संविधान की प्रस्तावना / उद्देशिका
संविधान की उद्देशिका एवं विशेषताएं-
- भारत में संविधान को 26 नवंबर 1949 ई. को अंगीकार किया. संपूर्ण संविधान 26 जनवरी 1950 ई. को लागू किया गया.
- भारतीय संविधान का पिता डॉ भीमराव अंबेडकर को कहा जाता है. जब संविधान लागू हुआ तब उसमें 395 अनुच्छेद और 8 अनुसूचियां थी.
- संविधान सभा की प्रथम बैठक 9 दिसंबर 1946 ई. को हुई थी. इस दौरान संविधान सभा का अस्थाई अध्यक्ष डॉ सच्चिदानंद सिन्हा को चुना गया.
- 11 दिसंबर 1946 ई. को गठित संविधान सभा का स्थाई अध्यक्ष डॉ राजेंद्र प्रसाद को नियुक्त किया गया था.
- संविधान बनाने के लिए 13 कमेटियां गठित की गई थी. संविधान सभा के संवैधानिक सलाहकार पद पर श्री बी एन राव को नियुक्त किया गया था.
- 13 दिसंबर 1946 ई. को पंडित जवाहरलाल नेहरु के द्वारा उद्देश्य प्रस्ताव प्रस्तुत कर संविधान निर्माण का कार्य प्रारंभ किया.
- ड्राफ्टिंग कमेटी का अध्यक्ष डॉक्टर भीमराव अंबेडकर को बनाया गया. संविधान सभा की अंतिम बैठक 24 जनवरी 1950 को हुई.
- 22 जुलाई 1947 ई. को राष्ट्रीय ध्वज, 24 जनवरी 1950 को राष्ट्रीय गीत और राष्ट्रगान को अपनाया गया.
- 24 जनवरी 1950 ई. को डॉक्टर राजेंद्र प्रसाद भारत के पहले राष्ट्रपति के रूप में चुने गए.
प्रस्तावना से संबंधित महत्वपूर्ण तथ्य-
- मूल उद्देशिका में भारत को कैसा राज्य बनाने का संकल्प लिया गया था - संपूर्ण प्रभुत्व संपन्न लोकतंत्रात्मक गणराज्य
- भारतीय संविधान की प्रस्तावना में वर्णन नहीं है - आर्थिक स्वतंत्रता का
- भारतीय संविधान की प्रस्तावना पहली बार कब संबोधित हुई थी - 42 वें संशोधन द्वारा
- भारतीय संविधान के प्रस्तावना को हमारे संप्रभु प्रजातांत्रिक गणतंत्र की जन्मकुंडली कहा - के एम मुंशी ने
- भारतीय संविधान का कौन सा भाग संविधान की आत्मा है - संविधान की प्रस्तावना
- संविधान को एक पवित्र दस्तावेज कहा है - डॉक्टर भीमराव अंबेडकर ने
- प्रस्तावना में समाजवादी एवं पथ निरपेक्ष शब्द जोड़ा गया - 42 वें संविधान संशोधन द्वारा 1976 में
- उच्चतम न्यायालय ने धारा प्रस्तुत की की उद्देशिका संविधान का भाग है - बोम्मई बनाम यूनियन ऑफ इंडिया वाद में
- भारत एक गणतंत्र है इसका क्या अर्थ है - भारत का राष्ट्र अध्यक्ष वंशानुगत ना होकर निर्वाचित होगा
- सर्वोच्च न्यायालय में प्रस्तावना को भारतीय संविधान की मौलिक संरचना का भाग स्वीकार किया गया.
42 वां संविधान संशोधन अधिनियम 1976
उद्देशिका में संसोधन
पहले पैराग्राफ में - समाजवादी और पंथनिरपेक्ष शब्द को जोड़ा गया।
छठवे पैराग्राफ में - अखंडता शब्द को जोड़ा गया।
नोटः प्रस्तावना की भाषा - ऑस्ट्रेलिया से लिया गया है।
एन.ए. पालकीवाला (न्यायविद् व संवैधानिक विशेषज्ञ) ने संविधान की प्रस्तावना को संविधान का परिचय पत्र कहा है।
उद्देशिका -
हम भारत के लोग, भारत को एक संपूर्ण प्रभुत्व सम्पन्न समाजवादी पंथनिरपेक्ष लोकतंत्रात्मक गणराज्य बनाने के लिये तथा उसके समस्त नागरिको कोः
सामाजिक आर्थिक और राजनैतिक न्याय,
विचार, अभिव्यक्ति, विकास, धर्म
और उपासना की स्वंतत्रता,
प्रतिष्ठा और अवसर की समता
प्राप्त कराने के लिये,
तथा उन सब में
व्यक्ति की गरिमा और राष्ट्र की एकता
और अखंडता सुनिश्चित करने वाली बंधुता
बढ़ाने के लिये
दृढ़संकल्प होकर अपनी इस संविधान सभा में आज तारीख 26 नवंबर, 1949 ई. (मिति मार्गशीर्ष शुक्ला सप्तमी, संवत् दो हजार छह विक्रमी) को एतदद्वारा इस संविधान को अंगीकृत, अधिनियमित और आत्मार्पित करते हैं।
क्या उद्देशिका संविधान का अंग है?
सिर्फ प्रेरणा स्त्रोत है न रहने से मूल उद्देश्यों में कोई अंतर नहीं पड़ता है।
इनरी बेरुबारी वाद 1960
इस केश में कहा गया की प्रस्तावना संविधान का अंग नही है। (सुप्रीम कोर्ट), बल्कि संविधान निर्माताओं के विचारों को जानने की कुंजी है।
केशवानन्द भारती बनाम केरल राज्य 1973
पूर्व निर्णय को बदलते हुये उच्चतम न्यायालय ने इसे संविधान का अभिन्न अंग कहा है।
उद्देशिका में संशोधन (मूल ढाँचे के अलावा) किया जा सकता है।
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