परिपादल
पुरुनानरु
पत्तिनप्पालै
मदुरैकांची
संगम साहित्य पत्तिनप्पालै जिसकी तुलना अश्वघोष के बुद्धचरित से की जाती है। संगम साहित्य अपने मूल रूप से साहित्य का विशाल भंडार रहा होगा जो संगम साहित्य आज भी उपलब्ध है वह उसका एक हिस्सा भर ही है। संगम साहित्य में नण्णिनै, कुरून्दोहई, एन्गुरूनुरू, पत्तुप्पत, पदिटुप्पतु, परिपादल, कलित्तोहई, अहनानुरू और पुरुनानरु आदि है।
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