आधुनिक भारत में प्रेस का विकास
भारत का पहला समाचार पत्र था - बंगाल गजट U.P.P.C.S. (Spl) (Mains) 2004
- भारत का पहला समाचार पत्र बंगाल गजट था।
- आधुनिक भारतीय प्रेस का प्रारंभ 1776 में विलियम बोल्ट्स द्वारा एक समाचार पत्र के प्रकाशन से हुआ।
- लेकिन ईस्ट इंडिया कंपनी ने उनको इंग्लैंड भेज दिया।
- 1780 ई. में जे. के. हिक्की ने बंगाल गजट नामक समाचार पत्र प्रकाशित करना आरंभ किया था।
- हिक्की को कंपनी की आलोचना करने के अपराध में सजा भी भुगतनी पड़ी थी।
- लेकिन उसके पत्र ने अपनी नीति नहीं बदली।
- हिक्की के प्रेस को जब्त कर लिया गया और इस प्रकार से बंगाल गजट का अंत हो गया।
1880 के दशक में इंडियन मिरर अखबार का प्रकाशन कहां से होता था - कलकत्ता U.P.P.C.S. (Mains) 2007
- इंडियन मिरर अखबार का प्रकाशन कलकत्ता (बंगाल) से होता था।
- इंडियन मिरर की स्थापना (1861) का श्रेय देवेंद्रनाथ टैगोर और मनमोहन घोष को है।
- केशवचन्द्र सेन और नरेंद्र नाथ सेन इसके संपादकीय विभाग में थे।
- यह दैनिक अखबार था।
किसने सर्वप्रथम प्रसे सेंसरशिप लागू की थी - वेलेजली U.P.P.C.S. (Pre) 2001
- लॉर्ड वेलेजली ने 1799 में सभी समाचार पत्रों पर सेंसर बैठा दिया।
- उसने 1799 में समाचार पत्रों का पत्रेक्षण अधिनियम पारित कर दिया और समाचार पत्रों पर युद्धकालीन सेंसर लागू कर दिया।
- इसके अनुसार ----- 1. समाचार पत्र को संपादक, मुद्रक और स्वामी का नाम स्पष्ट रुप से छापना पड़ता था। 2. प्रकाशक को प्रकाशित किए जाने वाले तत्वों को सरकार के सचिव के सम्मुख पूर्व - पत्रेक्षण के लिए भेजना होता था।
- 1807 में यह अधिनियम पत्रिकाओं, पैम्पलेट तथा पुस्तकों सभी पर लागू कर दिया गया।
- लॉर्ड हेस्टिंग्स ने 1818 में इस अधिनियम को रद्द किया था।
गदर पत्र का प्रथम अंक किस भाषा में प्रकाशित हुआ - उर्दू U.P.P.C.S. (Mains) 2007
- पहली नवंबर, 1913 को गदर पत्र का पहला अंक प्रकाशित हुआ।
- यह उर्दू में था।
- 9 दिसंबर, 1913 से यह गुरुमुखी में भी छापने लगा।
- यह पत्र मराठी, हिंदी, अंग्रेजी एवं गुजराती में भी प्रकाशित हुआ।
- इसका एक अंक पख्तूनी भाषा में भी छपा था।
1878 का वर्नाकुलर प्रेस एक्ट किसने रद्द कर दिया था - लॉर्ड रिपन B.P.S.C. (Pre) 1994/I.A.S. (Pre) 2005
- लॉर्ड रिपन ने 1882 में वर्नाकुलर प्रेस एक्ट अथवा देशी भाषा प्रेस अधिनियम को रद्द कर दिया और भारतीय भाषाओं के समाचार पत्रों को अंग्रेजी भाषा के समाचार पत्रों के समान ही स्वतंत्रता दे दी।
- ज्ञात है कि वर्नाकुलर प्रेस एक्ट 1878 में लॉर्ड लिटन के कार्यकाल (1876 - 1880) में पारित हुआ था।
- इस अधिनियम को मुंह बंद करने वाला अधिनियम कहा गया।
- इस अधिनियम का सबसे घिनौना पक्ष यह था कि इसके अनुसार देशी भाषा तथा अंग्रेजी भाषा के समाचार पत्रों में भेद - भाव किया गया था और इसमें अपराधी को अपील करने का अधिकार नहीं था।
- इस एक्ट के तहत जिला मजिस्ट्रेट को यह अधिकार था कि वह किसी भी भारतीय भाषा के समाचार पत्र से बांड पेपर पर हस्ताक्षर करवा ले कि वह कोई भी ऐसी सामग्री नहीं छापेगा जो सरकार विरोधी हो।
- कानून का विरोध करने वाले मुद्रणालयों की जमानत को मजिस्ट्रेट रद्द कर सकता था।
- इस अधिनियम के अधीन - सोम प्रकाश, भारत मिहिर, ढाका प्रकाश, सहचर तथा अनेक अन्य समाचार पत्रों के विरुद्ध मामले दर्ज किए गए।
अमेरिका में फ्री हिंदुस्तान अखबार किसने शुरु किया था - तारकनाथ दास B.P.S.C. (Pre) 1994
- अमेरिका में (वैंकूवर) फ्री हिंदुस्तान अखबार तारकनाथ दास ने शुरु किया।
पत्रकार के कर्तव्य का निर्वहन करते हुए जेल जाने वाला प्रथम भारतीय कौन था - बाल गंगाधर तिलक U.P.P.C.S. (Mains) 1997
- पत्रकारिता के लिए ब्रिटिश सरकार द्वारा सजा पाने वाले पहले भारतीय बाल गंगाधर तिलक थे।
- 1882 में उन्हें सरकार ने 4 मास का कारावास दिया, क्यों कि उन्होंने अंग्रेजों द्वारा कोल्हापुर के महाराजा के प्रति घृष्टता करने पर कड़े शब्दों में निंदा की थी।
- 1897 में उन्हें दो अंग्रेजों की हत्या के लिए चापेकर बंधुओं को उत्तेजित करने के लिए 18 मास के कड़े कारावास का दंड दिया गया।
गदर पार्टी का पत्र गदर था - एक साप्ताहिक पत्र U.P.P.C.S. (Mains) 2013
- भारत को ब्रिटिश राज से मुक्त कराने हेतु संयुक्त राज्य अमेरिका और कनाडा में लाला हरदयाल, सोहन सिंह भखना और कतार सिंह सराभा आदि ने मिलकर गदर आंदोलन की स्थापना की थी।
- इस पार्टी का मुखपत्र गदर एक साप्ताहिक पत्र था जिसके प्रथम संस्करण का प्रकाशन 1 नवंबर, 1913 को सैनफ्रांसिस्को से किया गया था।
क्रांतिकारी काल की लोकप्रिय पत्रिकाओं में से कौन अनेक कारणों से कांग्रेस की आलोचना करती थी - बंगवासी, काल, केसरी U.P.P.C.S. (Mains) 2011
- बंगवासी, काल एवं केसरी आदि पत्रिकाएं क्रांतिकारी आंदोलन की समर्थक और कांग्रेस की उदारवादी नीतियों की आलोचक थी।
फारसी साप्ताहिक मिरातुल अखबार को प्रकाशित करते थे - राजा राममोहन राय U.P.P.C.S. (Pre) 2000
- राजा राममोहन राय ने अपने विचारों का प्रेस के माध्यम से प्रचारित एंव प्रसारित किया।
- दिसंबर, 1821 में उन्होंने बांग्ला साप्ताहिक शब्द कौमुदी अथवा प्रज्ञा का चाँद का प्रकाशन प्रारंभ किया।
- इसके एक वर्ष बाद इन्होंने फारसी भाषा में एक अन्य साप्ताहिक समाचार पत्र मिरातुल अखबार या बुद्धि दर्पण का प्रकाशन प्रारंभ किया।
- जॉन एडम्स जब गवर्नर जनरल था, तब (1823 में) उसने भारतीय प्रेस पर पूर्ण प्रतिबंध लागू कर दिया।
- लाइसेंस के बिना प्रकाशन करने पर चार सौ रुपये जुर्माना या कारावास का दंड दिया जा सकता था।
- मजिस्ट्रेट को मुद्रणालय जब्त करने का भी अधिकार था।
- यह नियम मुख्य रुप से भारतीय भाषाओं तथा भारतीयों द्वारा संपादित एवं उनके स्वामित्व वाले पत्रों के लिए था।
- इसी कारण राजा राममोहन राय के साप्ताहिक पत्र मिरातुल अखबार का प्रकाशन बंद करना पड़ा था।
किस गवर्नर जनरल के समय भारतीय भाषा प्रेस अधिनियम समाप्त किया गया - लॉर्ड रिपन U.P.P.C.S. (Mains) 2009
अमृत बाजार पत्रिका की स्थापना किसने की - शिशिर कुमार घोष B.P.S.C. (Pre) 2005
- अमृत बाजार पत्रिका की स्थापना शिशिर कुमार घोष ने 1868 ई. में कलकत्ता में की।
- प्रारंभ में यह बंगाली भाषा में प्रकाशित होती थी।
- 1878 में देशी भाषा प्रेस अधिनियम से बचने के लिए यह रातों - रात अंग्रेजी भाषा में रुपातंरित हो गई।
- गिरीशचंद्र घोष ने बंगाली का प्रकाशन 1862 ई. में शुरु किया जिसे 1879 ई. में एस.एन. बनर्जी ने ले लिया।
- हिंदू पैट्रियाट की स्थापना भी गिरीशचन्द्र घोष ने की।
- बाद में हरीशचंन्द्र मुखर्जी इसके संपादक बने।
लोकमान्य बाल गंगाधर तिलक ने भारतीय स्वतंत्रता संग्राम की सेवा के उद्देश्य से कौन सा समाचार पत्र प्रारंभ किया था - केसरी P.C.S. (Pre) 2010/M.P.P.C.S. (Pre) 2008/U.P.P.C.S. (Pre) 1990
- 1881 में बंबई से केसरी और मराठा नामक दो महत्वपूर्ण समाचार पत्र प्रारंभ किए गए थे।
- मराठी भाषा में प्रकाशित केसरी को तिलक ने होमरुल आंदोलन का मुख्य पत्र बनाया था।
- मराठा अंग्रेजी भाषा में प्रकाशित होता था।
- प्रारंभ में केसरी के संपादक केलकर और मराठा के संपादक आगरकर थे।
- बाद में इन दोनों पत्रों का संपादन तिलक द्वारा किया गया।
किन समाचार पत्रों ने भारतीय स्वतंत्रता संग्राम के काल में क्रांतिकारी आतंकवाद की वकालत की थी - संध्या, युगांतर, काल U.P. Lower Sub. (Pre) 2008
- संध्या, युगांतर, काल इन तीनों समाचार पत्रों ने स्वतंत्रता संग्राम के दौरान क्रांतिकारी हिंसक गतिविधियों की वकालत की थी।
किसने सोम प्रकाश नामक समाचार पत्र शुरु किया - ईश्वर चंद्र विद्यासागर I.A.S. (Pre) 2007
- बांग्ला साप्ताहिक सोम प्रकाश समाचार पत्र का प्रकाशन 1859 ई. में ईश्वर चंद्र विद्यासागर ने प्रारंभ किया था।
- इस समाचार पत्र ने नील आंदोलन के किसानों के हितों का समर्थन किया था।
अखबारों में से कौन - सा मुख्यतया उदारवादियों की नीतियों का प्रचारक था - लीडर B.P.S.C. (Pre) 2005
- फ्री प्रेस जनरल एक न्यूज एजेंसी थी।
- यंग इंडिया की स्थापना एनी बेसेंट ने की थी।
- लीडर समाचार पत्र के माध्यम से उदारवादी अपनी नीतियों का प्रचार करते थे।
किस भाषा में दि इंडियन ओपीनियन पत्र नहीं छापा जाता था - उर्दू U.P.P.C.S. (Pre) 2005
- महात्मा गांधी ने दक्षिण अफ्रीका से इंडियन ओपीनियन नामक पत्र का प्रकाशन शुरु किया।
- यह पत्र गुजराती हिंदी तमिल और अंग्रेजी में निकलता था।
अंग्रेजी साप्ताहिक वंदे मातरम के साथ किसने अपने को संबंद्ध किया - अरविंद घोष U.P.P.C.S. (Pre) 1996
- अंग्रेजी साप्ताहिक वंदे मातरम के साथ अरविंद घोष संपादक के रुप में जुड़े थे।
इंडियन ओपीनियन पत्रिका के प्रथम संपादक थे - मनसुखलाल नजर U.P.P.C.S. (Pre) 2014
- इंडियन ओपीनियन महात्मा गांधी द्वारा दक्षिण अफ्रीका से वर्ष 1903 में प्रारंभ की गई पत्रिका थी जिसके प्रथम संपादक मनसुखलाल नजर थे, जो नटाल कांग्रेस के सचिव थे।
- यह पत्रिका गुजराती, हिंदी, तमिल और अंग्रेजी में प्रकाशित होती थी।
एक साप्ताहिक के रुप में यंग इंडिया का शुभारंभ किया था - होमरुल पार्टी ने U.P. Lower Sub. (Pre) 2003
- यंग इंडिया बंबई से द्विसाप्ताहिक के रुप में प्रकाशित होता था।
- 7 मई, 1919 से यह अहमदाबाद से साप्ताहिक रुप में प्रकाशित होने लगा।
- यहां के प्रारंभिक संस्करणों में जमनादास द्वारकादास तथा शंकरलाल बैंकर इसके संपादक रहे।
- 8 अक्टूबर, 1919 से यंग इंडिया के संपादक महात्मा गांधी बने।
- जमनादास द्वारकादास तथा शंकरलाल बैंकर, एनी बेसेंट की होमरुल लीग के सदस्य थे।
भारतीयों द्वारा अंग्रेजी भाषा में प्रकाशित प्रथम समाचार पत्र था - हिंदू पैट्रियॉट U.P.P.C.S. (Mains) 2006
- किसी भी भारतीय द्वारा अंग्रेजी में प्रकाशित प्रथम समाचार पत्र गंगाधर भट्टाचार्य का साप्ताहिक बंगाल गजट था।
- हिंदू पैट्रियॉट भारतीयों द्वारा अंग्रेजी में प्रकाशित प्रथम समाचार पत्र था।
- इसका प्रकाशन वर्ष 1853 है।
- इस समाचार पत्र के प्रथम संपादक गिरीशचंद्र घोष (1835 - 55) थे।
- हरिशचंद्र मुखर्जी (1855 - 61) एवं क्रिस्टोपाल दास (1861 - 1884) भी इसके संपादक रहे थे।
- उनकी सहायता मदन मोहन घोष एवं द्वारकानाथ टैगोर जैसे प्रख्यात नेता कर रहे थे।
- उनकी सहायता मदन मोहन घोष एवं द्वारकानाथ टैगोर जैसे प्रख्यात नेता कर रहे थे।
- 1874 - 75 के बीच लंदन में तथा 1878 में दिल्ली में इस पत्र के संवाददाता सुरेंद्रनाथ बनर्जी थे।
- बाद में ब्रिटिश इंडियन एसोसिएशन ने इसे खरीद लिया।
- अब यह भूस्वामियों के हितों का प्रतिनिधित्व करने लगा और राष्ट्र हितों से अलग हो गया।
किस अखबार का प्रकाशन पटना से होता था - इंडियन नेशन B.P.S.C. (Pre) 2005
- 1931 ई. में दरभंगा के महाराज कामेश्वर सिंह ने दि इंडियन नेशन की स्थापना की।
- इसका प्रकाशन पटना से होता था।
नील आंदोलन का जमकर समर्थन करने वाले हिंदू पैट्रियाट के संपादक थे - हरिशचंद्र मुखर्जी U.P.P.C.S. (Pre) 1998/U.P.P.C.S. (GIC) 2010
- नील आंदोलन की एक खास बात यह थी कि बंगाल के उस समय के बुद्धिजीवियों ने भी इसमें सक्रिय भूमिका निभाई भी और संघर्षरत किसानों के समर्थन में सशक्त अभियान चलाया गया।
- नील आंदोलन इतिहास में अपनी मांगों को लेकर किए गए आंदोलनों में सर्वाधिक व्यापक और जुझारु था।
- बंगाल का नील विद्रोह शोषण के विरुद्ध किसानों की सीधी लड़ाई थी।
- हिंदू पैट्रियॉट के पहले दो वर्षो (1853 - 55) में गिरीशचंद्र घोष संपादक थे।
- 1855 में हरिशचंद्र मुखर्जी इसके संपादक हो गए।
- वह निर्भीकता से बगान - मालिकों के अत्याचारों की पोल खोलने तथा सताए हुए किसानों की सहायता में लगे रहे।
- 1861 में क्रिस्टोदास पाल इसके संपादक बने।
- वह ब्रिटिश शासन के प्रशंसक थे और ब्रिटिश उदारवाद का प्रतिपादन करते थे।
- उनके प्रभाव में हिंदू पैट्रियॉट उच्च - मध्यम वर्गीय बंगाली जमींदारों के हितों का प्रतिनिधित्व करता था।
अंग्रेजी पत्र इनडिपेंडेंट जुड़ा था - मोतीलाल नेहरु से U.P.P.C.S. (Mains) 2012
- भारत के लिए स्वाशासन की मांग करते हुए मोतीलाल नेहरु ने अंग्रेजी पत्र इंडिपेंडेंट प्रारंभ किया था।
स्वदेशवाहिनी के संपादक थे - के. रामकृष्ण पिल्लै U.P.P.C.S. (Mains) 2005
- स्वदेशवाहिनी अथवा स्वदेशाभिमानी के संपादक रामकृष्ण पिल्लै थे।
- रामकृष्ण पिल्लै का जन्म 1878 में तत्कालीन ट्रावनकोर राज्य के नेयात्तीनकारा के नायर परिवार में हुआ था।
कानपुर से प्रकाशित किस समाचार - पत्र के माध्यम से विजय सिंह पथिक ने बिजौलिया आंदोलन को समूचे भारत में चर्चा का विषय बना - प्रताप R.A.S./R.T.S. (Pre) 1996
- राजस्थान में पहला किसान आंदोलन मेवाड़ (उदयपुर) राज्य की बड़ी जागीर बिजौलिया में हुआ।
- वहां किसानों पर अनेक प्रकार की लगाने लगी हुई थी, इन लगानों के विरोध में आंदोलन हुआ।
- 1913 ई. में आंदोलन का नेतृत्व साधु सीताराम दास ने किया तथा 1915 ई. में इसका नेतृत्व विजय सिंह पथिक ने किया।
- विजय सिंह पथिक ने गणेश शंकर विद्यार्थी के प्रताप के माध्यम से बिजौलिया के किसान आंदोलन को अखिल भारतीय स्तर पर प्रचारित किया।
मराठी पाक्षिक बहिष्कृत भारत किसने आरंभ किया था - बी. आर. अम्बेडकर ने U.P.P.C.S. (Mains) 2004
- जुलाई, 1924 में भीमराव अम्बेडकर ने बंबई में एक संस्था बहिष्कृत हितकारिणी सभा बनाई जिसका उद्देश्य अस्पृश्य लोगों की नैतिक तथा भौतिक उन्नति करना था। उन्होंने ही मराठी पाक्षिक बहिष्कृत भारत आरंभ किया।
हरिजन के प्रारंभकर्ता थे - गांधी जी U.D.A./L.D.A. (Pre) 2007
- गांधी जी ने साप्ताहिक समाचार पत्रों के रुप में हरिजन अंग्रेजी में हरिजन बंधु गुजराती में तथा हरिजन सेवक हिंदी में प्रारंभ किए थे।
गांधीजी द्वारा शुरु किया गया एक साप्ताहिक पत्र हरिजन का प्रथम अंक 11 फरवरी, 1933 को किन शहरों में से कहाँ से प्रकाशित किया गया - पूना (आज पुणे) से U.P. Lower Sub. (Mains) 2013
- गांधीजी द्वारा शरु किया गया एक साप्ताहिक पत्र हरिजन का प्रथम अंक 11 फरवरी, 1933 को यरवदा सेंट्रल जेल, पुणे, महाराष्ट्र से प्रकाशित किया गया।
कौन - सा एक जर्नल अबुल कलाम आजाद द्वारा प्रकाशित है - अल - हिलाल I.A.S. (Pre) 2008/U.D.A./L.D.A. (Pre) 2007
- अबुल कलाम आजाद ने 1912 में उर्दू साप्ताहिक अल - हिलाल का प्रकाशन प्रारंभ किया था।
- 1914 में अल - हिलाल पर प्रेस एक्ट के तहत प्रतिबंध लगा दिया गया था।
वर्ष 1920 में लाहौर से लाजपत राय द्वारा उर्दू का कौन सा समाचार - पत्र प्रारंभ किया गया था - वंदे मातरम U.P. Lower Sub. (Spl) (Pre) 2008
- लाला लाजपत राय ने लाहौर से एक उर्दू दैनिक वंदे मातरम् और एक अंग्रेजी साप्ताहिक दि पीपुल निकाला।
- इसके पहले वह संयुक्त राज्य अमेरिका में यंग इंडिया का प्रकाशन कर चुके थे।
किसने कौमी आवाज पत्र का आरंभ किया था - जवाहर लाल नेहरु U.P.P.C.S. (Mains) 2013
- कौमी आवाज नामक उर्दू अखबार का प्रकाशन वर्ष 1945 में जवाहरलाल नेहरु तथा रफी अहमद किदवई द्वारा लखनऊ से प्रारंभ किया गया था।
- वर्ष 1997 में इस अखबार का प्रकाशन बंद हो गया।
कॉमनवील पत्र किससे जुड़ा है - एनी बेसेंट से U.P.U.D.A./L.D.A. (Pre) 2013
- कॉमनवील मद्रास से प्रकाशित अंग्रेजी पत्र था जिसकी संपादिका एनी बेसेंट थीं।
- फिरोजशाह मेहता - बॉम्बे क्रॉनिकल
- एनी बेसेंट - कॉमनवील
- यंग इंडिया - गॉधी जी
- बाल गंगाधर तिलक - केसरी & मराठा
- भीमराव अम्बेडकर - मूक नायक
- दादाभाई नौरोजी - रास्त गोफ्तार, वॉयस ऑफ इंडिया
- एनी बेसेंट - न्यू इंडिया
- मोती लाल नेहरु - इंडिपेंडेंट
- अरबिंद घोष - वंदे मातरम्
- ब्रह्मबांधव उपाध्याय - संध्या
- मुहम्मद अली - कॉमरेड
- एस.ए. डान्गे - द. सोशलिस्ट
- मुज्जफर अहमद - नवयुग
- गुलाम हुसैन - इन्किलाब
- एम. सिन्गरवेलू - लेबर - किसान गजट
- महात्मा गॉधी - इंडियन ओपिनियन, हरिजन, नवजीवन
- अबुल कलाम आजाद - अल - हिलाल
- जॉर्ज एलेन - द पायनियर
- जवाहर लाल नेहरु - नेशनल हेराल्ड
- मदन मोहन मालवीय - लीडर
- टी.एस. नायर - जस्टिस
- एस.एन. बनर्जी - बंगाली
- जी.के.गोखले - सुधारक
- जी. सुब्रह्मणयम अय्यर - हिंदू
- सचिदानंद सिन्हा - सर्चलाइट
- शिवप्रसाद गुप्ता - दैनिक आज
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