उत्तराखंड
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लद्दाख
सिक्किम
लद्दाख में लोसार महोत्सव तिब्बती बौद्ध धर्म के पारंपरिक कार्यक्रम में नए साल की शुरुआत में मनाया जाता है।
लोसार तिब्बती चंद्र कैलेंडर की शुरुआत से 15 दिनों का त्योहार है, जो तिब्बती कैलेंडर में 11 महीने के पहले दिन को चिह्नित करता है।
लोसार एक तिब्बती शब्द है जिसका अर्थ है ‘नया साल’।
i.समारोह की शुरुआत ‘मेथो समारोह’ से होती है, जिसमें प्रार्थना का जाप करके और लौ मशाल लेकर किया जाता है।
ii.विभिन्न प्राचीन अनुष्ठानों, सांस्कृतिक कार्यक्रमों और पारंपरिक गीतों का भी प्रदर्शन किया जाता है।
लद्दाख →
लद्दाख को “पासों की भूमि” (ला-पास, दख-मानी) के रूप में भी जाना जाता है और हेमिस, थिकसे और लामायुरु मठ जैसे कई मठों के लिए भी प्रसिद्ध है।
राष्ट्रीय उद्यान– हेमिस राष्ट्रीय उद्यान
नदियाँ– ज़ांस्कर नदी, सिंधु नदी, श्योक नदी
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