हस्त शिल्प एवं कुटीर उद्योग मंत्रालय
सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्योग मंत्रालय
कपड़ा मंत्रालय
1 और 2 दोनों
हाल ही में वस्त्र मंत्रालय ने राष्ट्रीय शिल्प संग्रहालय, नई दिल्ली में 'लोटा शॉप' का उद्घाटन किया।
यह दुकान सेंट्रल कॉटेज इंडस्ट्रीज कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया लिमिटेड (CCIC) द्वारा खोली गई थी, जिसे सेंट्रल कॉटेज इंडस्ट्रीज एम्पोरियम के नाम से जाना जाता है।
यह भारत के पारंपरिक शिल्प रूपों पर आधारित बेहतरीन दस्तकारी, स्मृति चिह्न, हस्तशिल्प और वस्त्रों को प्रदर्शित करता है।
सरकार ने यह भी दोहराया कि वह 'एक ज़िला एक उत्पाद' की दिशा में काम कर रही है जो हस्तशिल्प क्षेत्र के साथ-साथ कारीगरों को भी प्रोत्साहन देगा।
एक ज़िला एक उत्पाद:
परिचय:
खाद्य प्रसंस्करण उद्योग मंत्रालय द्वारा 'एक ज़िला एक उत्पाद' (ODOP) शुरू किया गया था, ताकि ज़िलों को उनकी पूरी क्षमता उपभोग, आर्थिक और सामाजिक-सांस्कृतिक विकास को बढ़ावा देने तथा विशेष रूप से ग्रामीण क्षेत्रों में रोज़गार के अवसर पैदा करने में मदद मिल सके।
इसे जनवरी, 2018 में उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा लॉन्च किया गया था, और बाद में इसकी सफलता के कारण केंद्र सरकार द्वारा अपनाया गया।
यह पहल विदेश व्यापार महानिदेशालय (DGFT), वाणिज्य विभाग द्वारा 'निर्यात हब के रूप में ज़िले (Districts as Exports Hub)' पहल के साथ की जाती है।
'निर्यात हब के रूप में ज़िले’ पहल ज़िला स्तर के उद्योगों को वित्तीय और तकनीकी सहायता प्रदान करती है ताकि लघु उद्योगों की मदद की जा सके और वे स्थानीय लोगों को रोज़गार के अवसर प्रदान कर सकें।
उद्देश्य-
इसका उद्देश्य एक ज़िले के उत्पाद की पहचान, प्रचार और ब्रांडिंग करना है।
भारत के प्रत्येक ज़िले को उस उत्पाद के प्रचार के माध्यम से निर्यात हब में बदलना जिसमें ज़िला विशेषज्ञता रखता है।
यह विनिर्माण को प्रवर्धन करके, स्थानीय व्यवसायों का समर्थन करके, संभावित विदेशी ग्राहकों को खोजकर और इसी तरह इसे पूरा करने की कल्पना करता है, अतः 'आत्मनिर्भर भारत' के दृष्टिकोण को प्राप्त करने में मदद करता है।
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