कमल और रोटी
बाज
रुमाल
दो तलवारें
देश के क्रांतिकारी बहादुरशाह जफर, तात्या टोपे, कुंवर सिंह, रानी लक्ष्मीबाई आदि ने बड़े सुनियोजित ढंग से क्रांति की तिथि 10 मई ‘रोटी और खिलता हुआ कमल’ को प्रतीक मानकर पूरे अखंड भारत में गुप्त ढंग से सूचना भेज रखी थी। रोटी का अर्थ रहा हम सभी भारतीय अपनी रोटी मिल बांटकर खाएंगे तथा खिलते कमल का अर्थ है कि हम सभी मिलकर देश को कमल के समान खिलते देखना चाहेंगे। यह क्रांति की शुरूआत मेरठ से हुई थी।
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