भारत से बाहर क्रांतिकारी गतिविधियां
लंदन में इंडियन होमरुल सोसाइटी को प्रारंभ किया - श्यामजी कृष्ण वर्मा ने U.P.P.C.S. (Mains) 2002/ U.P.P.C.S. (Mains) 2007
- फरवरी, 1905 में लंदन में श्यामजी कृष्ण वर्मा ने इंडियन होमरुल सोसाइटी की स्थापना की जिसे इंडिया हाउस के नाम से भी जाना जाता है।
- इस संस्था का उद्देश्य अंग्रेजी सरकार को आतंकित कर स्वराज्य प्राप्त करना था।
- यहां से एक समाचार पत्र सोशियोलॉजिस्ट का प्रकाशन भी प्रारंभ किया गया।
- लंदन में सरकारी तंत्र के विशेष सक्रिय होने के कारण श्यामजी वहां से पेरिस और अंततः जेनेवा चले गए।
वह कौन था जिसने गदर पार्टी को स्थापित किया - सोहन सिंह भाकना U.P.P.C.S. (Spl) (Pre) 2008
- 1913 ई. में सोहन सिंह भाकना ने हिंदुस्तान एसोसिएशन ऑफ दि पैसिफिक कोस्ट नामक संस्था की स्थापना की।
- इस संस्था ने गदर नामक एक अखबार निकाला जिससे इस संस्था का नाम भी गदर पार्टी पड़ गया।
- लाला हरदयाल इस संस्था के मनीषी पथ - प्रदर्शक थे।
- गदर पार्टी के सदस्यों में रामचंद्र, बरकतुल्ला, रासबिहारी बोस, राजा महेंद्र प्रताप, अब्दुल रहमान,मैडम भीकाजी कामा, भाई परमानन्द, करतार सिंह तथा पंडित काशीराम प्रमुख थे।
कौन गदर पार्टी का पहला सभापति है - सोहन सिंह भाकना U.P.P.C.S. (Spl) (Pre) 2008
- गदर पार्टी पराधीन भारत को अंग्रेजों से स्वतंत्र कराने के उद्देश्य से बना एक संगठन था।
- इसे अमेरिका और कनाडा के भारतीयों ने 1913 ई. में बनाया था।
- यह पार्टी हिंदुस्तानी गदर नाम का पत्र भी निकालती थी जो उर्दू और पंजाबी में प्रकाशित होता था।
- गदर पार्टी के संस्थापक अध्यक्ष सरदार सोहन सिंह भाकना थे।
प्रथम विश्व युद्ध के दौरान सक्रिय होने वाले गदर क्रांतिकारियों का आधार - स्थल था - पश्चिमी अमेरिका I.A.S. (Pre) 2005
- प्रथम विश्व युद्ध के दौरान सक्रिय होने वाले गदर क्रांतिकारियों का आधार - स्थल उत्तरी अमेरिका का मुख्य देश संयुक्त राज्य अमेरिका का सैनफ्रांसिस्को नगर था।
- सैनफ्रांसिस्को संयुक्त राज्य अमेरिका के पश्चिमी भाग में स्थित है।
- यदि अमेरिका का अर्थ संयुक्त राज्य अमेरिका से लगाया जाए तो सही उत्तर पश्चिमी अमेरिका होगा लेकिन यदि अमेरिका का अर्थ अमेरिका महाद्वीप से लगाया जाए तो सही उत्तर उत्तरी अमेरिका महाद्वीप से लगाया जाए तो सही उत्तर उत्तरी अमेरिका होगा।
- सामान्य तौर पर अमेरिका महाद्वीप को 3 उप - भागों उत्तरी अमेरिका, मध्य अमेरिका एवं दक्षिणी अमेरिका में विभाजित किया जाता है।
गदर क्रांति छिड़ने का सबसे महत्वपूर्ण कारण क्या था - प्रथम महायुद्ध का शुरु होना B.P.S.C. (Pre) 1994
- स्वदेशी आंदोलन के निष्क्रिय होने से भारतीय राष्ट्रवाद के प्रहरी भी निष्क्रिय हो गए थे।
- 1914 ई. में अचानक छिड़े प्रथम विश्वयुद्ध ने भारतीय राष्ट्रीयता के प्रहरियों को झकझोरा, उन्हें उद्वेलित किया।
- उस समय यह धारणा प्रचलित थी कि ब्रिटेन पर किसी भी तरह का संकट भारत के हित में है, उनके लिए एक मौका है।
- इस मौके का कई जगहों पर कई तरह से फायदा उठाया गया।
- उत्तरी अमेरिका में गदर क्रांतिकारियों और भारत में लोकमान्य तिलक, एनी बेसेन्ट एवं उनके स्वदेशी संगठनों ने इस मौके का लाभ उठाया।
- गदर क्रांतिकारियों ने सशस्त्र संघर्ष के माध्यम से अंग्रेजी हुकूमत को उखाड़ फेंकने का प्रयास किया।
गदर क्या था - भारतीयों का एक क्रांतिकारी संघ, जिसका प्रधान कार्यालय सैन फ्रांसिस्कों में था I.A.S. (Pre) 2014
- गदर पार्टी की स्थापना जून, 1913 में पराधीन भारत को अंग्रेजों से स्वतंत्र कराने के उद्देश्य से की गई थी।
- इसे अमेरिका एवं कनाडा में बसे भारतीयों द्वारा गठित किया गया था।
- पार्टी का मुख्यालय सैन फ्रांसिस्को, अमेरिका में स्थित था।
श्यामजी कृष्ण वर्मा ने इंडियन होमरुल सोसाइटी की स्थापना की - लंदन में U.P.P.C.S. (Mains) 2004
इंडियन होमरुल सोसाइटी स्थापित हुई थी - 1905 में U.P.R.O./A.R.O. (Mains) 2004
लंदन में इंडिया हाउस की स्थापना की थी - श्यामजी कृष्ण वर्मा ने U.P.P.C.S. (Mains) 2014
किसने गदर पार्टी का गठन किया - सोहन सिंह भाकना M.P.P.C.S. (Mains) 2013
गदर पार्टी की स्थापना हुई, वर्ष - 1913 में B.P.S.C. (Pre) 1996
गदर आंदोलन की स्थापना की थी - सोहन सिंह भाकना ने U.P.P.C.S. (Pre) 2004
गदर पार्टी की स्थापना हुई थी - संयुक्त राज्य अमेरिका में U.P.P.C.S. (Pre) 2008
किस देश में गदर पार्टी की स्थापना हुई थी - यू.एस.ए. U.P.U.D.A./L.D.A. (Pre) 2013
गदर पार्टी का मुख्यालय था - सैन फ्रांसिस्कों में U.P.R.O./A.R.O. (Pre) 2014
कौन भारतीय क्रांति की मां कहलाती है - भीकाजी रुस्तम कामा U.P.P.C.S. (Pre) 2003/ U.P.U.D.A./L.D.A. (Pre) 2002
- भीकाजी रुस्तम कामा क्रांतिकारी राष्ट्रवाद की समर्थक थीं।
- उन्होंने यूरोप एवं अमेरिका से क्रांति का संचालन किया एवं जेनेवा से वंदे मातरम पत्रिका निकाली।
- 1907 ई. में इन्होंने स्टुटगार्ट (जर्मनी) की अंतर्राष्ट्रीय समाजवादी कांग्रेस में भाग लिया जहां इन्होंने प्रथम भारतीय राष्ट्रीय झंडे को फहराया जिसकी डिजाइन इन्होंने स्वयं ही तैयार की थी।
- इसी सम्मेलन में इन्होंने अपनी पूरी शक्ति के साथ स्वतंत्रता के लिए संघर्ष करने के संकल्प की उद्घोषणा की।
- ये तीस वर्षो तक पेरिस में भारत की स्वतंत्रता के लिए काम करती रहीं।
- 1935 में 74 वर्ष की अवस्था में बंबई लौटकर आई और उसी वर्ष उनका देहांत हो गया।
- वह भारतीय क्रांति की मां के रुप में विख्यात हैं।
विश्व महिला ने भारतीय तिरंगा सबसे पहले फहराया था - भीकाजी कामा ने U.P.P.C.S. (Mains) 2010
मैडम कामा ने 1907 में प्रथम तिरंगा ध्वज कहां फहराया था - स्टुटगार्ट (जर्मनी) B.P.S.C. (Pre) 2015
कौन कामागाटामारु घटना से संबंधित था - बाबा गुरदीप सिंह U.P.P.C.S. (Pre) 2014
मैडम कामा किसकी नीजी सचिव रहीं - दादाभाई नौरोजी की I.A.S. (Pre) 2006
- मैडम कामा का जन्म 24 सितंबर, 1861 को हुआ था।
- उनके माता - पिता पारसी थे।
- सोराबजी फ्रेमजी पटेल उनके पिता थे।
- उनका विवाह रुस्तम के.आर.कामा से हुआ, जो वकील और सामाजिक कार्यकर्ता थे।
- मैडम कामा ने राष्ट्रीय आंदोलन के महान अग्रणी भारतीय नेता दादाभाई नौरोजी की निजी सचिव के रुप में सेवा की।
- बाद में वे कुछ देशभक्त विद्यार्थियों एवं यूरोपियन बौद्धिक लोगों के संपर्क में आकर स्वतंत्रता आंदोलन से जुड़ गई।
- 22 अगस्त, 1907 को जर्मनी के स्टुटगार्ट में आयोजित अंतर्राष्ट्रीय सोशलिस्ट सम्मेलन में उन्होंने भारतीय स्वाधीनता का झंडा कलकत्ता झंडे का परिवर्तित रुप था।
- सोशलिस्ट सम्मेलन जर्मनी में आयोजित हुआ।
- मैडम कामा ने वर्ष 1907 ई. में जर्मनी में आयोजित अंतर्राष्ट्रीय सोशलिस्ट सम्मेलन में राष्ट्रीय ध्वज फहराया।
प्रथम महायुद्ध के दौरान कहां पर भारत की एक अंतिम सरकार बनी थी जिसके प्रेसीडेंट राजा महेंद्र प्रताप थे - अफगानिस्तान में U.P.P.C.S. (Pre) 2012/U.P.U.D.A./L.D.A. (Spl) (Mains) 2010
कामागाटामारु प्रसिद्ध है - एक जलपोत के नाते P.C.S. (Mains) 2002
वह कौन व्यक्ति था, जिसने विदेश में गणतंत्रात्मक सरकार की संस्थापना की थी - महेंद्र प्रताप U.P.P.C.S. (Spl) (Pre) 2008
- राजा महेंद्र प्रताप ने अपने सहयोगी बरकतुल्ला के साथ प्रथम महायुद्ध के दौरान 1915 ई. में काबुल (अफगानिस्तान) में भारत की प्रथम अस्थायी सरकार का गठन किया था।
- इसमें राजा महेंद्र प्रताप स्वयं राष्ट्रपति तथा बरकतुल्ला प्रधानमंत्री थे।
- इसे जर्मनी तथा रुस ने मान्यता भी दी थी।
किन दो को इंग्लैंड में अंग्रेज अधिकारियों की हत्या के आरोप में फांसी की सजा मिली - मदनलाल ढ़ींगरा तथा ऊधम सिंह U.P.P.C.S. (Spl) (Pre) 2004
- इंग्लैंड में अंग्रेज अधिकारियों की हत्या के आरोप में मदनलाल ढ़ींगरा तथा ऊधम सिंह को फांसी की सजा मिली थी।
- ऐसा पता है कि मदनलाल ढ़ींगरा ने 1 जुलाई, 1909 को लंदन में भारतीय राष्ट्रीय संघ की बैठक में भारत राज्य सचिव के सलाहकार कर्जन वायली तथा कोवास लोलक्का को गोलियों से भून दिया था।
- लेकिन उन्हें फांसी की सजा दी गई।
- ऊधम सिंह ने जलियांवाला बाग में हत्या के अप्रत्यक्ष रुप से जिम्मेदार तत्कालीन पंजाब के गवर्नर माइकल ओ डायर की लंदन में मार्च, 1940 में हत्या कर दी थी, लेकिन इन्हें भी फांसी की सजा हुई थी।
कामागाटामारु क्या था - एक जहाज U.P.P.C.S. (Pre) (Re-Exam) 2015
कामागाटामारु - कनाडा की यात्रा पर निकला एक जलपोत था I.A.S (Pre) 2005
- कामागाटामारु, कनाडा की यात्रा पर निकला एक जलपोत था, जिसे प्रथम विश्वयुद्ध के दौरान भारत के गुरुदीप सिंह ने किराए पर लेकर उस पर 376 यात्रियों को बैठाकर कनाडा के बंदरगाह बैंकूवर की ओर प्रस्थान किया था।
- तट पर पहुँचने के बाद कनाडाई पुलिस ने भारतीय यात्रियों की घेराबंदी कर उन्हें देश में प्रवेश करने से रोक दिया।
- यात्रियों के अधिकार की लड़ाई लड़ने हेतु हुसैन रहीम, बलवंत सिंह तथा सोहनलाल पाठक की अगुवाई में शोर कमेटी (तटीय समिति) का गठन हुआ।
- अमेरिका में रह रहे भारतीयों भगवान सिंह, बरकतुल्ला, रामचंद और सोहनसिंह ने भी यात्रियों के समर्थन में आंदोलन चलाया।
- कामागाटामारु जहाज के बजबज (कलकत्ता) पहुँचने पर क्रुद्ध यात्रियों और पुलिस में संघर्ष हुआ, जिसमें लगभग 18 यात्री मारे गए तथा 202 यात्रियों को जेल में डाल दिया गया।
मैडम भीकाजी कामा, एम.बरकतुल्ला, वी.वी.एस. अय्यर और एम.एन. राय में क्या बात समान थी - वे सभी प्रमुख क्रांतिकारी थे और स्वतंत्रता आंदोलन की अवधि में भारत से बाहर विविध देशों में काम कर रहे थे I.A.S (Pre) 1994
- मैडम भीकाजी कामा, एम. बरकतुल्ला, वी.वी.एस. अय्यर और एम.एन. राय क्रांतिकारी थे और विदेशों में भारत की स्वतंत्रता का बिगुल बजा रहे थे।
- मैडम कामा भारत की प्रथम सुविख्यात महिला क्रांतिकारी थी।
- 1909 ई. में इन्होंने पेरिस को अपना मुख्यालय बनाया।
- एम.एन. राय 1924 ई. में कम्युनिस्ट इंटरनेशनल के पूर्णकालिक सदस्य चुने गए तथा चीन सहित एशिया में साम्यवादी आंदोलन के प्रभारी रहे।
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