गीता
अष्टाध्यायी
महाभारत
महाभाष्य
गीता के जीवन दर्शन के अनुसार मनुष्य महान है अमर है, असीम शक्ति भंडार है। गीता को संजीवनी विद्या की संज्ञा भी दी गई है। मनुष्य का कर्तव्य क्या है इसी का बोध कराना गीता का परम लक्ष्य है। महाभारत युद्ध के समय कृष्ण द्वारा दिए गए उपदेश तुम कर्म करो फल की चिंता न करो इसी को गीता में लिखा गया है।
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