रा, कांस्य दर्पण, शंख का बैल, मछुआरे का चित्र।

क्षेत्रफल की दृष्टि से सिंधु सभ्यता का दूसरा सबसे बड़ा स्थल।

मोहनजोदड़ो -

खोज - राखालदास बनर्जी - (1922)

नदी - सिन्धु (दाहिनी तट)

साक्ष्य - पुरोहितों का आवास, विशाल स्नानागार, 16 मकानों का बैरक, कांस्य की नग्न महिला मूर्ति, दाढ़ी वाले पुजारी की मूर्ति, चमकता हुआ बंदर का चित्र, एक श्रृंंगी पशुओं वाली मुद्राएँ।

मोहनजोदड़ो का अर्थ ः- मृतको का टीला।

यह क्षेत्रफल की दृष्टि से सबसे बड़ा नगर था।

रोपड़ -

खोज - यज्ञदत्त शर्मा

नदी - सतलज (बाएं तट)

प्राचीन नाम - शतुद्रि

साक्ष्य - मानव के साथ कुत्ते दफनानें का साक्ष्य तांबे की कुल्हाड़ी।हड़प्पा -

खोज - दयाराम साहनी

नदी - रावी

प्राचीन नाम - परुष्णी

साक्ष्य - कांस्य गाड़ी, अन्न भण्डार, पारदर्शी वस्त्र पहने एक मूर्ति, गरुड़ चित्रित मुद्रा, कांस्य दर्पण, शंख का बैल, मछुआरे का चित्र।

क्षेत्रफल की दृष्टि से सिंधु सभ्यता का दूसरा सबसे बड़ा स्थल।

मोहनजोदड़ो -

खोज - राखालदास बनर्जी - (1922)

नदी - सिन्धु (दाहिनी तट)

साक्ष्य - पुरोहितों का आवास, विशाल स्नानागार, 16 मकानों का बैरक, कांस्य की नग्न महिला मूर्ति, दाढ़ी वाले पुजारी की मूर्ति, चमकता हुआ बंदर का चित्र, एक श्रृंंगी पशुओं वाली मुद्राएँ।

मोहनजोदड़ो का अर्थ ः- मृतको का टीला।

यह क्षेत्रफल की दृष्टि से सबसे बड़ा नगर था।

रोपड़ -

खोज - यज्ञदत्त शर्मा

नदी - सतलज (बाएं तट)

प्राचीन नाम - शतुद्रि

साक्ष्य - मानव के साथ कुत्ते दफनानें का साक्ष्य तांबे की कुल्हाड़ी।हड़प्पा -

खोज - दयाराम साहनी

नदी - रावी

प्राचीन नाम - परुष्णी

साक्ष्य - कांस्य गाड़ी, अन्न भण्डार, पारदर्शी वस्त्र पहने एक मूर्ति, गरुड़ चित्रित मुद्रा, कांस्य दर्पण, शंख का बैल, मछुआरे का चित्र।

क्षेत्रफल की दृष्टि से सिंधु सभ्यता का दूसरा सबसे बड़ा स्थल।

मोहनजोदड़ो -

खोज - राखालदास बनर्जी - (1922)

नदी - सिन्धु (दाहिनी तट)

साक्ष्य - पुरोहितों का आवास, विशाल स्नानागार, 16 मकानों का बैरक, कांस्य की नग्न महिला मूर्ति, दाढ़ी वाले पुजारी की मूर्ति, चमकता हुआ बंदर का चित्र, एक श्रृंंगी पशुओं वाली मुद्राएँ।

मोहनजोदड़ो का अर्थ ः- मृतको का टीला।

यह क्षेत्रफल की दृष्टि से सबसे बड़ा नगर था।

रोपड़ -

खोज - यज्ञदत्त शर्मा

नदी - सतलज (बाएं तट)

प्राचीन नाम - शतुद्रि

साक्ष्य - मानव के साथ कुत्ते दफनानें का साक्ष्य तांबे की कुल्हाड़ी।

लोथल -

खोज - एस.आर. राव. (1954)

नदी - भोगवा

साक्ष्य - चालाक लोमड़ी का चिन्ह, चावल के अवशेष।

कालीबंगा -

खोज - ब्रजवासी लाल (1961)

नदी - घग्घर (बाए तट)

प्राचीन नाम - सरस्वती

साक्ष्य - जुते हुए खेत, लकड़ी की नाली, भूकंप के साक्ष्य, अग्नि हवन कुंड, अलंकृत ईट, एक साथ 2 फसल बोने के साक्ष्य।

रंगपुर -

खोज - माधव स्वरुप वत्स (1931)

नदी - रंगपुर - भादर

साक्ष्य - तीन संस्कृतियों के अवशेष, नालियां धान की भूसी, ज्वार-बाजरा।

चन्हूदड़ों -

खोज - एन.जी. मजूमदार (1931)

नदी - सिंधु (बाएं तट)

साक्ष्य - बिल्ली का पीछा करते हुए कुत्ते का साक्ष्य, मनके बनाने का कारखाना, लिपिस्टिक कांस्य गाड़ी वक्राकार ईट, काजल, पाउडर, कंघा।

सुरकोटदा -

खोज - जगपति जोशी

नदी - सरस्वती

साक्ष्य - घोड़े की हड्डी, कलश शवाधान, तराजू का पलड़ा।

बनावली -

खोज - बनावली - रवीन्द्र सिंह विष्ट (1973)

नदी - सरस्वती

साक्ष्य - जौ, मिट्टी का हल, सड़को पर बैल गाड़ी

आलमगीरपुर -

खोज - यज्ञदत्त शर्मा

नदी - हिंडन

साक्ष्य - मृदभांड बर्तनो पर गिलहरी की चित्रकारी।

कोटदीजी -

खोज - घुरये+फजल अहमद खाँ (1935-1955)

नदी - सिंधु (बाएं तट)

साक्ष्य - कच्चे ईटों के मकान व चूल्हें।

सुत्कागेनडोर -

खोज - ऑरेल स्टाइन (1927)

नदी - दाश्क

साक्ष्य - बंदरगाह, तीन संस्कृतियों के साक्ष्य, प्राकृतिक चट्टान पर अवस्थित, मानव अस्थि - राख से भरा बर्तन, बेबीलोन से व्यापार का साक्ष्य।

माण्डा -

खोज - जगपत जोशी (1982)

नदी - चिनाब (दायें तट)

प्राचीन नाम - अस्किनी

साक्ष्य - ब्लेड, हड्डी के बाणाग्र, मुहरें मिली।

बालाकोट -

खोज - जार्ज एफ. डेल्स (1936-76)

नदी - शादीकौर नदी

साक्ष्य - बन्दरगाह, सीप उद्योग।

सुत्काकोह -

खोज - जार्ज एफ. डेल्स (1962)

नदी - शादीकौर नदी

साक्ष्य - दो टीले, बर्तनों के मृदभांड।

धौलावीरा -

खोज - जे.पी. जोशी (1967-68)

नदी - सरस्वती

साक्ष्य - घोड़े का अवशेष, पशु की छोटी कांस्य मूर्ति,नेवले की पत्थर की मूर्ति।

राखीगढ़ी -

खोज - सूरज भान (1969)

नदी - घग्घर नदी

साक्ष्य - ताम्र उपकरण, हड़प्पा लिपि युक्त मुद्रा।

Show less

Exam List

हड़प्पा सभ्यता एवं संस्कृति - 01
  • Question 20
  • Min. marks(Percent) 50
  • Time 20
  • language Hin & Eng.
हड़प्पा सभ्यता एवं संस्कृति - 02
  • Question 20
  • Min. marks(Percent) 50
  • Time 20
  • language Hin & Eng.
हड़प्पा सभ्यता एवं संस्कृति - 03
  • Question 20
  • Min. marks(Percent) 50
  • Time 20
  • language Hin & Eng.
हड़प्पा सभ्यता एवं संस्कृति - 04
  • Question 20
  • Min. marks(Percent) 50
  • Time 20
  • language Hin & Eng.
हड़प्पा सभ्यता एवं संस्कृति - 05
  • Question 20
  • Min. marks(Percent) 50
  • Time 20
  • language Hin & Eng.
हड़प्पा सभ्यता एवं संस्कृति - 06
  • Question 20
  • Min. marks(Percent) 50
  • Time 20
  • language Hin & Eng.
हड़प्पा सभ्यता एवं संस्कृति - 07
  • Question 20
  • Min. marks(Percent) 50
  • Time 20
  • language Hin & Eng.
सिन्धु घाटी सभ्यता
  • Question 40
  • Min. marks(Percent) 50
  • Time 40
  • language Hin & Eng.
Test
Classes
E-Book