ज़पोरिज़िया परमाणु ऊर्जा संयंत्र
चेर्नोबिल परमाणु ऊर्जा संयंत्र
खमेल्त्स्की परमाणु ऊर्जा संयंत्र
रिव्ने परमाणु ऊर्जा संयंत्र
हाल ही में रूसी सेना द्वारा यूरोप के सबसे बड़े परमाणु ऊर्जा संयंत्र- ज़पोरिज़िया परमाणु ऊर्जा संयंत्र (Zaporizhzhia Nuclear Power Plant) को अपने नियंत्रण में ले लिया गया है।
इस घटनाक्रम के बाद संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद की एक आपातकालीन बैठक की गई।
ज़पोरिज़िया परमाणु ऊर्जा संयंत्र की अवस्थिति →
यह नीपर नदी के तट पर स्थित है जो विवादित डोनबास क्षेत्र से केवल 200 किलोमीटर दूर है जहाँ रूस समर्थित अलगाववादी और यूक्रेनी सेना के बीच युद्ध जारी है।
यह यूक्रेन के सभी एनपीपी द्वारा उत्पादित कुल विद्युत का लगभग 40% और यूक्रेन के वार्षिक विद्युत उत्पादन के पांचवें हिस्से का योगदान करता है।
यह एक प्रकार का लाइट वाटर रिएक्टर (Light Water Reactor) है जिसमें साधारण जल का मॉडरेटर और शीतलक के रूप में उपयोग किया जाता है।
PWR प्लांट विश्व में सबसे सामान्य प्रकार का परमाणु ऊर्जा रिएक्टर है।
चेर्नोबिल आपदा →
1986 में चेर्नोबिल दुर्घटना एक दोषपूर्ण रिएक्टर का परिणाम थी जिसे अपर्याप्त प्रशिक्षित कर्मियों के साथ संचालित किया जा रहा था।
परिणामस्वरूप विस्फोट की वाष्प और आग से रिएक्टर के विनाश ने यूरोप के कई हिस्सों में रेडियोधर्मी सामग्री के जमाव के साथ, कम-से-कम 5% रेडियोधर्मी रिएक्टर सामग्री पर्यावरण में मिल गई थी।
यह आपदा वाणिज्यिक परमाणु ऊर्जा के इतिहास में एकमात्र दुर्घटना थी जहाँ विकिरण के कारण मौतें हुई थीं।
दुर्घटना की रात विस्फोट के कारण चेर्नोबिल संयंत्र के दो श्रमिकों की मृत्यु हो गई तथा तीव्र विकिरण सिंड्रोम के परिणामस्वरूप कुछ हफ्तों के भीतर 28 और लोगों की मृत्यु हो गई।
दुर्घटना के परिणामस्वरूप इस क्षेत्र से लगभग 3,50,000 लोगों को वहाँ से निकाला गया था, लेकिन जिन क्षेत्रों के लोगों को स्थानांतरित किया गया था, उनका पुनर्वास जारी है।
वर्तमान में संचालित परमाणु ऊर्जा संयंत्र →
रावतभाटा (राजस्थान)
तारापुर (महाराष्ट्र)
कुडनकुलम (तमिलनाडु))
काकरापार (गुजरात))
कलपक्कम (तमिलनाडु)
नरोरा (उत्तर प्रदेश)
कैगा (कर्नाटक)
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