भारत का विभाजन एवं स्वतंत्रता
जब भारत को स्वतंत्रता प्राप्त हुई थी यू.के. में किस एक पार्टी की सत्ता थी - लेबर पार्टी U.P.P.C.S. (Mains) 2012
- भारत की स्वतंत्रता के समय क्लीमेंट आर. एटली ब्रिटिश प्रधानमंत्री थे।
- उनका कार्यकाल 1945 - 1951 था।
- इस दौरान ब्रिटेन में लेबर पार्टी सत्ता में थी।
भारत के स्वतंत्र होते समय इंग्लैंड का प्रधानमंत्री कौन था - क्लीमेंट एटली P.C.S. (Pre) 2003
ब्रिटिश सरकार ने जून, 1948 तक भारत छोड़ने की घोषणा की थी - फरवरी, 1947 में P.C.S. (Mains) 2006
- ब्रिटेन के प्रधानमंत्री एटली ने 20 फरवरी, 1947 को हाउस ऑफ कॉमन्स में यह घोषणा की कि अंग्रेज जून, 1948 के पहले ही उत्तरदायी लोगों को सत्ता हस्तांतरित करने के उपरांत भारत छोड़ देंगे।
- एटली ने वेवेल के स्थान पर लॉर्ड माउंटबेटेन को वायसराय नियुक्त किया जिन्होंने 22 मार्च, 1947 को भारत आकर शीघ्र ही सत्ता हस्तांतरण के लिए पहल शुरु कर दी।
लॉर्ड माउंटबेटन वायसराय के रुप में भारत आए - यथासंभव भारत को संयुक्त रखने की विशेष हिदायत के साथ I.A.S. (Pre) 1998
- 20 फरवरी, 1947 को एटली ने हाउस ऑफ कॉमन्स के समक्ष बयान दिया कि जून, 1948 तक उनका भारतीयों को सत्ता हस्तांतरित करने का वादा है।
- लेकिन साथ ही यह भी कहा गया कि यदि तब तक एक संविधान का निर्णय न किया गया तो अंग्रेजों को अधिकार होगा कि वे जिसे चाहे उसे शक्ति सौंप दें।
- मार्च, 1947 में लॉर्ड माउंटबेटन को वायसराय पद की शपथ दिलाई गई।
- उनका कार्य भारत से ब्रिटिश शक्ति को समेटना था।
- उन्हें सत्ता के हस्तांतरण के साथ यथासंभव भारत को संयुक्त रखने की विशेष हिदायत दी गई थी तथापि उन्हें इस बात के लिए भी अधिकृत किया गया था कि वे भारत की परिवर्तित परिस्थितियों के अनुरुप निर्णय ले सकते हैं ताकि ब्रिटेन सम्मानजनक रुप से न्यूनतम हानि के साथ भारत से हट सके।
- माउंटबेटन शीघ्र ही सत्ता हस्तांतरण संबंधी वार्ताओं के दौरान इस निष्कर्ष पर भी पहुंचे कि भारत का बटंवारा तथा पाकिस्तान की स्थापना आवश्यक हो गई है।
कौन - सी योजना भारतीय स्वतंत्रता का आधार बनी - माउंटबेटन योजना U.P.U.D.A./L.D.A. (Pre) 2006
- 22 मार्च, 1947 को अंतिम ब्रिटिश गवर्नर लॉर्ड मांउटबेटन भारत आए जिनका उद्देश्य भारत को पूर्ण स्वतंत्रता देना था।
- माउंटबेटन ने 15 अगस्त, 1947 को भारतीयों को सत्ता सौंपने का दिन निर्धारित किया।
- लगभग दो माह चली वार्ताओं के बाद माउंटबेटन इस निष्कर्ष पर पहुँचे कि विभाजन ही एकमात्र रास्ता है।
- उन्होंने एटली के बातो के दायरे में भारत विभाजन की एक योजना तैयार कि जिसे माउंटबेटन योजना के नाम से जाना जाता है।
माउंटबेटन योजना आधार बनी - देश के विभाजन की U.P.P.C.S. (Pre) 2013
भारतीय स्वतंत्रता अधिनियम (द इंडियन इंडिपेंडेंस एक्ट) ब्रिटिश संसद द्वारा पारित किया गया - जुलाई, 1947 में U.P.P.C.S. (Mains) 2012/U.D.A./L.D.A. (Pre) 2007
- माउंटबेटन योजना (3 जून, 1947) के अनुरुप ब्रिटिश संसद द्वारा 18 जुलाई, 1947 को भारतीय स्वतंत्रता अधिनियम (द इंडियन इंडिपेंडेंस एक्ट) पारित किया गया जिसमें भारत और पाकिस्तान नामक दो डोमिनियनों की स्थापना के लिए 15 अगस्त, 1947 की तिथि निश्चित की गई।
भारतीय स्वतंत्रता अधिनियम, 1947 प्रभावी हुआ था - जुलाई 18, 1947 ई. को U.P.R.O./A.R.O. (Pre) 2014
भारतीयों को वर्ष 1947 में सार्वभौम सत्ता सौंपने की योजना निम्न में से किस नाम से जानी गई - माउंटबेटन योजना U.P.P.C.S. (Pre) 1994
भारत के विभाजन से संबंधित माउंटबेटन योजना की सरकारी तौर पर घोषणा कब हुई थी - 3 जून, 1947 M.P.P.C.S. (Pre) 2014
- भारतीय स्वतंत्रता अधिनियम, 1947 युनाइटेड किंगडम की पार्लियामेंट द्वारा पारित वह विधान है जिसके अनुसार ब्रिटेन अनुसार ब्रिटेन शासित भारत का दो भागों (भारत तथा पाकिस्तान) में विभाजन किया गया।
- भारत के विभाजन से संबंधित माउंटबेटन योजना की सरकारी तौर पर घोषणा 3 जून, 1947 को की गई।
भारतीय स्वाधीनता विधेयक को राजकीय स्वीकृति प्राप्त हुई थी - 18 जुलाई, 1947 को U.P.P.C.S. (Pre) 2014
- भारतीय स्वतंत्रता विधेयक 4 जुलाई, 1947 को ब्रिटिश प्रधानमंत्री क्लीमेंट एटली द्वारा हाउस ऑफ कॉमन्स में पेश किया गया था।
- 15 जुलाई, 1947 को हाउस ऑफ कॉमन्स द्वारा तथा इसके अगले दिन हाउस ऑफ लॉडर्स द्वारा इस विधेयक को पारित कर दिया गया।
- तत्पश्चात इस विधेयक को राजकीय स्वीकृति 18 जुलाई, 1947 को प्राप्त हुई थी।
भारत के विभाजन का बाल्कन प्लान (Balkan Plan) उपज था - लॉर्ड माउंटबेटन के मस्तिष्क का I.A.S. (Pre) 2000
- 24 मार्च और 6 मई, 1947 के बीच भारतीय नेताओं के साथ 133 साक्षात्कारों की तीव्र श्रृंखला के बाद माउंटबेटन ने तय किया कि कैबिनेट मिशन की रुपरेखा अव्यावहारिक हो चुकी है।
- तब उन्होंने एक वैकल्पिक योजना बनाई, जिसे बाल्कन प्लान का गुप्त नाम दिया गया।
1947 में भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस देश के विभाजन के लिए मुख्य रुप से इसलिए सहमत हुई, क्यों कि - वे बड़े पैमाने पर संभावित सांप्रदायिक दंगों को बचाना चाहते थे I.A.S. (Pre) 1998
- लॉर्ड माउंटबेटन जो 1947 में लॉर्ड वेवेल के स्थान पर वायसराय नियुक्त हुए, उन्होंने 3 जून, 1947 की घोषणा में भारत के बंटवारे की बात की।
- कांग्रेस देश के विभाजन पर इसलिए सहमत हुई कि वह बड़े पैमाने पर संभावित सांप्रदायिक दंगों को बचाना चाहती थी।
- जैसा कि सरदार वल्लभभाई पटेल ने कहा था - मैंने यह अनुभव किया कि हम भारत का विभाजन नहीं स्वीकार करते तो भारत छोटे- छोटे टुकड़ो में बंट जाएगा और पूर्णतया नष्ट हो जाएगा।
- हमें एक नहीं कई पाकिस्तान मिलते।
- हमारे तो प्रत्येक कार्यालय में ही पाकिस्तान कोष्ठ बना होता।
भारत के विभाजन के विकल्प के रुप में गांधीजी ने माउंटबेटन को सुझाया था कि वे - जिन्ना को सरकार बनाने के लिए आमंत्रित करें I.A.S. (Pre) 2000
- गांधीजी की प्रथम मुलाकात माउंटबेटन से 31 मार्च, 1947 को हुई।
- गांधीजी का यह सुझाव था कि अंतरिम सरकार पूर्ण रुप से लीग के नेता जिन्ना के हाथों सौंप दी जाए, जिससे भारत में सांप्रदायिक दंगों को रोका जा सके।
- लेकिन गांधीजी का यह सुझाव कांग्रेस नेताओं तथा वर्किंग कमेटी को मान्य नहीं था।
- बंटवारे के विरोध में गांधीजी ने कहा था कि - अगर कांग्रेस बंटवारा करेगी तो उसे मेरी लाश के ऊपर करना पड़ेगा।
- जब तक मैं जिंदा हूं भारत के बंटवारे के लिए कभी राजी नहीं होऊंगा और अगर मेरा वश चला तो कांग्रेस को भी इसे मंजूर करने की इजाजत नहीं दूंगा।
रैडक्लिफ समिति किसलिए नियुक्त की गई थी - भारत और पाकिस्तान के बीच सीमाओं को निर्धारित करने के लिए I.A.S. (Pre) 2014
- ब्रिटिश भारत के वाइसराय लॉर्ड माउंटबेटन द्वारा भारत और पाकिस्तान के बीच पंजाब और बंगाल में सीमाओं के निर्धारण के लिए 30 जून, 1947 को पंजाब सीमा आयोग और बंगाल सीमा आयोग नाम से दो आयोग गठित किए गए।
- साइरिल रैडक्लिफ को इन दोनों ही आयोगों का अध्यक्ष बनाया गया।
- इन आयोगों का कार्य पंजाब और बंगाल के मुस्लिम और गैर - मुस्लिम आबादी के आधार पर दो भागों में बांटने हेतु सीमा निर्धारण करना था।
- इस कार्य में इन्हें और भी कारकों का ध्यान रखना था।
- प्रत्येक आयोग में 4 सदस्य थे जिनमें से दो भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस से और दो मुस्लिम लीग से थे।
भारत विभाजन के संदर्भ में 1947 में नियुक्त सीमा आयोग की अध्यक्षता किसने की थी - रेडक्लिफ U.P.P.C.S. (Mains) 2015
- रेडक्लिफ रेखा 17 अगस्त, 1947 को भारत विभाजन के बाद भारत और पाकिस्तान के बीच सीमा बन गई।
- सर सिरिल रेडक्लिफ की अध्यक्षता में सीमा आयोग द्वारा रेखा का निर्धारण किया गया जो 88 करोड़ लोगों के बीच 1,75,000 वर्ग मील (4,50,000 किमी2) क्षेत्र को न्यायोचित रुप से विभाजित करने के लिए अधिकृत थे।
भारत के विभाजन को टालने का अंतिम अवसर समाप्त हो गया था - कैबिनेट मिशन को अस्वीकार करने के साथ ही I.A.S. (Pre) 2002
- 16 मई, 1946 को कैबिनेट मिशन ने अपने प्रस्तावों की घोषणा की, जिसमें अन्य बातों के साथ मुस्लिम लीग की पाकिस्तान की मांग को ठुकरा दिया गया था।
- लेकिन मुस्लिम लीग, जिसने 6 जून, 1946 को कैबिनेट मिशन योजना स्वीकार कर ली थी, 29 जुलाई, 1946 को अपनी स्वीकृति वापस ले ली, तभी भारत के विभाजन को टालने का अंतिम अवसर भी समाप्त हो गया।
14 जून, 1947 को कांग्रेस के दिल्ली अधिवेशन में भारत के विभाजन का प्रस्ताव स्वीकृत हुआ। इस अधिवेशन के अध्यक्ष थे - आचार्य जे.बी. कृपलानी U.P.P.C.S. (Pre) 2007/U.P.P.C.S. (Pre) 1994
- 14 जून, 1947 को जिस समय कांग्रेस महासमिति ने दिल्ली में भारत के विभाजन का प्रस्ताव स्वीकृत किया उस समय कांग्रेस के अध्यक्ष आचार्य जे.बी. कृपलानी थे।
- इस प्रस्ताव को गोविंद वल्लभ पंत ने प्रस्तुत किया था तथा मौलाना आजाद, सरदार पटेल और जवाहर लाल नेहरु ने इसका समर्थन किया।
- नवंबर, 1947 में जे.बी. कृपलानी ने कांग्रेस की अध्यक्षता से त्यागपत्र दे दिया।
- कृपलानी जी के त्यागपत्र के बाद डॉ, राजेंद्र प्रसाद कांग्रेस के अंतरिम अध्यक्ष बने थे।
- 1948 में कांग्रेस के जयपुर अधिवेशन में पट्टाभि सीतारमैया कांग्रेस के अगले अध्यक्ष बने।
- 1950 में कांग्रेस के नासिक अधिवेशन में पुरुषोत्तम दास टंडन कांग्रेस के नए अध्यक्ष बने।
- इसके बाद 1951 से 1954 तक कांग्रेस के अध्यक्ष पं. जवाहरलाल नेहरु रहे और प्रधानमंत्री तथा पार्टी का नेतृत्व एक ही व्यक्ति द्वारा किए जाने की परंपरा प्रारंभ हुई।
नई दिल्ली में 1947 में आयोजित अखिल भारतीय कांग्रेस समिति की बैठक में किसने विभाजन के प्रस्ताव का समर्थन किया था - अबुल कलाम आजाद U.P.P.C.S. (Pre) 2014
- 3 जून, 1947 की विभाजन योजना की पुष्टि के लिए अखिल भारतीय कांग्रेस समिति की 14 जून, 1947 को हुई बैठक में गोबिंद बल्लभ पंत ने भारत विभाजन का प्रस्ताव प्रस्तुत किया और मौलाना अबुल कलाम आजाद ने उसका समर्थन किया था।
किसने 1947 के कांग्रेस कमेटी की बैठक द्वारा विभाजन के प्रस्ताव के पारित होने का राष्ट्रवाद का संप्रदायवाद के पक्ष में समर्पण के रुप में लिया - डॉ. किचलू U.P.P.C.S. (Pre) 2014
- डॉ. सैफुद्दीन किचलू ने वर्ष 1947 में कांग्रेस कमेटी की बैठक द्वारा विभाजन के प्रस्ताव के पारित होने को राष्ट्रवाद का संप्रदायवाद के पक्ष में समर्पण के रुप में लिया।
- पंजाब प्रांतीय कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष डॉ. किचलू विभाजन के प्रबल विरोधी थे।
- भारत की स्वतंत्रता के बाद इन्होंने स्वयं को कांग्रेस पार्टी से पृथक कर लिया और भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी से जुड़ गए।
अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी की 14 जून, 1947 बैठक में भारत - विभाजन के विपक्ष में किसने मतदान किया था - खान अब्दुल गफ्फार खां U.P.P.C.S. (Pre) 2002
- 14 जून, 1947 को संपन्न अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी की बैठक में भारत - विभाजन के विपक्ष में खान अब्दुल गफ्फार खां) सीमांत गांधी) ने मतदान किया था।
- इसका प्रस्ताव गोविंद वल्लभ पंत ने पेश किया, इस प्रस्ताव का समर्थन अबुल कलाम आजाद ने किया (जो पहले विभाजन के विरोधी थे) तथा पटेल और नेहरु ने भी प्रस्ताव का समर्थन किया।
14/15 अगस्त, 1947 की मध्य रात्रि को अंतरिम संसद के रुप में किसने सत्ता ग्रहण की - संविधान सभा M.P.P.C.S. (Pre) 2010
- 14/15 अगस्त, 1947 की मध्य रात्रि को अंतरिम संसद के रुप में संविधान सभा ने सत्ता ग्रहण की।
- नियत दिन से और जब तक दोनों डोमिनियनों की संविधान सभाएं नए संविधान की रचना न कर लें और उनके अधीन नए विधानमंडल गठित न हों जाएं तब तक संविधान सभा को ही अपने डोमिनियन के केंद्रीय विधानमंडल के रुप में कार्य करना था।
- 14 अगस्त की मध्य रात्रि को भारतीय संघ की संविधान सभा की बैठक हुई।
- स्वतंत्रता के अवसर पर संविधान सभा के सदस्यों के मध्य जवाहरलाल नेहरु ने प्रभावशाली भाषण दिया।
14/15 अगस्त, 1947 की मध्य रात्रि केंद्रीय असेम्बली में इकबाल का गीत हिंदोस्तां हमारा तथा जन-गण-मन किसने गाया - एम.एस.सुब्बालक्ष्मी U.P.P.C.S. (Pre) 2010
- 15 अगस्त, 1947 की मध्य रात्रि केंद्रीय असेंम्बली में जन-गण-मन तथा इकबाल का गीत सारे जहां से अच्छा हिन्दोस्तां हमारा एम.एस.सुब्बालक्ष्मी ने गाया था।
पहले अवसर पर भारत के प्रधानमंत्री की नियुक्ति की थी - गवर्नर जनरल ने U.P.P.C.S. (Pre) 2001
- पहले अवसर पर पं. जवाहरलाल नेहरु की भारत के प्रधानमंत्री पद पर नियुक्ति तत्कालीन गवर्नर जनरल लॉर्ड माउंटबेटन ने की थी।
स्वतंत्र भारत के प्रथम गवर्नर जनरल कौन थे - लॉर्ड माउंटबेटन M.P.P.C.S. (Pre) 2006
- स्वतंत्र भारत के प्रथम गवर्नर जनरल लॉर्ड माउंटबेटन (1947-48) और प्रथम भारतीय गवर्नर जनरल चक्रवर्ती राजगोपालाचारी (1948-50) थे।
कौन स्वतंत्र भारत का प्रथम गवर्नर जनरल था - लॉर्ड माउंटबेटन U.P.P.C.S. (Mains) 2014
स्वतंत्र भारत का अंतिम गवर्नर जनरल कौन था - सी. राजगोपालाचारी M.P.P.C.S. (Pre) 1998/P.C.S. (Mains) 2006/B.P.S.C. (Pre) 2004/M.P.P.C.S. (Pre) 2010
- सी. राजगोपालाचारी 1948-50 के दौरान स्वतंत्र भारत के प्रथम भारतीय और अंतिम गवर्नर जनरल थे।
- इस पद पर वे 26 जनवरी, 1950 तक रहे।
- 1952-54 तक वे मद्रास के मुख्यमंत्री रहे।
- 1959 में विभिन्न मुद्दों पर कांग्रेसी नेताओं से मतभेद के कारण उन्होंने कांग्रेस छोड़कर स्वतंत्र पार्टी का गठन किया।
स्वतंत्र भारत के पहले भारतीय गवर्नर जनरल थे - राजगोपालाचारी B.P.S.C. (Pre) 2011
भारत के प्रथम एवं अंतिम भारतीय गवर्नर जनरल थे - सी. राजगोपालाचारी U.D.A./L.D.A. (Pre) 2007/U.P.U.D.A./L.D.A. (Pre) 2006
भारत का अंतिम वायसराय था - लॉर्ड माउंटबेटन M.P.P.C.S. (Pre) 2010/P.C.S. (Mains) 2006
- भारत के अंतिम ब्रिटिश वायसराय एवं गवर्नर जनरल लॉर्ड माउंटबेटन (1947-48) थे।
- उन्होंने मार्च, 1947 में कार्यभार संभाला और 3 जून 1947 को भारत विभाजन की योजना प्रस्तुत की।
स्वतंत्र भारत के प्रथम विधि मंत्री थे - बी.आर. अम्बेडकर P.C.S. (Mains) 2006/U.P.P.C.S. (Mains) 2012
- स्वतंत्र भारत के प्रथम विधि मंत्री बी.आर. अम्बेडकर थे।
- स्वतंत्रता के समय महात्मा गांधी की सलाह पर उन्हें केंद्रीय विधि मंत्री का पद संभालने का न्यौता दिया गया था।
- इस भूमिका में उन्होंने संविधान की प्रारुप समिति के अध्यक्ष के रुप में काम किया।
बिल्कुल प्रारंभ से भारत के राष्ट्रपति के पद पर आसीन व्यक्तियों का सही क्रम है - राजेंद्र प्रसाद, एस. राधाकृष्णन, जाकिर हुसैन, वी.वी. गिरि U.P.P.C.S. (Pre) 2009
- राजेंद्र प्रसाद भारत के पहले (1950 से 1962), एस राधाकृष्णन दूसरे (1962 से 1967), जाकिर हुसैन तीसरे (1967 से 1969) तथा वी.वी. गिरि चौथे (1969 से 1974) राष्ट्रपति थे।
लॉर्ड माउंटबेटन की अध्यक्षता में बनी विभाजन परिषद में भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस का प्रतिनिधित्व किया था - जवाहरलाल नेहरु तथा सरदार पटेल ने U.P.P.C.S. (Mains) 2009
- लॉर्ड माउंटबेटन की अध्यक्षता में बनी विभाजन परिषद में भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस की ओर से जवाहरलाल नेहरु एवं सरदार पटेल सम्मिलित हुए थे।
- इसके परिणाम स्वरुप लॉर्ड माउंटबेटन ने 3 जून को अपनी योजना प्रस्तुत की थी।
भारत के विभाजन के समय भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के अध्यक्ष थे - जे.बी. कृपलानी I.A.S. (Pre) 2002
- भारत विभाजन के समय जे.बी. कृपलानी भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के अध्यक्ष थे।
- ये 23 नवंबर, 1946 के मेरठ अधिवेशन में अध्यक्ष बने और नवंबर, 1947 तक अध्यक्ष रहे।
अंग्रेजों द्वारा भारतीयों को 1947 में सत्ता हस्तातंरित किए जाने के समय कांग्रेस अध्यक्ष कौन था - जे.बी. कृपलानी B.P.S.C. (Pre) 2003
अगस्त, 1947 में स्वतंत्रता दिवस के समारोहों में कौन नेता कही भी सम्मिलित नहीं हुआ - महात्मा गांधी U.P.P.C.S. (Mains) 2016
- अगस्त, 1947 में स्वतंत्रता प्राप्ति के अवसर पर महात्मा गांधी बंगाल के नोआखली में होने वाले सांप्रदायिक दंगों को शांत करा रहे थे।
संविधान को 26 जनवरी के दिन लागू करने का निर्णय इसलिए किया गया, क्योंकि - कांग्रेस ने इस तिथि को 1930 में स्वतंत्रता दिवस के रुप में मनाया था P.C.S. (Pre) 2011
- भारतीय राष्ट्रीय नेता 26 जनवरी (1930 में घोषित स्वतंत्रता दिवस का दिन) की तिथि को यादगार बनाना चाहते थे।
- इसी कारण नवंबर, 1949 में ही संविधान के तैयार हो जाने बाद भी इसे 26 जनवरी, 1950 को पूर्णतः लागू करने का निर्णय लिया गया और 26 जनवरी को गणतंत्र दिवस के रुप में घोषित किया गया।
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