बैक्टीरीया - जीवाणु
बैक्टीरीया - 1683 (एंटीवान ल्यूवेनहॉक) - जनक
एंटीवान ल्यूवेनहॉक ने सबसे पहले इलेक्ट्रॉन - माइक्रोस्कोप - 2 लाख गुना (बड़ा)
सूक्ष्मजीव - (जीवाणु)
जीवाणु - इहेरनबर्ग (नामकरण)
यह एक कोशीकीय, सर्पिलाकार, गोलाकार होता है। (बैक्टीरीयोलॉजी)
बैक्टीरीया की पहचान - माइको, बैसिलस, कोकस
(1) कुष्ठ रोग / कोढ़ (LEPROSY)
वैज्ञानिक नाम - माइक्रोबैक्टिरियम लेप्री
लक्षण - शरीर पर चकते पड़ना, तंत्रिकाएं प्रभावित होती है, तथा ऊतकों में अपक्षय होने लगता है।
रोकथाम - डेपसोन, क्लोफाजीमीन व रिफैमीसीन इसकी प्रमुख औषधि है।
अन्तर्राष्ट्रीय कुष्ठ रोग निवारण दिवस / WORLD LEPROSY DAY - 28 जनवरी (जनवरी के अन्तिम SUNDAY को यह दिवस मनाया जाता है)
(2) क्षय रोग / तपेदिक (TUBERCULOSIS - TB)
वैज्ञानिक नाम - माइक्रोबैक्टिरियम ट्यूबर कुलोसिस
लक्षण - यह जीवाणु मुँह से थूकते समय बाहर निकलते है, इसमें रोगी को बार - बार खांसी आती है, तथा बलगम व रक्त निकलता है।
रोकथाम - स्ट्रेप्टोमाइसीन, पी.ए.एस. व आइसोनियाजाइड इसकी प्रमुख औषधियाँ है। (इस रोग को यक्ष्मा या काकरोग भी कहते है)
(3) टिटनेस (TETANUS) धनुष रोग (LOCK JA)
वैज्ञानिक नाम - वैसिलस टिटेनी
लक्षण - जंग लगे लोहे से घाव लगने पर होता है, इस रोग में तेज बुखार के साथ शरीर में ऐंठन होती है, तथा पुरा शरीर धनुष के आकार में तन जाता है।
रोकथाम - टिटवेक (TETVAC) या एटीएस (ANTI TOXIDE SERUM) का इंजेक्शन तीन बार लगवाना चाहिए, बच्चों में DPT का टीका लगता है।
(4) प्लेग (PLAGUE)
वैज्ञानिक नाम - बैसिलस पोस्टिस
लक्षण - चूहों पर पाये जाने वाले पिस्सुओं से होता है क्योंकि पिस्सुओं के शरीर में प्लेग का बैक्टीरीया रहता है, जिससे बुखार व शरीर पर गिल्टियां निकल जाती है।
रोकथाम - सल्फाड्रग एवं स्ट्रेप्टोमाइसीन नामक औषधि लेनी चाहिए।
(5) एंथ्रेक्स (ANTHRAX)
वैज्ञानिक नाम - बैसिलस एन्थरैसस
लक्षण - पालतू पशुओं के द्वारा फैलता है इसके जीवाणु शरीर में पहुँचकर रोग प्रतिरोधक क्षमता को नष्ट कर देते है।
रोकथाम - एंटी बायटीक दवायें, एंथ्रेक्स का टीका इसके उपचार है। (एंथ्रेक्स का इस्तेमाल जैविक हथियार के रुप में किया जाता है)
(6) निमोनिया (PNEUMONIA)
वैज्ञानिक नाम - डिप्लोकोकस न्यूमोनी
लक्षण - तेज बुखार, सांस लेने में कठिनाई, फेफड़े में सूजन
रोकथाम - ठंड से बचाना चाहिए तथा एण्टीबायोटिक औषधि का प्रयोग करना चाहिए।
(7) हैजा (CHOLERA)
वैज्ञानिक नाम - विब्रियो कालेरी
लक्षण - मक्खियों द्वारा फैलता है तथा दस्त एवं उल्टियां होती हैं जिससे शरीर में जल की कमीं हो जाती है तथा पेशियां में ऐंठन होने लगती है।
रोकथाम - हैजे का टीका लगवाना चाहिए, भोजन साफ सुथरा एवं पानी उबाल कर पीना चाहिए।
(8) डिफ्थीरिया (DIPHTHERIA)
वैज्ञानिक नाम - कारिनबैक्टीरियम डिफ्थीरिआई
लक्षण - 3 से 5 वर्ष के बच्चों में अधिक होता है, श्वास नली में एक जाली बन जाती है जिससे सांस लेने में कठिनाई होती है।
रोकथाम - इसमें बच्चों को D.P.T. का टीका लगवाना चाहिए।
(9) टायफाइड (TYPHOID)
वैज्ञानिक नाम - सालमोनेला टाइफोसा
लक्षण - पानी की गन्दगी से फैलता है, तेज बुखार व सिर दर्द बना रहता है।
रोकथाम - क्लोरोमाइसिटीन वर्ग की एन्टीबायोटीक लेनी चाहिए, बच्चों को T.A.B. का टीका लगवाना चाहिए। (आन्त्र ज्वर, मोतीझरा, मियादी बुखार)
(10) काली खांसी (WHOOPING COUGH)
वैज्ञानिक नाम - हीमोफिलस परटसिस
लक्षण - यह रोग बच्चों में होता है, इसमें बच्चों को देर तक कष्टदायक खांसी आती है।
रोकथाम - D.P.T. का टीका लगवाना चाहिए।
(11) गोनोरिया (GONORRHEA)
वैज्ञानिक नाम - नाईसेरिया गोनोरियाई
लक्षण - जोड़ो का दर्द होता है तथा स्त्रियां बांझ हो जाती है।
रोकथाम - एण्टीबायोटिक औषधियां का प्रयोग करना चाहिए।
(12) सिफलिस (SYPHILIS)
वैज्ञानिक नाम - ट्रेपोनेमा पैलिडम
लक्षण - शरीर पर लाल रंग के दाने पड़ जाते है।
रोकथाम - पेनिसिलीन का इस्तेमाल करना चाहिए।
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