किसान एवं जनजातीय आंदोलन

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किसान आंदोलन एवं किसान सभा

भारत वर्ष का सर्वप्रथम किसान आंदोलन था - बिजौलिया

  • भारत वर्ष का सर्वप्रथम किसान आंदोलन बिजौलिया आंदोलन था।
  • बिजौलिया आंदोलन का नेतृत्व 1913 में साधु सीताराम दास ने किया तथा 1915 में विजय सिंह पथिक इस आंदोलन से जुड़े।

कौन फरवरी, 1918 में स्थापित यू.पी. किसान सभा की स्थापना से संबंद्ध नहीं था - जवाहरलाल नेहरु

  • अवध में होमरुल लीग आंदोलन के कार्यकर्ता काफी सक्रिय थे।
  • इन्होंने किसानों को संगठित करना शुरु किया।
  • संगठन को नाम दिया गया किसान सभा।
  • फरवरी, 1918 में इंद्र नारायण द्विवेदी, गौरीशंकर मिश्र और मदनमोहन मालवीय के प्रयासों से यू.पी. किसान सभा की स्थापना हुई।
  • इस संगठन ने किसानों को किस हद तक जागरुक बनाया, इसका अंदाजा इससे लगाया जा सकता है कि दिसंबर, 1918 में दिल्ली में कांग्रेस अधिवेशन में बड़ी संख्या में उ.प्र. के किसानों ने भाग लिया।
  • पं. जवाहरलाल नेहरु इस सभा से संबद्ध नहीं थे।

वह प्रदेश कौन था, जहां बाबा रामचंद्र ने किसानों को संगठित किया - अवध

  • 1919 के अंतिम दिनों में किसानों का संगठित विद्रोह खुलकर सामने आया।
  • अवध के प्रतापगढ़ जिले की एक जागीर में नाई - धोबी बंद सामाजिक बहिष्कार एवं संगठित कारवाई की पहली घटना थी।
  • झिंगुरी सिंह और दुर्गपाल ने इसमें महत्वपूर्ण भूमिका निभाई लेकिन जल्दी ही आंदोलन में एक नया चेहरा उभरा - बाबा रामचंद्र, जिन्होंने आंदोलन की बागडोर ही नहीं संभाली, अपितु उसे और मजबूत एवं जुझारु बनाया।
  • बाबा रामचंद्र महाराष्ट्र के ब्राह्मण परिवार के थे।
  • 1920 के मध्य वे एक किसान नेता के रुप में उभरे तथा उन्होंने अवध के किसानों को संगठित करना शुरु किया।
  • उनमें संगठन की अद्भुत क्षमता थी।
  • 1920 में इनके प्रयासों से प्रतापगढ़ में अवध किसान सभा का गठन हुआ।

कौन 1930 के दशक में किसान सभा आंदोलन से सक्रिय रुप से जुड़े थे - स्वामी सहजानंद

  • 1930 के दशक में किसान सभा आंदोलन से स्वामी सहजानंद सरस्वती सक्रिय रुप से जुड़े थे।
  • बिहार किसान सभा का गठन इन्होंने ही किया तथा अप्रैल, 1936 में लखनऊ में संपन्न प्रथम अखिल भारतीय किसान सम्मेलन का अध्यक्ष इन्हीं को चुना गया।

अखिल भारतीय किसान सभा के प्रथम सत्र की अध्यक्षता किसने की - स्वामी सहजानंद

  • अप्रैल, 1936 में लखनऊ में अखिल भारतीय किसान कांग्रेस की स्थापना हुई जिसका नाम बदलकर अखिल भारतीय किसान सभा कर दिया गया।
  • बिहार प्रांतीय किसान सभा के संस्थापक स्वामी सहजानंद सरस्वती इसके अध्यक्ष और आंध्र में किसान आंदोलन के अगुआ तथा कृषि क्षेत्र की समस्याओं के विद्वान एन.जी. रंगा इसके महासचिव चुने गए।
  • फैजपुर में कांग्रेस सत्र के साथ अखिल भारतीय किसान कांग्रेस का भी दूसरा सत्र चला जिसकी अध्यक्षता एन.जी. रंगा ने की।

भूदान आंदोलन किसने प्रारंभ किया - विनोबा भावे

  • आधुनिक भारत के महान नेता विनोबा भावे गांधीजी के निकट सहयोंगियों में से थे।
  • 1940 में प्रारंभ व्यक्तिगत सत्याग्रह के दौरान चुने जाने वाले प्रथम सत्याग्रही थे।
  • स्वतंत्रता प्राप्ति के पश्चात इन्होंने भूदान आंदोलन चलाया जिसका मुख्य उद्देश्य भूमिहीन किसानों में भूमि का वितरण करना था।

वल्लभभाई पटेल को सरदार की उपाधि किसने दी - महात्मा गांधी

  • वल्लभभाई पटेल के नेतृत्व में बारदोली का सफल किसान आंदोलन संपन्न हुआ।
  • बारदोली सत्याग्रह के समय ही यहां की महिलाओं की ओर से गांधीजी ने वल्लभभाई पटेल को सरदार की उपाधि प्रदान की।

भूदान आंदोलन का सर्वप्रथम प्रारंभ किस राज्य में हुआ था - आंध्र प्रदेश

  • आचार्य विनोबा भावे द्वारा भूदान आंदोलन का प्रारंभ 18 अप्रैल, 1951 को तत्कालीन आंध्र प्रदेश के तेलंगाना क्षेत्र में पोचमपल्ली ग्राम से किया गया।
  • भूदान आंदोलन भूमि सुधार करने, कृषि में संस्थागत परिवर्तन लाने की एक कोशिश थी।
  • प्रसिद्ध गांधीवादी, रचनात्मक कार्यकर्ता आचार्य विनोबा भावे 1950 के दशक के आरंभ में इस आंदोलन के लिए गांधीवादी तकनींकों एवं रचनात्मक कार्यों तथा ट्रस्टीशिप जैसे विचारों को प्रयोग में लाए।
  • जय प्रकाश नारायण भी सक्रिय राजनीति छोड़कर 1953 ई. में भूदान आंदोलन से जुड़ गए थे।
  • 1955 ई. के अंत तक भूदान आंदोलन ने एक नया रुप धारण किया वह था ग्रामदान का।
  • ग्रामदान आंदोलन की शुरुआत उड़ीसा में हुई और वहां यह सफल रहा।
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Exam List

किसान एवं जनजातीय आंदोलन - 01
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किसान एवं जनजातीय आंदोलन - 02
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  • language Hin & Eng.
किसान आन्दोलन Part-1
  • Question 20
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  • Time 100
  • language Hin & Eng.
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