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डॉ. मनसुख मंडाविया के नेतृत्व में एक उच्च स्तरीय समूह ने लघु और दीर्घावधि के लिए उर्वरक और कच्चे माल को सुरक्षित करने के लक्ष्य के साथ अपनी तरह के पहले प्रयास में जॉर्डन का दौरा किया।
यह यात्रा मौजूदा वैश्विक उर्वरक संकट की पृष्ठभूमि में हुई। डॉ. मंडाविया ने कहा कि भारत को फॉस्फोरिक और पोटेशियम उर्वरकों की आपूर्ति का आश्वासन देने के मामले में जॉर्डन की यात्रा ऐतिहासिक थी। डॉ मनसुख मंडाविया ने बैठकों के दौरान जॉर्डन को भारत का चुना हुआ उर्वरक भागीदार बताया।
केंद्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण एवं रसायन एवं उर्वरक मंत्री डॉ मनसुख मंडाविया के अनुसार देश में उर्वरकों की कोई कमी नहीं है।
जॉर्डन फॉस्फेट माइनिंग कंपनी (जेपीएमसी) ने चालू वर्ष के लिए 30 एलएमटी रॉक फॉस्फेट, 2.50 एलएमटी डीएपी और 1 एलएमटी फॉस्फोरिक एसिड की आपूर्ति के लिए भारतीय सार्वजनिक, सहकारी और निजी क्षेत्र की कंपनियों के साथ समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए।
उन्होंने यह भी उल्लेख किया कि भारत ने एमओपी के 2.75 एलएमटी के वार्षिक शिपमेंट के लिए जॉर्डन के साथ 5 साल के एमओयू पर हस्ताक्षर किए हैं, जो धीरे-धीरे बढ़कर 3.25 एलएमटी हो जाएगा।
केंद्रीय स्वास्थ्य और परिवार कल्याण और रसायन और उर्वरक मंत्री - डॉ मनसुख मंडाविया
जॉर्डन के राजा - अब्दुल्ला द्वितीय बिन अल-हुसैन
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