GSI ने किन नए भूवैज्ञानिक विरासत स्थल स्थलों की पहचान की है -

  • 1

    शिवालिक जीवाश्म उद्यान

  • 2

    बक्सा फॉर्मेशन के चूना पत्थर

  • 3

    1 और 2 दोनों

  • 4

    स्ट्रोमेटोलाइट बेयरिंग डोलोमाइट

Answer:- 3
Explanation:-

हाल ही में भारतीय भूवैज्ञानिक सर्वेक्षण (GSI) ने भारतीय हिमालयी क्षेत्र में दो भूवैज्ञानिक विरासत स्थलों की पहचान की है। 
इसके तहत शिवालिक जीवाश्म उद्यान (हिमाचल प्रदेश) और स्ट्रोमेटोलाइट बेयरिंग डोलोमाइट/बक्सा फॉर्मेशन के चूना पत्थर (सिक्किम) की पहचान की गई है। 
इन दो स्थलों को शामिल करने से भारत में 34 भूवैज्ञानिक विरासत स्थल हो गए हैं। 
इससे पहले GSI ने भू-पर्यटन को बढ़ावा देने के लिये पूर्वोत्तर में कुछ भूवैज्ञानिक स्थलों की पहचान की थी। 
शिवालिक जीवाश्म पार्क (हिमाचल प्रदेश): शिवालिक जीवाश्म पार्क प्लियो-प्लीस्टोसिन युग (2.6 मिलियन से 11,700 वर्ष पूर्व) के क्षेत्र की शिवालिक चट्टानों से बरामद कशेरुकी जीवाश्मों का एक समृद्ध संग्रह को प्रदर्शित करता है। 
सिक्किम के बक्सा फॉर्मेशन के स्ट्रोमेटोलाइट बेयरिंग डोलोमाइट/लाइमस्टोन: यह स्थल प्रोटेरोज़ोइक युग के डेलिंग ग्रुप (2.5 बिलियन वर्ष से 541 मिलियन वर्ष पूर्व) से संबद्ध है। 
भू-विरासत का तात्पर्य ऐसी भूवैज्ञानिक मुखाकृतियों या स्थानों से है, जो स्वाभाविक रूप से या सांस्कृतिक रूप से महत्त्वपूर्ण हैं और पृथ्वी के विकास या पृथ्वी विज्ञान के इतिहास के लिये अंतर्दृष्टि प्रदान करते हैं अथवा इनका उपयोग शैक्षिक उद्देश्यों के लिये किया जा सकता है। भारतीय भूवैज्ञानिक सर्वेक्षण (GSI) वह मूल निकाय है, जो देश में भू-विरासत स्थलों/राष्ट्रीय भूवैज्ञानिक स्मारकों की पहचान और संरक्षण की दिशा में प्रयास कर रहा है।
 

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