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खेलो इंडिया गेम्स की शुरुआत भारत में खेल संस्कृति को पुनर्जीवित करने के लिए की गई थी।
2021 के खेलो इंडिया गेम्स को COVID संकट के कारण स्थगित कर दिया गया था।
अब इसे जनवरी 2022 में हरियाणा में आयोजित किया जायेगा।
खेलो इंडिया यूथ गेम्स 2022-23 का आयोजन मध्य प्रदेश में किया जायेगा।
मध्य प्रदेश कैबिनेट ने हाल ही में भोपाल से खेलों की मेजबानी करने की मंजूरी दी है।
मंत्रि-परिषद ने अन्तर्राष्ट्रीय खेल परिसर की स्थापना के लिए 50-एकड़ भूमि के आवंटन को भी स्वीकृति प्रदान की।
आवंटित धनराशि →
मध्य प्रदेश सरकार ने पहले चरण के लिए 176.59 करोड़ रुपये आवंटित किए। अंतर्राष्ट्रीय खेल परिसर के संचालन और रखरखाव पर 15.56 करोड़ रुपये खर्च किए जायेंगे।
दूसरे और तीसरे चरण के लिए अलग-अलग फंड आवंटित किये जायेंगे।
सुविधाएं →
स्पोर्ट्स स्टेडियम को 10,000 दर्शकों की क्षमता वाले हॉकी स्टेडियम, 4,000 दर्शकों की क्षमता वाले फुटबॉल क्षेत्र, लैंडस्केपिंग, पार्किंग क्षेत्र, बागवानी, गार्डरूम, गेट, आंतरिक सर्विस रोड, स्ट्रीट लाइट और सीवेज सिस्टम से लैस किया जाना है।
कार्यों की प्रगति →
पहले चरण में भोपाल के नाथू बरखेड़ा गांव में इंडोर स्पोर्ट्स कॉम्प्लेक्स बनाया जायेगा।
दूसरे चरण और तीसरे चरण के दौरान, एक क्रिकेट स्टेडियम बनाया जायेगा।
खेलो इंडिया यूथ गेम्स 2023 →
इसमें करीब 25 इवेंट आयोजित किये जायेंगे। इसमें योग, मलखंब, थांग-ता, कलारियापट्टू और गतका जैसे पांच पारंपरिक खेल शामिल हैं।
इसे पांच जगहों पर आयोजित किया जाना है। वे अंबाला, पंचकुला, चंडीगढ़, शाहाबाद और दिल्ली हैं।
इन खेलों में 8,500 से अधिक खिलाडी भाग लेने।
स्पोर्ट्स एक्सपो →
खेलो इंडिया यूथ गेम्स के दौरान हरियाणा सरकार स्पोर्ट्स एक्सपो आयोजित करने की योजना बना रही है।
यह संयुक्त रूप से युवा मामले मंत्रालय और भारतीय खेल प्राधिकरण द्वारा आयोजित किया जाएगा।
मलखंब (Mallakhamba or Malkhamb) →
यह एक पारंपरिक खेल है और एथलीट जिमनास्टिक आसन और हवाई योग करता है।
वह लकड़ी के खम्बे पर कुश्ती ग्रिप भी करता है। यह भारतीय शीशम से बना होता है और अरंडी के तेल से पॉलिश किया जाता है।
यह मध्य प्रदेश में काफी प्रसिद्ध है।
थांग टा गेम्स (Thang Ta Games) →
यह मणिपुर का मार्शल आर्ट है, यह पूजा और लड़ाई के लिए समर्पित है।
इसमें खंजर, तलवार जैसे हथियारों को उपयोग किया जाता है। थांग टा को ह्यूएन लल्लोंग (Huyen Lallong) भी कहा जाता है। इसका अर्थ है रक्षा करने की विधि।
कलारिपयाट्टू (Kalaripayattu) →
यह केरल में व्यापक रूप से प्रचलित है। यह भी थांग टा की तरह ही एक तरह की मार्शल आर्ट है। इसे कलारी भी कहते हैं।
यह देश की सबसे पुरारा जीवित मार्शल आर्ट है। 3000 साल पुराना है। इसमें योग और नृत्य के रूप शामिल हैं।
गतका (Gatka) →
गतका एक मार्शल आर्ट है। यह ज्यादातर पंजाब में सिखों से जुड़ा हुआ है।
इसमें स्टिक फाइटिंग शामिल है। गतका का मतलब पंजाबी में “लकड़ी की छड़ी” होता है।
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