मानव समाज विलक्षण है क्योंकि वह मुख्यतया आश्रित होता है - संस्कृति पर U.P.P.C.S.(Spl)(Mains) 1997
हड़प्पा में से किस सभ्यता से संबद्ध है - सिंधु घाटी सभ्यता M.P.P.C.S.(Pre) 1990
हड़प्पा संस्कृति की जानकारी का प्रमुख स्त्रोत है - पुरातात्विक खुदाई U.P.P.C.S. (Pre) 1996/U.P.P.C.S.(Pre) 1994
सिंधु सभ्यता संबंधित है - आद्य ऐतिहासिक युग से U.P.P.C.S.(Pre) 1996/U.P.P.C.S.(Pre) 1994
सिंधु घाटी की सभ्यता गैर - आर्य थी, क्यों कि - वह नगरीय सभ्यता थी U.P.P.C.S.(GIC) 2010
सिंधु घाटी के निवासियों की सभ्यता को जानने का मूल स्त्रोत है, वहाँ पाई गई - बर्तन, जेवर, हथियार, औजार R.A.S./R.T.S.(Pre) 1996
भारत में चांदी की उपलब्धता के प्राचीनतम साक्ष्य मिलते है - हड़प्पा संस्कृति में I.A.S.(Pre) 1994
मूर्ति पूजा का आरंभ कब से माना जाता है - पूर्व आर्य U.P.P.C.S.(Pre) 1992
सैंधव सभ्यता का महान स्नानागार कहां से प्राप्त हुआ है - मोहनजोदड़ो U.P.P.C.S.(Pre) 1992
चन्हूदड़ो के उत्खनन का निर्देशन किया था - जे.एच. मैके ने U.P. Lower Sub.(Pre) 2015
सिंधु सभ्यता का कौन - सा स्थान भारत में स्थित है - लोथल U.P.P.C.S.(Pre) 1995
वह हड़प्पीय नगर, जिसका प्रतिनिधित्व लोथल का पुरातत्व स्थल करता है, किस नदी पर स्थित था - भोगवा U.P.P.C.S.(Mains) 2012
हड़प्पा सभ्यता स्थल - लोथल स्थित है - गुजरात में U.P.P.C.S.(Mains) 2009/P.C.S(Pre) 2010
सिंधु घाटी सभ्यता का पत्तन नगर था - लोथल U.P.P.C.S.(Pre) 1999
हड़प्पा का उत्खनन करने वाला प्रथम पुरात्वविद जो इसके महत्व को नहीं समझ पाया था - ए. कनिंघम U.P.P.C.S.(Mains) 2006
सिंधु सभ्यता की विकसित अवस्था में किस स्थल से घरों में कुओं के अवशेष मिले हैं - मोहनजोदड़ों U.P.P.C.S.(Pre) 2004
हाथी दांत का पैमाना हड़प्पीय संदर्भ में मिला है - लोथल में U.P.R.O./A.R.O.(Mains) 2014
हड़प्पन संस्कृति के संदर्भ में शैलकृत स्थापत्य के प्रमाण कहां से मिले है - धौलावीरा U.P.P.C.S.(Mains) 2016
कौन - सा हड़प्पीय नगर तीन भागों में विभक्त है - धौलावीरा U.P.R.O./A.R.O.(Mains) 2013
हड़प्पन स्थल सनौली के अभी हाल में उत्खननों से प्राप्त हुए है - मानव शवाधान U.P. Lower Sub.(Pre) 2004
वस्त्रों के लिए कपास की खेती का आरंभ सबसे पहले किया गया - भारत में U.P.P.C.S.(Pre) 2006
किस एक स्थान पर सिंधु - घाटी सभ्यता से संबद्ध विख्यात वृषभ - मुद्रा प्राप्त हुई थी - मोहनजोदड़ो R.A.S./R.T.S.(Pre) 2008
मृण - पट्टिका पर उत्कीर्ण सींगयुक्त देवता की कृति प्राप्त हुई है - कालीबंगा से U.P. Lower Sub.(Spl)(Pre) 2008
सिंधु घाटी के लोग विश्वास करते थे - मातृ शक्ति में R.A.S./R.T.S.(Pre) 1993
हड़प्पा -
खोज - दयाराम साहनी
नदी - रावी
प्राचीन नाम - परुष्णी
साक्ष्य - कांस्य गाड़ी, अन्न भण्डार, पारदर्शी वस्त्र पहने एक मूर्ति, गरुड़ चित्रित मुद्रा, कांस्य दर्पण, शंख का बैल, मछुआरे का चित्र।
क्षेत्रफल की दृष्टि से सिंधु सभ्यता का दूसरा सबसे बड़ा स्थल।
मोहनजोदड़ो -
खोज - राखालदास बनर्जी - (1922)
नदी - सिन्धु (दाहिनी तट)
साक्ष्य - पुरोहितों का आवास, विशाल स्नानागार, 16 मकानों का बैरक, कांस्य की नग्न महिला मूर्ति, दाढ़ी वाले पुजारी की मूर्ति, चमकता हुआ बंदर का चित्र, एक श्रृंंगी पशुओं वाली मुद्राएँ।
मोहनजोदड़ो का अर्थ ः- मृतको का टीला।
यह क्षेत्रफल की दृष्टि से सबसे बड़ा नगर था।
रोपड़ -
खोज - यज्ञदत्त शर्मा
नदी - सतलज (बाएं तट)
प्राचीन नाम - शतुद्रि
साक्ष्य - मानव के साथ कुत्ते दफनानें का साक्ष्य तांबे की कुल्हाड़ी।
लोथल -
खोज - एस.आर.राव (1954)
नदी - भोगवा
साक्ष्य - चालाक लोमड़ी का चिन्ह, चावल के अवशेष।
कालीबंगा -
खोज - ब्रजवासी लाल (1960)
नदी - हड़प्पा -
खोज - दयाराम साहनी
नदी - रावी
प्राचीन नाम - परुष्णी
साक्ष्य - कांस्य गाड़ी, अन्न भण्डार, पारदर्शी वस्त्र पहने एक मूर्ति, गरुड़ चित्रित मुद्रा, कांस्य दर्पण, शंख का बैल, मछुआरे का चित्र।
क्षेत्रफल की दृष्टि से सिंधु सभ्यता का दूसरा सबसे बड़ा स्थल।
मोहनजोदड़ो -
खोज - राखालदास बनर्जी - (1922)
नदी - सिन्धु (दाहिनी तट)
साक्ष्य - पुरोहितों का आवास, विशाल स्नानागार, 16 मकानों का बैरक, कांस्य की नग्न महिला मूर्ति, दाढ़ी वाले पुजारी की मूर्ति, चमकता हुआ बंदर का चित्र, एक श्रृंंगी पशुओं वाली मुद्राएँ।
मोहनजोदड़ो का अर्थ ः- मृतको का टीला।
यह क्षेत्रफल की दृष्टि से सबसे बड़ा नगर था।
रोपड़ -
खोज - यज्ञदत्त शर्मा
नदी - सतलज (बाएं तट)
प्राचीन नाम - शतुद्रि
साक्ष्य - मानव के साथ कुत्ते दफनानें का साक्ष्य तांबे की कुल्हाड़ी।हड़प्पा -
खोज - दयाराम साहनी
नदी - रावी
प्राचीन नाम - परुष्णी
साक्ष्य - कांस्य गाड़ी, अन्न भण्डार, पारदर्शी वस्त्र पहने एक मूर्ति, गरुड़ चित्रित मुद्रा, कांस्य दर्पण, शंख का बैल, मछुआरे का चित्र।
क्षेत्रफल की दृष्टि से सिंधु सभ्यता का दूसरा सबसे बड़ा स्थल।
मोहनजोदड़ो -
खोज - राखालदास बनर्जी - (1922)
नदी - सिन्धु (दाहिनी तट)
साक्ष्य - पुरोहितों का आवास, विशाल स्नानागार, 16 मकानों का बैरक, कांस्य की नग्न महिला मूर्ति, दाढ़ी वाले पुजारी की मूर्ति, चमकता हुआ बंदर का चित्र, एक श्रृंंगी पशुओं वाली मुद्राएँ।
मोहनजोदड़ो का अर्थ ः- मृतको का टीला।
यह क्षेत्रफल की दृष्टि से सबसे बड़ा नगर था।
रोपड़ -
खोज - यज्ञदत्त शर्मा
नदी - सतलज (बाएं तट)
प्राचीन नाम - शतुद्रि
साक्ष्य - मानव के साथ कुत्ते दफनानें का साक्ष्य तांबे की कुल्हाड़ी।हड़प्पा -
खोज - दयाराम साहनी
नदी - रावी
प्राचीन नाम - परुष्णी
साक्ष्य - कांस्य गाड़ी, अन्न भण्डार, पारदर्शी वस्त्र पहने एक मूर्ति, गरुड़ चित्रित मुद्रा, कांस्य दर्पण, शंख का बैल, मछुआरे का चित्र।
क्षेत्रफल की दृष्टि से सिंधु सभ्यता का दूसरा सबसे बड़ा स्थल।
मोहनजोदड़ो -
खोज - राखालदास बनर्जी - (1922)
नदी - सिन्धु (दाहिनी तट)
साक्ष्य - पुरोहितों का आवास, विशाल स्नानागार, 16 मकानों का बैरक, कांस्य की नग्न महिला मूर्ति, दाढ़ी वाले पुजारी की मूर्ति, चमकता हुआ बंदर का चित्र, एक श्रृंंगी पशुओं वाली मुद्राएँ।
मोहनजोदड़ो का अर्थ ः- मृतको का टीला।
यह क्षेत्रफल की दृष्टि से सबसे बड़ा नगर था।
रोपड़ -
खोज - यज्ञदत्त शर्मा
नदी - सतलज (बाएं तट)
प्राचीन नाम - शतुद्रि
साक्ष्य - मानव के साथ कुत्ते दफनानें का साक्ष्य तांबे की कुल्हाड़ी।हड़प्पा -
खोज - दयाराम साहनी
नदी - रावी
प्राचीन नाम - परुष्णी
साक्ष्य - कांस्य गाड़ी, अन्न भण्डार, पारदर्शी वस्त्र पहने एक मूर्ति, गरुड़ चित्रित मुद्रा, कांस्य दर्पण, शंख का बैल, मछुआरे का चित्र।
क्षेत्रफल की दृष्टि से सिंधु सभ्यता का दूसरा सबसे बड़ा स्थल।
मोहनजोदड़ो -
खोज - राखालदास बनर्जी - (1922)
नदी - सिन्धु (दाहिनी तट)
साक्ष्य - पुरोहितों का आवास, विशाल स्नानागार, 16 मकानों का बैरक, कांस्य की नग्न महिला मूर्ति, दाढ़ी वाले पुजारी की मूर्ति, चमकता हुआ बंदर का चित्र, एक श्रृंंगी पशुओं वाली मुद्राएँ।
मोहनजोदड़ो का अर्थ ः- मृतको का टीला।
यह क्षेत्रफल की दृष्टि से सबसे बड़ा नगर था।
रोपड़ -
खोज - यज्ञदत्त शर्मा
नदी - सतलज (बाएं तट)
प्राचीन नाम - शतुद्रि
साक्ष्य - मानव के साथ कुत्ते दफनानें का साक्ष्य तांबे की कुल्हाड़ी।
लोथल -
खोज - एस.आर. राव. (1954)
नदी - भोगवा
साक्ष्य - चालाक लोमड़ी का चिन्ह, चावल के अवशेष।
कालीबंगा -
खोज - ब्रजवासी लाल (1961)
नदी - घग्घर (बाए तट)
प्राचीन नाम - सरस्वती
साक्ष्य - जुते हुए खेत, लकड़ी की नाली, भूकंप के साक्ष्य, अग्नि हवन कुंड, अलंकृत ईट, एक साथ 2 फसल बोने के साक्ष्य।
रंगपुर -
खोज - माधव स्वरुप वत्स (1931)
नदी - रंगपुर - भादर
साक्ष्य - तीन संस्कृतियों के अवशेष, नालियां धान की भूसी, ज्वार-बाजरा।
चन्हूदड़ों -
खोज - एन.जी. मजूमदार (1931)
नदी - सिंधु (बाएं तट)
साक्ष्य - बिल्ली का पीछा करते हुए कुत्ते का साक्ष्य, मनके बनाने का कारखाना, लिपिस्टिक कांस्य गाड़ी वक्राकार ईट, काजल, पाउडर, कंघा।
सुरकोटदा -
खोज - जगपति जोशी
नदी - सरस्वती
साक्ष्य - घोड़े की हड्डी, कलश शवाधान, तराजू का पलड़ा।
बनावली -
खोज - बनावली - रवीन्द्र सिंह विष्ट (1973)
नदी - सरस्वती
साक्ष्य - जौ, मिट्टी का हल, सड़को पर बैल गाड़ी
आलमगीरपुर -
खोज - यज्ञदत्त शर्मा
नदी - हिंडन
साक्ष्य - मृदभांड बर्तनो पर गिलहरी की चित्रकारी।
कोटदीजी -
खोज - घुरये+फजल अहमद खाँ (1935-1955)
नदी - सिंधु (बाएं तट)
साक्ष्य - कच्चे ईटों के मकान व चूल्हें।
सुत्कागेनडोर -
खोज - ऑरेल स्टाइन (1927)
नदी - दाश्क
साक्ष्य - बंदरगाह, तीन संस्कृतियों के साक्ष्य, प्राकृतिक चट्टान पर अवस्थित, मानव अस्थि - राख से भरा बर्तन, बेबीलोन से व्यापार का साक्ष्य।
माण्डा -
खोज - जगपत जोशी (1982)
नदी - चिनाब (दायें तट)
प्राचीन नाम - अस्किनी
साक्ष्य - ब्लेड, हड्डी के बाणाग्र, मुहरें मिली।
बालाकोट -
खोज - जार्ज एफ. डेल्स (1936-76)
नदी - शादीकौर नदी
साक्ष्य - बन्दरगाह, सीप उद्योग।
सुत्काकोह -
खोज - जार्ज एफ. डेल्स (1962)
नदी - शादीकौर नदी
साक्ष्य - दो टीले, बर्तनों के मृदभांड।
धौलावीरा -
खोज - जे.पी. जोशी (1967-68)
नदी - सरस्वती
साक्ष्य - घोड़े का अवशेष, पशु की छोटी कांस्य मूर्ति,नेवले की पत्थर की मूर्ति।
राखीगढ़ी -
खोज - सूरज भान (1969)
नदी - घग्घर नदी
साक्ष्य - ताम्र उपकरण, हड़प्पा लिपि युक्त मुद्रा।
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