सिक्ख संप्रदाय
गुरु नानक ने अपना उत्तराधिकारी किसे नियुक्त किया था - गुरु अंगद M.P.P.C.S. (Pre) 2015
- गुरु नानक का जन्म 1464 ई. में तलवंडी, पंजाब में हुआ था।
- ये सिक्खों के पहले गुरु थे।
- इन्होंने नानक पंथ चलाया।
- अपने शिष्य लहना को उत्तराधिकारी नियुक्त किया।
- लहना, गुरु अंगद के नाम से सिक्खों के दुसरे गुरु बने।
- इन्हें गुरुमुखी लिपि का जन्मदाता माना जाता है।
पंजाब में अमृतसर नगर को स्थापित किया था - गुरु रामदास U.P.P.C.S. (Pre) 1996
- चौथे गुरु रामदास के समय में मुगल बादशाह अकबर ने उन्हें 500 बीघा भूमि दान दी जिसमें एक प्राकृतिक तालाब भी था।
- उनको और उनकी पत्नी बीबी भानी को अकबर द्वारा प्रदान की गई भूमि पर अमृतसर का शहर बना।
- पहले उस शहर का नाम रामदासपुर रखा गया लेकिन बाद में वहां खुदे हुए तालाब के नाम पर उसका नाम अमृतसर पड़ गया।
किस सिक्ख गुरु ने विद्रोही राजकुमार खुसरो की सहायता धन एवं आशीर्वाद से की थी - गुरु अर्जुन देव U.P.U.D.A./L.D.A. (Pre) 2001
- मुगल बादशाह जहाँगीर के शहजादे खुसरो ने 1606 ई. में विद्रोह किया।
- वह भागकर पंजाब गया, जहाँ गुरु अर्जुन देव ने उसे आशीर्वाद दिया और संभवतः कुछ आर्थिक सहायता भी दी।
- जहांगीर इस घटना से गुरु से अप्रसन्न हो गया, उसने गुरु पर ढ़ाई लाख रुपये का जुर्माना किया, जिसे देने से इंकार करने पर गुरु को बंदी बना लिया गया और बंदीगृह में कठोर यातनाएं देकर उन्हें मार दिया गया।
- गुरु अर्जुन देव सिक्खों के पांचवें गुरु थे।
- इन्होंने अमृतसर तालाब के मध्य में हरमंदिर का निर्माण करवाया।
- गुरु अर्जुनदेव ने तरनतारन और करतारपुर नामक नगर बसाए तथा मसनद प्रथा चलाई, जिसके अनुसार सिक्खों को अपनी आय का दसवां भाग गुरु को देना पड़ता था।
किसकी समाधि के कारण नांदेड़ गुरद्वारा सिक्खों द्वारा पवित्र माना जाता है - गुरु गोविंद सिंह U.P. Lower Sub. (Pre) 2002
- सिक्खों के दसवें और अंतिम गुरु गोविंद सिंह की नांदेड़ (महाराष्ट्र) में एक अफगान सरदार द्वारा हत्या कर दी गई थी।
- वहां पर उनके समाधि स्थल पर नांदेड़ गुरुद्वारा स्थित है।
किन सिक्ख गुरुओं को तत्कालीन शासकों द्वारा मृत्युंदड दिया गया था - गुर अर्जुन देव, गुरु तेग बहादुर U.P.U.D.A./L.D.A. (Pre) 2002
- गुरु अर्जुन देव तथा गुरु तेग बहादुर को तत्कालीन शासकों जहाँगीर और औरंगजेब द्वारा मृत्युदंड दिया गया था।
- (1) गुरु अर्जुन देव (1581 - 1606 ई.) सिक्खों के पाँचवें गुरु थे।
- जहाँगीर से विद्रोह कर, उसका पुत्र शहजादा खुसरो आगरा से भाग कर अफगानिस्तान कि ओर जा रहा था।
- रास्ते में तरनतारन नामक स्थान पर उसने गुरु अर्जुन से भेंट की।
- गुरु ने उसे यथाशक्ति पूरी सहायता दी जिससे जहाँगीर रुष्ट हो गया और 1606 ई. में षडयंत्र का आरोप लगाकर उसने उन्हें मृत्युदंड दे दिया।
- गुरु अर्जुन देव ने तरनतारन और करतारपुर नामक नगर बसाए।
- उनका मुख्य कार्य आदि ग्रंथ का संकलन करना था।
- गुरु अर्जुन देव ने मसनद प्रथा चलाई, जिसके अंतर्गत सिक्खों को अपनी आय का दसवां भाग गुरु को देना पड़ता था।
- (2) गुरु तेग बहादुर (1664 - 1675 ई.) सिक्खों के नवें गुरु थे।
- औरंगजेब से शत्रुता इन्हें विरासत में मिली थी।
- औरंगजेब ने इनके साथ जो व्यवहार किया उसके कई कारण बताए जाते हैं।
- बनर्जी के अनुसार - गुरु की हत्या राजनैतिक कारणों से नहीं अपितु धार्मिक कारणों से हुई।
- औरंगजेब की बहुचर्चित कठमुल्लावादी विचारधारा और धार्मिक कट्टरपन को सिक्खों की बगावत का एक कारण माना जाता है।
- 1675 ई. में गुरु तेग बहादुर को औरंगजेब द्वारा मृत्युदंड इसी कारण से दिया गया था।
पटना में किस सिक्ख गुरु का जन्म हुआ था - गोविंद सिंह B.P.S.C. (Pre) 2015
- गुरु गोविंद सिंह सिक्खों के दसवें गुरु थे।
- इनका जन्म 22 दिसंबर, 1666 ई. को पटना, बिहार में हुआ था।
- जबकि मृत्यु 7 अक्टूबर, 1708 ई. को नादेड़, महाराष्ट्र में हुई थी।
गुरु गोविंद सिंह की महानता निहित है इसमें कि - उन्होंने सिक्खों की सैनिक व्यवस्था का गठन किया R.A.S./R.T.S. (Pre) 1993
- सिक्खों के दसवें एवं अंतिम गुरु गोविंद सिंह ने सिक्खों को एक सैनिक - संप्रदाय खालसा पंथ में परिवर्तित कर दिया।
- उन्होंने संपूर्ण सिक्ख समुदाय को खालसा पुकारा।
- प्रत्येक सिक्ख को अपने नाम के आगे सिंह उपाधि लगाने के लिए कहा तथा प्रत्येक को केश, कंघा, कृपाण, कच्छा और कड़ा रखने के आदेश दिए।
खालसा पंथ कितने वर्ष पहले प्रारंभ हुआ - 300 M.P.P.C.S. (Pre) 2000
- खालसा पंथ की स्थापना अंतिम सिक्ख (10 वें) गुरु गोविंद सिंह जी ने 13 अप्रैल, 1699 को वैशाखी के दिन आनंदपुर साहिब में की थी।
बंदा बहादुर का मूल नाम था - लच्छन देव U.P.P.C.S. (Mains) 2014
- बंदा बहादुर का मूल नाम लक्ष्मण देव था।
- लक्ष्मण देव को यह नाम सिख गुरु गोविंद सिंह ने दिया था।
सिक्ख साम्राज्य का अंतिम शासक था - दलीप सिंह U.P.P.C.S. (Mains) 2010
- पंजाब के सिक्ख साम्राज्य के अंतिम शासक दलीप सिंह थे।
- 1849 में द्वितीय आंग्ल - सिक्ख युद्ध की समाप्ति पर अंग्रेजो द्वारा पंजाब का विलय कर लिया गया तथा दलीप सिंह को पेंशन देकर बाद में ब्रिटेन भेज दिया गया।
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