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गैस पाइप लाइन
नॉर्ड स्ट्रीम 2 एक 1,200 किलोमीटर लंबी पाइपलाइन है जो बाल्टिक सागर के माध्यम से रूस में उस्त-लुगा (Ust-Luga) से जर्मनी में ग्रिफ़्सवाल्ड (Greifswald) तक फैली हुई है।
इस पाइपलाइन में सालाना 55 अरब घन मीटर गैस की आपूर्ति होगी।
वर्ष 2015 में इस पाइपलाइन को बनाने का निर्णय लिया गया था।
नॉर्ड स्ट्रीम 1 पाइपलाइन पहले ही पूरी हो चुकी है, और नॉर्ड स्ट्रीम 2 के साथ, जर्मनी को प्रति वर्ष 110 बिलियन क्यूबिक मीटर गैस की आपूर्ति की जाएगी।
नॉर्ड स्ट्रीम 2 के निर्माण का निर्णय रूसी ऊर्जा प्रमुख गज़प्रोम (Gazprom) और यूरोप की पांच अन्य फर्मों द्वारा लिया गया था।
नॉर्ड स्ट्रीम 2 के बारे में विवाद →
अमेरिका नॉर्ड स्ट्रीम 2 पाइपलाइन का आलोचक रहा है।
उसका मानना है कि इस पाइपलाइन से प्राकृतिक गैस के लिए रूस पर यूरोप की निर्भरता बढ़ेगी, जिससे रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन का हौसला बढ़ेगा।
वर्तमान में, यूरोपीय संघ के सदस्य प्राकृतिक गैस के लिए अपनी 40% आवश्यकताओं के लिए रूस पर निर्भर हैं।
इस परियोजना का पूर्वी यूरोप में भी विरोध किया गया, विशेष रूप से यूक्रेन जिसका रूस के साथ संबंध युद्ध के कारण बिगड़ गया है।
एक पाइपलाइन पहले से मौजूद है जो यूक्रेन के माध्यम से यूरोप और रूस को जोड़ती है।
इसलिए, यूक्रेन का मानना है कि एक बार नॉर्ड 2 के पूरा होने के बाद उन्हें पूरी तरह से दरकिनार कर दिया जाएगा और उन्हें 3 बिलियन अमरीकी डालर के पारगमन शुल्क भुगतान से वंचित कर दिया जाएगा।
डोनाल्ड ट्रम्प सरकार ने नॉर्ड स्ट्रीम 2 पाइपलाइन पर काम करने वाली किसी भी यूरोपीय संघ की कंपनी के खिलाफ प्रतिबंध लगाने वाले कानून पर हस्ताक्षर किए थे।
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