क्रिप्स मिशन (1942) एवं भारत छोड़ो आंदोलन
क्रिप्स मिशन (1942)
भारत में क्रिप्स मिशन किस वर्ष आया - 1942 P.C.S. (Mains) 2006
- द्वितीय विश्व युद्ध में जापान की बढ़ती हुई शक्ति को देखते हुए अंतर्राष्ट्रीय समुदाय विशेषकर अमेरिका, चीन एवं ऑस्ट्रेलिया ने ब्रिटेन पर भारत को स्वतंत्र करने के लिए दबाव बढ़ाया जिसके फलस्वरुप स्टैफोर्ड क्रिप्स के नेतृत्व में मिशन भारतीय नेताओं से वार्ता हेतु मार्च, 1942 में भारत आया।
किसकी दृष्टि में क्रिप्स प्रस्ताव एक टूटते हुए बैंक के नाम एक उत्तर - दिनांकित चेक था - महात्मा गांधी B.P.S.C. (Pre) 2000
- रंगून पर जापानी सेनाओं का अधिकार हो जाने पर अमेरिका के दबाव में ब्रिटिश सरकार ने ब्रिटिश मंत्रिमंडल के एक सदस्य पर स्टैफोर्ड क्रिप्स को भारत भेजने का निर्णय लिया ताकि भारतीय नेताओं के साथ बातचीत करके कोई समाधान ढूंढ़ा जा सके।
- क्रिप्स भारत में तीन सप्ताह रहे (मार्च - अप्रैल, 1942) और भारतीय नेताओं के साथ विचार - विमर्श करके उन्होंने प्रारुप घोषणा के रुप में अपने प्रस्तावों की घोषणा की।
- महात्मा गांधी ने इसे उत्तर तिथीय चेक (Post - Dated Cheque) की संज्ञा दी।
कौन, क्रिप्स मिशन के साथ कांग्रेस के अधिकारिक वार्ताकार थे - पंडित जवाहर लाल नेहरु एवं मौलाना आजाद I.A.S. (Pre) 2010
1902 के क्रिप्स मिशन का एक महत्वपूर्ण पहलू था - द्वितीय विश्व युद्ध के तुरंत पश्चात भारत संघ की स्थापना करना और उसे डोमिनियन पद प्रदान करना U.P. Lower Sub. (Pre) 1998
- स्टैफोर्ड क्रिप्स ने मार्च, 1942 में भारत पहुंच कर एक प्रस्ताव प्रस्तुत किया जिसकी प्रमुख शर्ते इस प्रकार थीं -
- 1. युद्ध के बाद भारत को डोमिनियन राज्य का दर्जा दिया जाएगा जो किसी बाहरी सत्ता के अधीन नहीं होगा।
- 2. भारतीयों को अपना संविधान निर्मित करने का अधिकार दिया जाएगा जिसके लिए युद्ध के बाद एक संविधान निर्मात्री परिषद बनेगी, जिसमें ब्रिटिश भारत के प्रांतों के निर्वाचित सदस्य और देशी रजवाड़ों के प्रतिनिधि शामिल होंगे।
- 3. ब्रिटिश भारत का कोई प्रांत यदि नए संविधान को स्वीकार न करना चाहे तो उसे वर्तमान संवैधानिक स्थिति बनाए रखने का अधिकार होगा। नए संविधान को न स्वीकार करने वाले प्रांतों को अपना अलग संविधान बनाने की आज्ञा होगी।
- 4. युद्ध के दौरान ब्रिटिश वायसराय की एक नई कार्यकारी परिषद का गठन किया जाएगा जिसमें भारतीय जनता के प्रमुख वर्गों के प्रतिनिधि शामिल होंगे। लेकिन रक्षा मंत्रालय ब्रिटिश नेतृत्व के पास होगा।
प्रधानमंत्रियों में से किसने भारत में क्रिप्स मिशन भेजा - विंस्टन चर्चिल I.A.S. (Pre) 2009
- द्वितीय विश्व युद्ध में भारत की भागीदारी और मदद मांगने के लिए मार्च, 1942 में ब्रिटेन के प्रधानमंत्री विंस्टन चर्चिल की सरकार में मंत्री सर स्टैफोर्ड क्रिप्स के नेतृत्व में क्रिप्स मिशन भारत आया था।
क्रिप्स प्रस्तावों में प्रावधान सम्मिलित है - संविधान - निर्मात्री निकाय की रचना के लिए I.A.S. (Pre) 2009
- क्रिप्स मिशन के तहत युद्ध के पश्चात भारत को डोमिनियन अधिराज्य का दर्जा दिए जाने का प्रस्ताव था।
- क्रिप्स मिशन ने संविधान - निर्मात्री निकाय की रचना के लिए भी प्रस्ताव किया था।
- यह संस्था भविष्य में ब्रिटिश राष्ट्रमंडल से पृथक होने अर्थात भारत की पूर्ण स्वतंत्रता के लिए प्रस्ताव कर सकती थी।
किसने गांधीजी के आंदोलनों को राजनैतिक फिरौती कहा - लॉर्ड लिनलिथगो U.P.P.C.S. (Mains) 2007
- लॉर्ड लिनलिथगो ने गांधीजी के आंदोलनों को राजनैतिक फिरौती कहा।
- वायसराय और गर्वनर जनरल लॉर्ड लिनलिथगो का कार्यकाल भारत में सबसे लंबा था।
- भारत छोड़ो आंदोलन इन्हीं के कार्यकाल में महात्मा गांधी द्वारा चलाया गया।
भारत छोड़ो आंदोलन
6 जुलाई, 1942 को वर्धा में महात्मा गांधी जी ने कांग्रेस की कार्यकारी समिति में अपने भारत छोड़ो आंदोलन की चर्चा की, तब उस समिति के अध्यक्ष थे - मौलाना अबुल कलाम आजाद B.P.S.C. (Pre) 1999
- वर्धा में जुलाई, 1942 में हुई कांग्रेस की समिति की बैठक में मौलाना अबुल कलाम आजाद, सरोजनी नायडू, जवाहर लाल नेहरु, वल्लभ भाई पटेल, डॉ. राजेन्द्र प्रसाद, सीतारमैया, जी.वी.पंत, प्रफुल्ल चंद्र घोष, सैयद महमूद, आसफ अली, जे.बी. कृपलानी, महात्मा गांधी इत्यादि ने भाग लिया तथा भारत छोड़ो नामक प्रस्ताव पास किया।
- इसकी अध्यक्षता तत्कालीन कांग्रेस अध्यक्ष अबुल कलाम आजाद ने ही की थी।
14 जुलाई, 1942 को कांग्रेस कार्यसमिति द्वारा भारत छोड़ो आंदोलन का प्रस्ताव कहां पारित किया गया - वर्धा R.A.S./R.T.S. (Pre) 2010/M.P.P.C.S. (Pre) 1996
- 14 जुलाई, 1942 को कांग्रेस कार्यसमिति की बैठक वर्धा में संपन्न हुई।
- यहीं पर कांग्रेस कार्यसमिति द्वारा, अंग्रेजों भारत छोड़ो प्रस्ताव पारित किया गया।
भारत छोड़ो आंदोलन के समय भारत का प्रधान सेनापति कौन था - लॉर्ड वैवेल U.P.P.C.S. (Mains) 2013
- भारत छोड़ो आंदोलन (1942) के समय भारत का प्रधान सेनापति (Commander in Chief) लॉर्ड वैवेल थे जो कि बाद में वर्ष 1943 से 1947 तक भारत के वायसराय और गवर्नर - जनरल भी रहे।
भारत छोड़ो आंदोलन कब प्रारंभ हुआ - 9 अगस्त, 1942 B.P.S.C. (Pre) 2008
- 7 अगस्त, 1942 को बंबई के ऐतिहासिक ग्वालिया टैंक में अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी की वार्षिक बैठक हुई जिसमें वर्धा प्रस्ताव (भारत छोड़ो) की पुष्टी हुई।
- थोड़े बहुत संशोधन के बाद 8 अगस्त, 1942 को प्रस्ताव स्वीकार कर लिया गया और भारत के स्वतंत्रता संघर्ष के तहत अंग्रेजों के विरुद्ध भारत छोड़ो आंदोलन प्रारंभ करने की घोषणा की गई।
- 9 अगस्त, 1942 को भारत छोड़ो आंदोलन आरंभ हुआ।
- आंदोलन आरंभ होते ही आपरेशन जीरो ऑवर के तहत गांधीजी तथा अन्य कांग्रेस नेताओं को गिरफ्तार कर लिया गया।
- गांधीजी को गिरफ्तार कर सरोजनी नायडू सहित पूना के आगां खां पैलेस में रखा गया।
- 1942 के आंदोलन का सर्वाधिक प्रभाव बंबई, बंगाल, बिहार, उड़ीसा, यू.पी. एवं मद्रास में था।
- लेकिन इस आंदोलन में पूरे देश की हिस्सेदारी थी।
भारत छोड़ो आंदोलन का प्रस्ताव बंबई के किस मैदान में पारित किया गया - ग्वालिया टैंक P.C.S. (Pre) 2015
- 7 अगस्त, 1942 को बंबई के ऐतिहासिक ग्वालिया टैंक में अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी की वार्षिक हुई जिसमें भारत छोड़ो की पुष्टि हुई।
वर्ष 1942 क्यों महत्वपूर्ण है - भारत छोड़ो आंदोलन M.P.P.C.S. (Spl.) (Pre) 2003/M.P.P.C.S. (Pre) 2004
भारत छोड़ो आंदोलन कहां से शुरु हुआ था - बंबई U.P.P.C.S. (Pre) 1990
यह कथन, हम भारत को या तो आजाद करेंगे या आजादी के प्रयास में दिवंगत होंगे। किससे जुड़ा है - भारत छोड़ो आंदोलन U.P.P.C.S. (Mains) 2009
करो या मरो का नारा किसने दिया - महात्मा गांधी I.A.S. (Pre) 2009/P.C.S (Pre) 2005
किसने 1942 में भारत छोड़ो प्रस्ताव का समर्थन किया था - सरदार वल्लभ भाई पटेल U.P. Lower Sub. (Pre) 2009
- 8 अगस्त, 1942 को अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी की बैठक में पं. जवाहरलाल नेहरु द्वारा भारत छोड़ो प्रस्ताव पेश किया गया था जिसका सरदार वल्लभ भाई पटेल ने समर्थन किया।
भारत छोड़ो आंदोलन 1942 प्रारंभ करने के पूर्व दिन महात्मा गांधी ने क्या बयान दिए थे - कुल 4 बयान दिए I.A.S. (Pre) 2005
- 1. सरकारी कर्मचारी नौकरी न छोड़े लेकिन कांग्रेस के प्रति अपनी निष्ठा की घोषणा कर दें,
- 2. सैनिक अपने देशवासियों पर गोली चलाने से इंकार कर दें,
- 3. छात्र तभी पढ़ाई छोड़े जब आजादी प्राप्त हो जाने तक अपने इस निर्णय पर दृढ़ रह सकें,
- 4. राजा - महाराजा भारतीय जनता की प्रभुसत्ता स्वीकार करें और उनकी रियासतों में रहने वाली जनता अपने को भारतीय राष्ट्र का अंग घोषित कर दे तथा राजाओं का नेतृत्व तभी मंजूर करें जब वे अपना भविष्य जनता के साथ जोड़ लें।
बलदेव सहाय ने महाधिवक्ता के पद से त्यागपत्र कब दिया - 1942 B.P.S.C. (Pre) 2008
- अग्सत प्रस्ताव (अगस्त, 1940) तथा क्रिप्स मिशन (1942) की असफलताओं ने भारत छोड़ो आंदोलन को जन्म दिया।
- इस दौरान देश में राष्ट्रीय सरकार की स्थापना की मांग को अस्वीकार किए जाने पर 7 अगस्त, 1942 को बंबई के ग्वालिया टैंक मैदान में अखिल भारतीय कांग्रेस की वार्षिक बैठक में वर्धा प्रस्ताव की पुष्टि कर दी गई।
- भारत छोड़ो आंदोलन 9 अगस्त, 1942 को शुरु होते ही, ब्रिटिश सरकार ने कांग्रेस के सभी उच्च स्तरीय नेताओं को ऑपरेशन जीरो ऑवर के तहत गिरफ्तार कर लिया।
- इसी के विरोध में बिहार के महाधिवक्ता बलदेव सहाय ने 1942 में अपने पद से त्यागपत्र दे दिया।
भारत छोड़ो आंदोलन का नेतृत्व किया था - महात्मा गांधी ने B.P.S.C. (Pre) 2001
- भारत छोड़ो आंदोलन कांग्रेस द्वारा अगस्त, 1942 में महात्मा गांधी के नेतृत्व में प्रारंभ किया गया था।
- और आंदोलन के प्रारंभ होते ही गांधीजी एवं कांग्रेस के शीर्ष नेताओं को गिरफ्तार कर लिया गया।
किन पार्टीयों ने भारत छोड़ो आंदोलन का समर्थन नहीं किया था - हिंदू महासभा, कम्युनिस्ट पार्टी ऑफ इंडिया, यूनियनिस्ट पार्टी ऑफ पंजाब U.P. Lower Sub. (Pre) 2004
- हिंदू महासभा, कम्युनिस्ट पार्टी ऑफ इंडिया, यूनियनिस्ट पार्टी ऑफ पंजाब एवं मुस्लिम लीग ने भारत छोड़ो आंदोलन का समर्थन नहीं किया था।
1942 में कांग्रेस के बंबई अधिवेशन में किसके द्वारा भारत छोड़ो प्रस्ताव प्रस्तावित किया गया था - जवाहर लाल नेहरु U.P.P.C.S. (Pre) 2013
भारत छोड़ो प्रस्ताव का आलेख्य बनाया था - महात्मा गांधी ने P.C.S. (Pre) 2002
जब भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस ने भारत छोड़ो आंदोलन प्रस्ताव पारित किया, कांग्रेस का अध्यक्ष कौन था - मौलाना अबुल कलाम आजाद U.P.P.C.S. (Pre) 1996
- कांग्रेस द्वारा भारत छोड़ो आंदोलन का प्रस्ताव पारित करते समय कांग्रेस का अध्यक्ष मौलाना अबुल कलाम आजाद थे।
- वे 1940 के रामगढ़ अधिवेशन में कांग्रेस अध्यक्ष बने थे और 1941 - 45 के मध्य पांच वर्षो तक कांग्रेस का कोई वार्षिक अधिवेशन न हो सका, इन 6 वर्षो में अबुल कलाम आजाद कांग्रेस के अध्यक्ष बने रहे।
- वे स्वतंत्रता - पूर्व भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के सबसे लंबे समय तक और सबसे नाजुक दौर में अध्यक्ष रहे।
- ये भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के लगातार छः वर्षो तक अध्यक्ष रहे थे।
भारत छोड़ो आंदोलन के समय किसने कांग्रेस रेडियो का प्रसारण किया - उषा मेहता U.P.P.C.S. (Pre) 1997
- भारत छोड़ो आंदोलन के दौरान बंबई के विभिन्न भागों से कांग्रेस का गुप्त रेडियो प्रसारित किया जाता था, जिसे मद्रास तक सुना जा सकता था।
- राम मनोहर लोहिया नियमित रुप से इस रेडियो पर प्रसारण करते थे।
- उषा मेहता कांग्रेस के भूमिगत रेडियो का संचालन करने वाले छोटे से दल की एक महत्वपूर्ण सदस्या थी।
- भारतीय स्वतंत्रता आंदोलन के संदर्भ में उषा मेहता की ख्याति भारत छोड़ो आंदोलन की बेला में गुप्त कांग्रेस रेडियो चलाने हेतु है।
भारत छोड़ो आंदोलन के समय इंग्लैंड के प्रधानमंत्री थे - चर्चिल B.P.S.C. (Pre) 2005
- भारत छोड़ो आंदोलन के समय इंग्लैंड के प्रधानमंत्री चर्चिल थे।
- वे 1940 - 45 तक इंग्लैंड के प्रधानमंत्री रहे।
अमेरिकी पत्रकार, जो महात्मा गांधी के भारत छोड़ो आंदोलन के दौरान उनके साथ था, का नाम था - लुई फिशर B.P.S.C. (Pre) 2001/U.P.U.D.A./L.D.A. (Pre) 2002
- महात्मा गांधी के भारत छोड़ो आंदोलन के दौरान अमेरिकी पत्रकार लुई फिशर (महात्मा गांधी के जीवनीकार) उनके साथ थे।
- अमेरिकी बुद्धिजीवी पर्लबक, एडगरस्नो, एम.एल. सूर्मेन, नॉरमन थामस के साथ लुई फिशर ने भारतीय स्वतंत्रता की मांग की थी।
- महात्मा गांधी का जीवनीकार लुई फिशर एक अमेरिकी पत्रकार थे।
भारत छोड़ो आंदोलन से उत्पन्न दंगे किस क्षेत्र में सबसे अधिक व्यापक रहे - बिहार और संयुक्त प्रांत B.P.S.C. (Pre) 1996
- भारत छोड़ो आंदोलन (1942) से उत्पन्न दंगे बिहार और यू.पी. (संयुक्त प्रांत) में सबसे अधिक व्यापक रहे।
- यहां विद्रोह जैसा माहौल बन गया।
- पूर्वी यू.पी. में आजमगढ़, बलिया और गोरखपुर तथा बिहार में गया, भागलपुर, सारन, पूर्णिया, शाहाबाद, मुजफ्फरपुर और चंपारन जन विद्रोह के मुख्य केंद्र रहे।
डॉ. राजेन्द्र प्रसाद को 9 अगस्त, 1942 को गिरफ्तार करके भेजा गया - बांकीपुर जेल B.P.S.C. (Pre) 1999/B.P.S.C. (Pre) 2008
- 9 अगस्त, 1942 को गांधी तथा अन्य सभी प्रमुख कांग्रेसी नेताओं को बंदी बना लिया गया।
- गांधीजी और सरोजिनी नायडू को पूना के आगा खां के महल में नजरबंद रखा गया और कांग्रेस कार्यसमिति के सदस्यों (नेहरु, अबुल कलाम आजाद, गोविंद वल्लभ पंत, डॉ. प्रफुल्ल चंद्र घोष, डॉ. पट्टाभि सीतारमैया, डॉ. सैयद महमूद, आचार्य कृपलानी) को अहमदनगर किले में रखा गया।
- कार्यसमिति के सदस्य राजेंद्र प्रसाद बंबई नहीं आए थे अतः उन्हें पटना में ही गिरफ्तार कर पटना (बांकीपुर) जेल में नजरबंद रखा गया।
भारत छोड़ो आंदोलन के दौरान महात्मा गांधी को कहां बंदी बनाया गया - बंबई में U.P.P.C.S. (Mains) 2012
- भारत छोड़ो आंदोलन का प्रस्ताव पारित होने के बाद 9 अगस्त, 1942 को बंबई में गांधीजी एवं अन्य सभी प्रमुख कांग्रेस नेताओं को बंदी बना लिया गया था।
- गांधीजी को पूना के आगा खां महल में नजरबंद रखा गया था।
भारत छोड़ो प्रस्ताव पारित होने के बाद गांधीजी को कैद किया गया था - आगा खां पैलेस में B.P.S.C. (Pre) 1996
9 अगस्त, 1942 को जिन दो नेताओं (हजारीबाग में) को गिरफ्तार किया गया, वे थे - शिवकुमार और रामानंद B.P.S.C. (Pre) 1999
- 8 अगस्त, 1942 को भारत छोड़ो आंदोलन के प्रस्ताव को कांग्रेस द्वारा अनुमोदित किया गया।
- 9 अगस्त, 1942 को गांधी सहित सभी प्रमुख कांग्रेसी नेताओं को गिरफ्तार कर लिया गया।
- शिवकुमार और रामानंद को हजारीबाग (पटना) में गिरफ्तार किया गया।
महात्मा गांधी तथा उनके सहयोगियों की 1942 में हुई धरपकड़ से बिहार में बहुत दंगे हुए। इसमें रेल सेवा पूर्ण रुप से ठप्प हो गई।
उसमें अधिकतम प्रभावित जिला था - मुंगेर B.P.S.C. (Pre) 1999
- 1942 में भारत छोड़ो आंदोलन के दौरान गांधी सहित सभी शीर्ष नेताओं को गिरफ्तार कर लिया गया।
- आंदोलन को कुचलने के लिए पुलिस ने दमन चक्र चलाया।
- पुलिस के इस दमन से क्रुद्ध होकर जनता ने कई स्थानों पर हिंसक कार्यवाही की।
- उसने पुलिस थानों, रेलवे स्टेशनों तथा डाकघरों पर हमले किए।
- कई स्थानों पर रेल लाइनें उखाड़ दी गई जिससे रेल सेवा पूरी तरह ठप हो गई।
- जनाक्रोश के इस तूफान के बड़े - बड़े केंद्र थे - बंगाल का मेदिनीपुर जिला, उत्तर प्रदेश का बलिया जिला तथा बिहार में हुई थीं।
- इससे सर्वाधिक प्रभावित मुंगेर जिले का प्रायः दो सप्ताह तक बाहरी दुनिया से संपर्क कटा रहा था।
जयप्रकाश नारायण को राष्ट्रीय स्तर के नेता की पहचान मिली - भारत छोड़ो आंदोलन B.P.S.C. (Pre) 1996
- जयप्रकाश नारायण को राष्ट्रीय स्तर के नेता की पहचान भारत छोड़ो आंदोलन के दौरान मिली।
- आंदोलन की शुरुआत (9 अगस्त, 1942) के दिन ही सभी प्रमुख कांग्रेसी नेता गिरफ्तार कर लिए गए।
- जो कांग्रेसी नेता गिरफ्तार न हो सके थे, उन्होंने गुप्त रुप से असंगठित जनता को निर्देश किए।
- इसमें जयप्रकाश नारायण, राममनोहर लोहिया तथा अरुणा आसफ अली के नाम प्रमुख हैं।
नेताओं में से किसने भारत छोड़ो आंदोलन के दौरान जेल से फरार होकर भूमिगत गतिविधियों को संगठित किया था - जयप्रकाश नारायण ने U.P.P.C.S. (Pre) 2011
- भारत छोड़ो आंदोलन के दौरान जयप्रकाश नारायण ने हजारीबाग के सेन्ट्रल जेल से फरार होकर भूमिगत गतिविधियों को संगठित किया था।
7 दिसंबर, 1942 को श्री योगेंद्र शुक्ल कहां लाए गए - पटना B.P.S.C. (Pre) 2001
- योगेंद्र शुक्ल, जयप्रकाश नारायण के साथ ही 9 नवंबर, 1942 को हजारीबाग जेल से भागे, किंतु मुजफ्फरपुर में गिरफ्तार कर लिए गए तथा पटना लाए गए।
श्री जगत नारायण लाल की पत्नी का नाम था - श्री मती रामप्यारी B.P.S.C. (Pre) 1991
- भारत छोड़ो आंदोलन के दौरान श्री जगत नारायण लाल की पत्नी रामप्यारी देवी ने बांकीपुर में सभा को संबोधित किया और लोगों से सरकारी नौकरी छोड़ने का आह्वान किया।
स्वतंत्रता संग्राम के दौरान, अरुणा आसफ अली किस भूमिगत क्रियाकलाप की प्रमुख महिला संगठक थी - भारत छोड़ो आंदोलन U.P.P.C.S. (Pre) 2009
- अरुणा आसफ अली प्रसिद्ध भारतीय स्वतंत्रता सेनानी थी।
- उन्हें 1942 में भारत छोड़ो आंदोलन के दौरान मुंबई के ग्वालिया टैंक मैदान में कांग्रेस का झंडा फहराने के लिए हमेशा याद किया जाता है।
- अरुणा आसफ अली, उषा मेहता, जयप्रकाश नारायण, राम मनोहर लोहिया आदि ने कांग्रेस के सभी बड़े नेताओं की गिरफ्तारी के बाद भूमिगत रहकर 1942 के भारत छोड़ो आंदोलन का नेतृत्व किया था।
भारत छोड़ो आंदोलन के दौरान उत्तर प्रदेश के जिलों में से किसमें समानांतर सरकार की स्थापना की गई थी - बलिया व सतारा U.P.U.D.A./L.D.A. (Pre) 2013
- भारत छोड़ो आंदोलन की एक महत्वपूर्ण विशेषता थी - देश के कई स्थानों पर समानांतर सरकार की स्थापना।
- 1942 के दौरान देश में तीन प्रमुख स्थानों (1) बलिया - अगस्त, 1942 चित्तू पांडेय के नेतृत्व में (2) तामलुक (मिदनापुर) बंगाल - दिसंबर, 1942 से सितंबर, 1944 तक, यहां की जातीय सरकार ने तूफान पीड़ितों की सहायता के लिए कार्यक्रम प्रारंभ किया और (3) सतारा (महाराष्ट्र) - 1943 के मध्य से 1945 तक, यह सबसे लंबे समय तक चलने वाली सरकार थी यहां पर प्रति सरकार के नाम से समानांतर सरकार स्थापित की गई, इसके प्रमुख नेता वाई, वी. चह्वाण एवं नाना पाटिल थे।
- इसके अतिरिक्त उड़ीसा के तलचर में भी कुछ समय तक समानांतर सरकार रही थी।
भारत छोड़ो आंदोलन के उपरांत, सी. राजगोपालाचारी ने दी वे आउट नामक पैम्फलेट जारी किया। कौन सा एक प्रस्ताव इस पैम्फलेट में था - संवैधानिक गतिरोध का हल I.A.S. (Pre) 2010
- अखिल भारतीय मुस्लिम लीग तथा भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के बीच संवैधानिक गतिरोध को दूर करने के लिए सी. राजगोपालाचारी ने 1944 में दी वे आउट नामक अपना प्रपत्र जारी किया था जिसका कांग्रेस की ओर से विरोध किया गया था। गांधीजी ने जिन्ना से अपनी बातचीत में इस प्रस्ताव की चर्चा की थी जिसे जिन्ना ने अस्वीकार कर दिया था।
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