स्याही निर्माण इकाई
सुपरसोनिक मिसाइल निर्माण इकाई
हाइपरसोनिक मिसाइल
इसरो और नासा का संयुक्त मिशन
भारतीय रिजर्व बैंक की पूर्ण स्वामित्व वाली सहायक कंपनी भारतीय रिजर्व बैंक नोट मुद्रण प्राइवेट लिमिटेड (Bharatiya Reserve Bank Note Mudran Private Limited – BRBNMPL) ने कर्नाटक के मैसूर में “वर्णिका” नामक एक स्याही निर्माण इकाई की स्थापना की है।
इस नई इकाई को RBI गवर्नर शक्तिकांत दास ने राष्ट्र को समर्पित किया।
इस नई स्याही निर्माण इकाई की क्षमता 1,500 मीट्रिक टन है।
इस नई इकाई की स्थापना देश के बैंक नोटों की सुरक्षा बढ़ाने के लिए की गई है।
यह इकाई सरकार की ‘मेक इन इंडिया’ पहल को बढ़ावा देगी।
यह इकाई यह सुनिश्चित करेगी कि बैंक नोटों की छपाई के लिए आवश्यक स्याही पूरी तरह से देश में ही निर्मित हो।
कलर शिफ्ट इंटैग्लियो इंक (Colour Shift Intaglio Ink – CSII) का निर्माण भी इसी इकाई द्वारा किया जा रहा है।
ऐसा करने से, यह इकाई देश के सभी बैंकनोट प्रिंटिंग प्रेसों की आवश्यकताओं को पूरा कर रही है।
इस प्रकार, बैंकनोट स्याही उत्पादन में आत्मनिर्भरता और लागत दक्षता में वृद्धि हुई है।
BRBNMPL →
यह संगठन सभी भारतीय बैंक नोटों को छापने का काम करता है और इसे 1995 में सिक्कों और बैंक नोटों की बढ़ती मांग को पूरा करने के उद्देश्य से स्थापित किया गया था।
देश की अधिकांश बैंकनोट आवश्यकताओं की आपूर्ति BRBNMPL द्वारा की जाती है, जबकि शेष आवश्यकताओं को सिक्योरिटी प्रिंटिंग एंड मिंटिंग कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया लिमिटेड (SPMCIL) के माध्यम से पूरा किया जाता है, जो भारत सरकार की पूर्ण स्वामित्व वाली सरकारी एजेंसी है। BRBNMPL का मुख्यालय बेंगलुरु में स्थित है।
SPMCIL के प्रेस →
सालबोनी, पश्चिम बंगाल और मैसूर, कर्नाटक में SPMCIL के दो प्रेस हैं।
इन दोनों प्रेसों में प्रति वर्ष 16 अरब नोटों का उत्पादन किया जा रहा है।
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