इसामी
अफीक
अमीर खुसरो
जियाउद्दीन बरनी
नई फारसी काव्य शैली सबक-ए-हिंदी अथवा हिंदुस्तानी शैली के जन्मदाता अमीर खुसरो को माना जाता है। इतिहास में अमीर खुसरो को तूती-ए-हिंद के नाम से जाना जाता है। उन्होंने स्वयं कहा है कि मैं हिंदुस्तान की टूटी हूं अगर तुम वास्तव में मुझे जानना चाहते हो तो हिंदी में पूछो, मैं तुम्हें अनुपम बातें बता सकूंगा।
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