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भारत को अंतर्राष्ट्रीय परमाणु ऊर्जा एजेंसी (International Atomic Energy Agency - IAEA) के लिए बाहरी लेखा परीक्षक के रूप में चुना गया है, जो एक प्रतिष्ठित संस्थान है जो परमाणु ऊर्जा के शांतिपूर्ण उपयोग को बढ़ावा देता है, 2022 से 2027 तक छह साल की अवधि के लिए जर्मनी और यूनाइटेड किंगडम और अन्य देशों को हराकर भारत ने यह जवाबदेही हासिल की है। भारत के नियंत्रक और महालेखा परीक्षक जीसी मुर्मू (GC Murmu) को IAEA और विदेश मंत्रालय (MEA) के बाहरी लेखा परीक्षक के रूप में चुना गया था। इस पद के लिए पहले दौर के मतदान में जर्मनी को 36, भारत को 30, ब्रिटेन को 8, रूस को 11, तुर्की को 9, मिस्र को 20, कोरिया गणराज्य को 2 और फिलीपींस को 7 वोट मिले। दूसरे दौर में भारत और जर्मनी के बीच की दौड़ में भारत ने यूरोपीय देश को हरा दिया।
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