परतदार या अवसादी चट्टानों का निर्माण चट्टानों की टूट - फूट से प्राप्त मलबे के जल में जमा होते रहने से होता है। इनमें जीवों के अवशेष एवं वनस्पतियों के अंश पर्याप्त मात्रा में पाए जाते हैं। भूपष्ठ के लगभग 75 प्रतिशत क्षेत्र में फैली अवसादी शैलों में परतें तो पाई जाती है। अर्थात ये स्तरों में निक्षेपित होती हैं परंतु ये शैलें रवेदार नहीं होती हैं।
बलुआ पत्थर यांत्रिक क्रियाओं द्वारा निर्मित होने वाली अवसादी या परतदार शैल है। इसका निर्माण चट्टानों के क्षरण से प्राप्त अवसादों के लगातार जमा होते रहने से परतों के रुप में होता है। इस श्रेणी की अन्य प्रमुख चट्टाने कांग्लोमेरेट, सिल्ट, चीका मिट्टी तथा लोयस हैं। अत्यधिक ताप एवं दाब के कारण इसका रुपांतरण क्वार्टजाइट में हो जाता है।
आग्नेय चट्टानें पिघले मैग्मा के ठंडा एवं ठोस होने से बनती हैं। ये रवेदार होती हैं इनमें परतें नहीं पाई जाती हैं तथा पुराजीवाष्म भी नहीं पाए जाते हैं। आग्नेय चट्टानों संबंध प्रायः ज्वालामुखी क्रिया से होता है। इनमें पानी प्रवेश बहुत कम होता है। आग्नेय चट्टान क्रिस्टलीय तथा अक्रिस्टलीय दोनों प्रकार की होती हैं। ये दो प्रकार की होती हैं 1 - प्लूटोनिक अथवा पातालीय चट्टानें 2 - अधिवित्तलीय अथवा मध्यवर्ती चट्टानें। जब लावा पृथ्वी के अंदर काफी गहराई पर ही जम जाता है तो पातालीय चट्टानों का निर्माण होता है।
रुपांतरित चट्टानें अन्य चट्टानों के रुप परिवर्तन के फलस्वरुप निर्मित होती हैं। मूल रुप में रुपांतरण शब्द metamorphose से लिया गया है। जिसका तात्पर्य होता है रुप परिवर्तन।
परतदार अथवा तलछटी तथा आग्नेय शैल में रुप परिवर्तन के फलस्वरुप रुपांतरित शैल की निर्माण होता है।
ग्रेनाइट आग्नेय चट्टानों की श्रेणी में आता है। आग्नेय चट्टानों के रुपांतरण से बनी शैलों के उदाहरण हैं ग्रेनाइट - नीस,बेसाल्ट - एम्फीबोलाइट, बेसाल्ट - शीस्ट
संगमरमर अवसादी चट्टानों के रुपांतरण से बनी शैंले हैं।
अवसादी चट्टानों के रुपांतरण से बनी शैलों के उदाहरण -
1 - शैल - स्लेट
2- चूना पत्थर - संगमरमर
3-चाक एवं डोलोमाइट - संगमरमर
4- बालुआ पत्थर - क्वार्टजाइट
क्वार्टजाइट एवं स्लेट रुपांतरित चट्टानों के रुपांतरण से बनी शैलें हैं। रुपांतरित चट्टानों के पुनः रुपांतरण से बनी शैलों के उदाहरण हैं -
1 - स्लेट - फाइलाइट
2 - फाइलाइट - शिस्ट
3 - गैब्रो - सर्पेन्टाइन
4 - कांग्लोमेरेट - क्वार्टजाइट