बर्मा से
थाईलैंड से
कंबोडिया से
जावा-सुमात्रा से
तांबे का वह पत्तर जिस पर अस्थाई रूप से रहने के लिए कोई महत्वपूर्ण बात लिखी गई हो। चीन काल में प्राया तांबे के पत्तर पर अक्षर खोदकर दान - पत्र विजय - पत्र आदि लिखे जाते थे, जो अब तक कहीं-कहीं मिलते हैं और ऐतिहासिक शोधों में सहायक होते हैं। इसी में जिक्र है कि जिसमें जावा - सुमात्रा का संबंध बिहार के राजा से था।
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