20 May 2021 Current Affairs In Hindi
1. हाल ही में आई.आई.टी. रोपण, पंजाब और ऑस्ट्रेलिया के अनुसंधानकर्ताओं ने ‘फेक-बस्टर’ विकसित किया है यह संबंधित है - ऑनलाइन फरेबी का पता लगाने के लिये
- भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान, रोपड़, पंजाब और मॉनाश यूनिवर्सिटी, ऑस्ट्रेलिया के अनुसंधानकर्ताओं ने ‘फेक-बस्टर’नामक एक ऐसा अनोखा डिटेक्टर ईजाद किया है, जो किसी भी ऑनलाइन फरेबी का पता लगा सकता है।
- विदित हो कि ऐसे फरेबी बिना किसी की जानकारी के वर्चुअल सम्मेलन में घुस जाते हैं।
- इस तकनीक के जरिये सोशल मीडिया में भी फरेबियों को पकड़ा जा सकता है।
- मौजूदा महामारी के दौर में ज्यादातर कामकाज और आधिकारिक बैठकें ऑनलाइन हो रही हैं।
- इस अनोखी तकनीक से पता लगाया जा सकता है कि किस व्यक्ति के वीडियो के साथ छेड़-छाड़ की जा रही है या वीडियों कॉन्फ्रेंस के दौरान कौन घुसपैठ कर रहा है।
- इस तकनीक से पता चल जायेगा कि कौन फरेबी वेबीनार या वर्चुअल बैठक में घुसा है।
- वीडियो या विजुअल हेरफेर करने को ‘डीपफेक्स’कहा जाता है।
- ऑनलाइन परीक्षा या नौकरी के लिये होने वाले साक्षात्कार के दौरान भी इसका गलत इस्तेमाल किया जा सकता है।
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2. भारत का पहला कृषि निर्यात सुविधा केंद्र कहां स्थापित किया गया - पुणे
- महाराष्ट्र चैंबर ऑफ कॉमर्स इंडस्ट्रीज एंड एग्रीकल्चर और नाबार्ड (National Bank for Agriculture and Rural Development) ने हाल ही में पहला कृषि निर्यात सुविधा केंद्र (Agricultural Export Facilitation Centre) लॉन्च किया।
- यह केंद्र महाराष्ट्र राज्य के कृषि और खाद्य निर्यात को बढ़ावा देने में सहायता करेगा।
- यह केंद्र कृषि खाद्य उत्पादन के निर्यात के लिए वन-स्टॉप शॉप के रूप में कार्य करेगा।
- केंद्र किसी के लिए भी खुला है जो कृषि निर्यात में शामिल है।
- कृषि निर्यात सुविधा केंद्र क्यों महत्वपूर्ण है?
- 2018 में, भारत ने कृषि निर्यात नीति (Agri Export Policy) शुरू की थी।
- इस नीति का उद्देश्य कृषि निर्यात को दोगुना करना है, अर्थात 2022 तक कृषि निर्यात को 60 बिलियन अमरीकी डालर तक बढ़ाना है। कृषि निर्यात सुविधा केंद्र (Agricultural Export Facilitation Centre) भारत को इस लक्ष्य को प्राप्त करने में मदद करेगा।
- यह केंद्र महाराष्ट्र में क्यों स्थापित किया गया है?
- महाराष्ट्र कृषि के क्षेत्र में अग्रणी राज्यों में से एक है।यह प्याज के सबसे बड़े उत्पादकों में से एक है। आज यह देश में एक महत्वपूर्ण बागवानी राज्य के रूप में उभर रहा है।
- राज्य में मिट्टी और कृषि जलवायु की स्थिति विविध है।यह राज्य को चावल, गेहूं, अरहर, चना, बाजरा, ज्वार और केला, आम, अंगूर, संतरा, काजू जैसे फल व विभिन्न प्रकार की
- फसलों का उत्पादन करने के लिए अनुकूल बनाता है।
- राज्य दालों में अग्रणी उत्पादक है।
- यह दूसरा सबसे बड़ा मोटा अनाज उत्पादक है।
- यह सोयाबीन, गन्ना और कपास का दूसरा सबसे बड़ा उत्पादक भी है।
- यह सूरजमुखी की तीसरा सबसे बड़ा उत्पादक है।
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3. किन संगठनों ने कहा है कि “लंबे समय तक काम करने” के परिणामस्वरूप दुनिया भर में प्रति वर्ष 7.45 लाख मौतें हुई हैं - WHO और ILO
- विश्व स्वास्थ्य संगठन (World Health Organisation) और अंतर्राष्ट्रीय श्रम संगठन (International Labour Organisation) द्वारा हाल ही में किए गए एक अध्ययन में पाया गया कि लंबे समय तक काम करने से हर साल सैकड़ों लोग मारे जाते हैं।
- अध्ययन के प्रमुख निष्कर्ष →
- 2016 में स्ट्रोक और इस्केमिक हृदय रोग (ischemic heart disease) - 7,45,00 (2000 की तुलना में 29% अधिक)
- हृदय रोग से मृत्यु (2016) - 3,47,000
- स्ट्रोक से मृत्यु (2016) - 3,98,000
- इन बीमारियों से इन लोगों की मृत्यु इसलिए हुई क्योंकि वे सप्ताह में कम से कम 55 घंटे काम करते थे।
- 2000 और 2016 के बीच, लंबे समय तक काम करने के कारण हृदय रोगों की संख्या में 42% की वृद्धि तथा स्ट्रोक की संख्या में 19% की वृद्धि हुई।
- सप्ताह में 55 घंटे काम करने से स्ट्रोक का खतरा 35% बढ़ जाता है और इस्केमिक हृदय रोग ((ischemic heart disease) का खतरा 35% बढ़ जाता है।
- 2016 में, लगभग 488 मिलियन लोगों ने लंबे समय तक काम किया, यानी सप्ताह में 55 घंटे से अधिक समय तक काम किया।
- रोग का बोझ (Disease Burden) →
- महिलाओं की तुलना में पुरुषों में काम से संबंधित बीमारी का बोझ अधिक था। लगभग 72% कार्य-संबंधी रोग और अंततः मृत्यु पुरुषों में हुई।
- साथ ही, पश्चिमी प्रशांत क्षेत्र में रहने वाले लोगों, यानी दक्षिण कोरिया, चीन, जापान, ऑस्ट्रेलिया और अन्य दक्षिण पूर्व एशियाई देशों में रहने वाले लोगों में इस तरह की बीमारी का बोझ अधिक था।
4. किस देश के Space Force ने SBRIS Geo-5 मिसाइल वार्निंग सेटेलाइट लांच किया - यूनाइटेड लॉन्च एलायंस
- यूनाइटेड लॉन्च एलायंस ने फ्लोरिडा स्पेस फोर्स स्टेशन से (Atlas V Rocket) लॉन्च किया।
- इस एटलस वी रॉकेट में SBRIS जियो-5 मिसाइल चेतावनी उपग्रह (SBRIS Geo-5 Missile Warning Satellite) को ले जाया गया।
- SBRIS Geo-5 Missile Warning Satellite →
- यह उपग्रह मिसाइल चेतावनी, युद्ध क्षेत्र, मिसाइल रक्षा में प्रमुख क्षमताएं प्रदान करेगा। इसका वजन 4,850 किलोग्राम है। 2018 तक, 10 SBRIS उपग्रह लॉन्च किए गए थे।
- एटलस वी (Atlas V) →
- एटलस वी (Atlas V) दो चरणों वाला रॉकेट है।
- इसके पहले चरण में रॉकेट ग्रेड केरोसिन और तरल ऑक्सीजन और दूसरे चरण में हाइड्रोजन और तरल ऑक्सीजन का उपयोग किया जाता है।
- रॉकेट ने SBRIS को 35,753 किलो मीटर की ऊंचाई पर स्थापित किया।
- SBRIS →
- SBRIS का अर्थ Space Based Infrared System है। इसे मिसाइल चेतावनी, मिसाइल युद्धक्षेत्र और रक्षा लक्षण वर्णन (defence characterization) के लिए डिज़ाइन किया गया है। SBRIS मूल रूप से एक अंतरिक्ष ट्रैकिंग और निगरानी प्रणाली है।
- केवल 2020 में ही, SBRIS उपग्रहों ने हजार से अधिक मिसाइलों का पता लगाया।
- United States Space Force →
- यह अमेरिकी सशस्त्र बलों की एक शाखा है। यह पहला स्वतंत्र अंतरिक्ष बल है। साथ ही, यह दुनिया का एकमात्र अंतरिक्ष बल है। यह वायु सेना विभाग द्वारा संचालित है जो रक्षा विभाग में तीन नागरिक नेतृत्व वाले सैन्य विभागों में से एक है।
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5. अंटार्कटिका में बर्फ की चादरें कब तक जलवायु परिवर्तन बिंदु की ओर बढ़ रही हैं - 2060
- एक नए अध्ययन में कहा गया है कि अंटार्कटिका की बर्फ की चादरें 2060 तक जलवायु परिवर्तन बिंदु (Climate Tipping Points) की ओर बढ़ रही हैं।
- अंटार्कटिका में जलवायु बदलाव →
- अंटार्कटिका में कई बर्फ विशाल खंड हैं। जैसे ही ये बर्फ खंड टूटते हैं, बर्फ की ऊंची चट्टानें अपने आप खड़ी नहीं हो सकती हैं। इस अध्ययन में पाया गया कि ये बर्फ के यह खंड तेजी से टूट रहे हैं।
- अंटार्कटिका की बर्फ की चादरें और खंड उन बेड रॉक्स पर जमी हुई हैं जो महाद्वीप के केंद्र की ओर ढलती हैं।
- समुद्र के पानी के गर्म होने से उनके निचले किनारे पिघल रहे हैं। यह उन्हें अस्थिर कर सकता है। इस प्रकार, यह निष्कर्ष निकाला जाता है कि अंटार्कटिका अपरिवर्तनीय जलवायु परिवर्तन की ओर बढ़ रहा है, अर्थात यह अपने जलवायु परिवर्तन बिंदु (Climate Tipping Points) की ओर बढ़ रहा है।
- जलवायु परिवर्तन बिंदु (Climate Tipping Points) वह दहलीज है जो बड़े बदलाव की ओर ले जाती है।
- Intergovernmental Panel on Climate Change (IPCC) की पांचवीं असेसमेंट रिपोर्ट ने जलवायु परिवर्तन बिंदु (Climate Tipping Points) को जलवायु प्रणाली में अपरिवर्तनीय परिवर्तन के रूप में परिभाषित किया।
- इसे अक्सर Runaway Climate Change के रूप में जाना जाता है। हालांकि, यह Runaway Greenhouse Effect के समान नहीं है।
- Runaway Greenhouse Effect →
- यह तब होता है जब ग्रह के वातावरण में ग्रीनहाउस गैसें ग्रह को ठंडा होने से रोकती हैं। यह एक चरम ग्रीन हाउस प्रभाव है।
- यह अपरिवर्तनीय जलवायु स्थिति बनाता है। रनवे ग्रीनहाउस प्रभाव इतना चरम है कि महासागर गर्म जाते हैं और ग्रह को निर्जन बना देते हैं। यह एक अपरिवर्तनीय जलवायु स्थिति है। यह घटना शुक्र ग्रह में हुई थी।
6. हाल ही में किस देश के वैज्ञानिकों ने एक नई कोविड - 19 लार परीक्षण विधि का अविष्कार किया - अमेरिका
- हाल ही में अमेरिकी वैज्ञानिकों ने एक नई COVID-19 लार परीक्षण विधि (Saliva Testing Method) का आविष्कार किया है जिसे SPOT कहा जाता है।
- SPOT का अर्थ Scalable and Portable Testing है।
- SPOT तीस मिनट में COVID-19 परीक्षा परिणाम देता है।
- इस डिवाइस की कीमत 78 डॉलर है।
- यह टेस्ट काफी हद तक RT-PCR से मिलता-जुलता है।
- RT-LAMP एक न्यूक्लिक एसिड एम्प्लीफिकेशन विधि है।
- इसका उपयोग आरएनए के विशिष्ट अनुक्रमों को गुणा करने के लिए किया जाता है।
- इस तकनीक को RT-PCR के विकल्प के रूप में माना जाता है क्योंकि यह काफी सस्ता और आसान है।
- RT-LAMP टेस्ट पहले RNA सैंपल से DNA बनाता है।
- यह रूपांतरण रिवर्स ट्रांसक्रिपटेस एंजाइम (reverse transcriptase enzyme) द्वारा किया जाता है।
- इस डीएनए को cDNA कहा जाता है।
- अब इस cDNA को वायरस डिटेक्शन के लिए बढ़ाया जाएगा।
- RT-PCR और RT-LAMP के बीच एकमात्र अंतर यह है कि RT-LAMP चार LAMP प्राइमरों का उपयोग करता है।
- प्राइमर न्यूक्लिक एसिड के छोटे टुकड़े होते हैं।
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7. हाल ही में किसने बताया कि 70% से अधिक हिम तेंदुओं का आवास अज्ञात है - WWF
- हिम तेंदुए (snow leopard) पर अधिकांश शोध नेपाल, भारत और चीन द्वारा किए गए हैं।
- दुनिया में सिर्फ 4000 हिम तेंदुआ ही बचे हैं।
- बढ़ते आवास नुकसान और गिरावट, समुदायों के साथ संघर्ष और अवैध शिकार के कारण उन्हें लगातार खतरों का सामना करना पड़ रहा है।
- चूंकि हिम तेंदुए दुर्गम इलाकों में रहते हैं, इसलिए हिम तेंदुए और उनके आवास पर शोध करना बेहद मुश्किल है।
- पहला हिम तेंदुआ सर्वेक्षण →
- अंतर्राष्ट्रीय हिम तेंदुआ दिवस (International Snow Leopard Day) (24 अक्टूबर) पर, भारत ने 2019 में Snow Leopard Population Assessment लॉन्च किया था।
- हालाँकि, यह सर्वे अभी शुरू होना बाकी है। कई राज्य सरकारों जैसे उत्तराखंड आदि ने स्थानीय सर्वेक्षण शुरू किए हैं।
- हिम तेंदुए का संरक्षण (Conservation of Snow Leopard) →
- इसे भारत, नेपाल, चीन, भूटान, मंगोलिया, पाकिस्तान, उजबेकिस्तान, ताजिकिस्तान, कजाकिस्तान, किर्गिस्तान, अफगानिस्तान और रूस जैसे 12 हिम तेंदुए रेंज देशों द्वारा लॉन्च किया गया था।
- SECURE Himalaya → यह एक संयुक्त राष्ट्र विकास कार्यक्रम (UNDP) द्वारा वित्त पोषित परियोजना है।
- भारत में हिम तेंदुए (Snow Leopards in India) →
- भारत में हिम तेंदुए अरुणाचल प्रदेश, सिक्किम, उत्तराखंड, हिमाचल प्रदेश, जम्मू और कश्मीर में पाए जाते हैं।
- ये क्षेत्र वैश्विक हिम तेंदुआ श्रेणी में 5% का योगदान करते हैं। सरकार 2009 से प्रोजेक्ट स्नो लेपर्ड (Project Snow Leopard) चला रही है।
8. हाल ही में किस निकाय के लिये एक स्वतंत्र कॉलेजियम की मांग की गई - निर्वाचन आयोग
- हाल ही में सर्वोच्च न्यायालय (Supreme Court- SC) में एक याचिका दायर कर निर्वाचन आयोग के सदस्यों की नियुक्ति के लिये एक स्वतंत्र कॉलेजियम के गठन की मांग की गई थी।
- भारत निर्वाचन आयोग, जिसे चुनाव आयोग के नाम से भी जाना जाता है, एक स्वायत्त संवैधानिक निकाय है जो भारत में संघ और राज्य चुनाव प्रक्रियाओं का संचालन करता है।
- यह देश में लोकसभा, राज्यसभा, राज्य विधानसभाओं, राष्ट्रपति और उपराष्ट्रपति के चुनाव का संचालन करता है।
- संविधान का अनुच्छेद 324: यह चुनावों के अधीक्षण, निर्देशन और नियंत्रण के लिये एक चुनाव आयोग की नियुक्ति का प्रावधान करता है।
- निर्वाचन आयोग की संरचना →
- निर्वाचन आयोग में मूलतः केवल एक चुनाव आयुक्त का प्रावधान था, लेकिन चुनाव आयुक्त संशोधन अधिनियम, 1989 के बाद इसे एक बहु-सदस्यीय निकाय बना दिया गया है।
- आयोग में वर्तमान में एक मुख्य निर्वाचन आयुक्त (Chief Election Commissioner- CEC) और दो निर्वाचन आयुक्त (Election Commissioners- EC) शामिल हैं।
- आयोग का सचिवालय नई दिल्ली में स्थित है।
- नियुक्ति की वर्तमान प्रणाली →
- संविधान के अनुसार, CEC और EC की नियुक्ति के लिये कोई निर्धारित प्रक्रिया नहीं है।
- अनुच्छेद 324(2) में कहा गया है कि राष्ट्रपति, मंत्रिपरिषद की सहायता और सलाह से CEC और EC की नियुक्ति तब तक करेगा।
- इस संदर्भ में विभिन्न समितियों द्वारा सिफारिश की गयी →
- 1. विधि आयोग की 255 वीं रिपोर्ट
- 2. द्वितीय प्रशासनिक सुधार आयोग
- 3. डॉ. दिनेश गोस्वामी समिति
- 4. न्यायमूर्ति तारकुंडे समिति
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9. हाल ही में चक्रवात ‘ताउते’ के कारण किस राज्य में लैण्डफॉल की स्थिति देखी गई - गुजरात
- ताउते एक उष्णकटिबंधीय चक्रवात (Tropical Cyclone) है, जिसका नाम म्याँमार द्वारा रखा गया है।
- बर्मीज़ भाषा में इसका अर्थ है 'गेको', एक अत्यधिक शोर करने वाली छिपकली (Highly Vocal Lizard)।
- सामान्यत » उत्तरी हिंद महासागर क्षेत्र (बंगाल की खाड़ी और अरब सागर) में उष्णकटिबंधीय चक्रवात पूर्व-मानसून (अप्रैल से जून माह) और मानसून के बाद (अक्तूबर से दिसंबर) की अवधि के दौरान विकसित होते हैं।
- चक्रवातों को गंभीर (48-63 किमी/घंटे ), बहुत गंभीर (64-89 किमी/घंटे), अत्यंत गंभीर (90-119 किमी/घंटे) और सुपर साइक्लोनिक स्टॉर्म (120 किमी/घंटे) के रूप में वर्गीकृत किया गया है। एक नॉट (knot) 1.8 किमी प्रति घंटे (किलोमीटर प्रति घंटा) के बराबर होता है।
- अरब सागर में उत्पत्ति →
- ताउते पूर्व-मानसून अवधि (अप्रैल से जून) में अरब सागर में विकसित होने वाला लगातार वर्षों में चौथा चक्रवात है।
- मेकानू चक्रवात → 2018 (ओमान)
- वायु चक्रवात → 2019 (गुजरात)
- निसर्ग चक्रवात → 2020 (महाराष्ट्र)
- वर्ष 2018 के बाद से इन सभी चक्रवातों को या तो 'गंभीर चक्रवात' (Severe Cyclone) या उससे ऊपर की श्रेणी में रखा गया है।
- वर्ष 2020 में बंगाल की खाड़ी ने तीन चक्रवाती तूफान उत्पन्न हुए, जबकि अरब सागर में दो चक्रवाती तूफान आए।
- उत्तरी अटलांटिक और पूर्वी प्रशांत → हरिकेन (Hurricanes)
- दक्षिण-पूर्व एशिया एवं चीन → टाइफून (Typhoons)
- दक्षिण-पश्चिम प्रशांत और हिंद महासागर क्षेत्र → उष्णकटिबंधीय चक्रवात (Tropical Cyclones)
- उत्तर-पश्चिमी ऑस्ट्रेलिया → विली-विलीज़ ( Willy-Willies)
10. हाल ही में किस राज्य ने विधान परिषद की स्थापना का निर्णय लिया है - पश्चिम बंगाल
- हाल ही में पश्चिम बंगाल की सरकार ने राज्य में विधान परिषद (Legislative Council) की स्थापना का निर्णय लिया है।
- ज्ञातव्य है, कि इससे पहले, पश्चिम बंगाल में ‘उच्च सदन’ अर्थात ‘विधान परिषद’ की स्थापना वर्ष 1952 में की गई थी और वर्ष 1969 तक यह अस्तित्व में रहा।
- जिस प्रकार संसद के दो सदन होते हैं, उसी प्रकार संविधान के अनुच्छेद 169 के अनुसार राज्यों में विधानसभा के अतिरिक्त एक विधान परिषद भी हो सकती है।
- विधान परिषद वाले छह राज्य » आंध्र प्रदेश, तेलंगाना, उत्तर प्रदेश, बिहार, महाराष्ट्र, कर्नाटक।
- वर्ष 2020 में आंध्र प्रदेश विधानसभा ने विधान परिषद को समाप्त करने का प्रस्ताव पारित किया। अंततः परिषद को समाप्त करने के लिये भारत की संसद द्वारा इस प्रस्ताव को मंज़ूरी दी जानी बाकी है।
- वर्ष 2019 में जम्मू और कश्मीर पुनर्गठन विधेयक, 2019 के माध्यम से जम्मू और कश्मीर विधान परिषद को समाप्त कर दिया गया।
- इसके लिए कार्रवाई →
- ‘विधान परिषद’ की स्थापना करने के लिए, विधानसभा में एक विधेयक पेश करना होता है और फिर इसके लिए राज्यपाल का अनुमोदन आवश्यक होती है।
- सदन में सदस्यों की संख्या →
- भारतीय संविधान के अनुच्छेद 171 खंड (1) के अनुसार, विधान परिषद वाले किसी राज्य की विधान परिषद के सदस्यों की कुल संख्या, उस राज्य की विधानसभा के सदस्यों की कुल संख्या के एक-तिहाई से अधिक नहीं होनी चाहिए, तथा किसी राज्य की विधान परिषद के सदस्यों की कुल संख्या किसी भी दशा में 40 से कम नहीं होगी।
- राज्य सभा के समान विधान परिषद एक सतत् सदन है, अर्थात् यह एक स्थायी निकाय है जिसका विघटन नहीं होता। विधान परिषद के एक सदस्य (Member of Legislative Council- MLC) का कार्यकाल छह वर्ष का होता है, जिसमें एक तिहाई सदस्य हर दो वर्ष में सेवानिवृत्त होते हैं।
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