अमर्त्यसेन
भास्कराचार्य
कौटिल्य
रामानुज
गणित की पुस्तक लीलावती का लेखक भास्कराचार्य थे। विश्व में सभ्यताओं के तरीकों के विकास के साथ ही गिनने, जोड़ने - घटाने के तरीके के साथ विकास में योगदान दिया था। इन्होंने संख्या 9 के बाद दहाई, सैकड़ा आदि के लिए अलग से चिह्न बनाए गए थे। इन्होंने बीजगणित में भी अपना योगदान दिया है।
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