अलाउद्दीन खिलजी
फिरोज तुगलक
इल्तुतमिश
बलबन
फिरोजशाह तुगलक के राज्य अभिषेक के दौरान राज्य विस्तार के स्थान पर उसने आदर्श बनाया जनकल्याण को अपना आदर्श बनाया। इनका आदर्श वाक्य था- खजाना बड़ा होने से अच्छा है लोगों के कल्याण, दुखी ह्रदय के अच्छा है खाली खजाना इन्होंने शासन की स्थिरता में सबसे बड़ा योगदान- सियासत (मृत्युदंड) पर निषेध था।
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