पी. तरंगें
सतही तरंगें
एस. तरंगें
इनमें से कोई नहीं
P- तरंग (P-Wave) → यह प्राथमिक तरंग है। इस तरंग का पृथ्वी के अधिकेन्द्र में पास प्रथम आघात पहुँचाता है। ये ठोस, द्रव तथा गैस तीनों माध्यम में चलती है परन्तु ठोस में इनका वेग सर्वाधिक होता है। ये ध्वनि तरंग (अनुदैर्ध्य तरंगों) की भांति व्यवहार करती है। S- तरंग (S-Wave) → यह द्वितीयक तरंग है। केवल ठोस में गमन करती है। अनुप्रस्थ तरंगों की भांति व्यवहार करती है। सतही तरंग (Surface wave) → इसकी उत्पत्ति धरातलीय चट्टान एवं भूगर्भिक तरंगों के मध्य अन्योन्य क्रिया से होती है। ये केवल क्षैतिज तल पर गमन करती है तथा सर्वाधिक विनाशकारी होती है। नोट : इस प्रश्न का आयोग ने उत्तर 1 को सही माना है।
Post your Comments