संगम युग
संगम साहित्य में तोलकाप्पियम एक ग्रंथ है - तमिल व्याकरण का U.P.P.C.S. (Pre) 1997
- तोलकाप्पियर ऋषि अगस्त्य के बारह योग्य शिष्यों में से एक थे।
- यह एक व्याकरण ग्रंथ है इसकी रचना सूत्र शैली में की गई है।
- व्याकरण के साथ - साथ यह काव्य शास्त्र का भी एक उच्चकोटि का ग्रंथ है।
ईसा की प्रारंभिक शताब्दियों में भारत तथा रोम के बीच घनिष्ठ व्यापारिक संबंधों की सूचना किस पुरास्थल की खुदाइयों से प्राप्त होती है - अरिकामेडु U.P.P.C.S. (Pre) 2001/U.P.U.D.A./L.D.A. (Pre) 2002
- अरिकामेडु पूर्वी तट पर पांडिचेरी (पुडुचेरी) से 3 किलोमीटर दक्षिण में उष्ण कटिबंधीय कोरोमंडल तट पर स्थित है।
- पेरिप्लस में इसे पोडुके कहा गया है।
- यहाँ ईसा की प्रारंभिक शताब्दियों में रोमन बस्ती की अवस्थिति मानी जाती है।
- यहाँ से प्राप्त अवशेषों में कई रोमन वस्तुएँ प्राप्त हुई है, जिनमें शराब के दो हत्थे कलश, रोमन लैम्प, रोमन ग्लास, आदि प्रमुख है।
रोमन बस्ती कहाँ से प्राप्त हुई है - अरिकामेडु U.P. Lower Sub. (Pre) 2009
कौन सा बंदरगाह पोडुके नाम से दी पेरिप्लस ऑफ दी इरिथ्रियन सी के लेखक को ज्ञात था - अरिकामेडु U.P.P.C.S. (Pre) 1997
एम्फोरा जार होता है एक - लंबा एवं दोनो तरफ हत्थेदार जार U.P.P.C.S. (R.I.) 2014
- एम्फोरा जार एक लंबी एवं संकीर्ण गर्दन वाला और दोनों तरफ हत्थेदार जार है।
- प्राचीन काल में - इसका प्रयोग तेल या शराब को रखने के लिए किया जाता था।
- अरिकामेडु के उत्खनन से रोम आयातित इस जार के अवशेष मिले है।
धार्मिक कविताओं का संकलन कुरल किस भाषा में है - तमिल M.P.P.C.S. (Pre) 1997
- कुरल तमिल साहित्य का बाइबिल तथा लघुवेद माना जाता है।
- इसे मुप्पाल भी कहा जाता है।
- इसकी रचना सुप्रसिद्ध कवि तिरुवल्लुर ने की थी।
- अनुश्रुतियों के अनुसार तिरुवल्लुर ब्रह्मा के अवतार थे।
कौन सा एक प्राचीन भारत में व्यापारियों का निगम था - मणिग्रमम् I.A.S. (Pre) 1997
- दक्षिण भारत में नगरों में व्यापारियों के विभिन्न संगठन थे , जैसे - मणिग्रामम्, वलंजीयर आदि।
- इनका कार्य व्यापार - व्यवसाय को प्रोत्साहन देना था।
चोल साम्राज्य को अंततः किसने समाप्त किया - मलिक काफूर ने U.P. Lower Sub. (Pre) 2004
- चोल साम्राज्य को अंततः अलाउद्दीन खिलजी के सेनानायक मलिक काफूर ने अपनी दक्षिण विजय के दौरान समाप्त किया था।
- इसका स्पष्ट विवरण अमीर खुसरो की प्रसिद्ध कृति खजाइन-उल-फुतूह में प्राप्त होता है।
संगम युग में उरैयूर किसलिए विख्यात था - कपास के व्यापार का महत्वपूर्ण केन्द्र B.P.S.C. (Pre) 1994
- तमिलनाडु के तिरुचिरापल्ली में कावेरी नदी के तट पर अवस्थित उरैयूर संगम कालीन महत्वपूर्ण नगर था।
- यह कारी एवं वाराणम नामों से भी प्रसिद्ध था।
- संगम युग में उरैयूर सूती वस्त्रों का बहुत बड़ा केन्द्र था।
- इसका विवरण पेरिप्लस ऑफ दी इरिथ्रियन सी में मिलता है।
पाण्ड्य राज्य की जीवन रेखा कौन सी नदी थी - वेंगी U.P. Lower Sub. (Spl) (Pre) 2010
- पाण्ड्य राज्य की जीवन रेखा वेंगी नदी थी।
- वेंगी नदी वाला प्रदेश अपनी उर्वरता के लिए अत्यधिक प्रसिद्ध था।
कदंब राजाओं की राजधानी थी - वनवासी U.P.P.C.S. (Mains) 2005
- कदंब राजाओं की राजधानी वनवासी थी।
- इस राजवंश (कदंब) की स्थापना मयूरदर्शन ने की थी।
- कदंब राज्य को पुलकेशिन द्वितीय ने अपने राज्य में मिला लिया था।
किस चीनी यात्री ने चालुक्यों के शासनकाल में चीन एवं भारत के संबंधों का विवरण दिया है - मात्वालिन U.P.P.C.S. (Mains) 2014
- मात्वालिन नामक चीनी यात्री ने चालुक्यों के शासनकाल में चीन एवं भारत के संबंधों का विवरण दिया है।
मीनाक्षी मंदिर कहाँ स्थित है - मदुरई में U.P.P.C.S. (Pre) 1992/U.P. Lower Sub. (Pre) 2004
- मीनाक्षी मंदिर मदुरई में स्थित है।
- मदुरई पाण्डयों की राजधानी थी।
- संगम काल में प्रथम एवं तृतीय संगम यहीं आयोजित किए गए थे जिनकी अध्यक्षता क्रमशः आचार्य अगस्त्य एवं नक्कीरर ने की थी।
तृतीय संगम हुआ था - मदुरई में U.P.P.C.S. (Pre) 2006
- संगम का तात्पर्य कवियों की गोष्ठी से है।
- इन गोष्ठियों (संगमों) में कवियों द्वारा रचा गया साहित्य संगम साहित्य कहलाता है।
- संगम युग में दक्षिण भारत में पाण्डय राजाओं के संरक्षण में तीन संगम आयोजित किए गए थे ---
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स्थान
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अध्यक्षता
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प्रथम संगम
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मदुरई
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अगस्त्य ऋषि
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द्वितीय संगम
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कपाटपुरम (अलैवाई)
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अगस्त्य ऋषि
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तृतीय संगम
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मदुरई
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नक्कीरर
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