डॉ. राजीव कुमार
परमेश्वरन अय्यर
विवेक देवराय
डॉ. वी. के. पॉल
नीति आयोग भारत सरकार द्वारा 1 जनवरी, 2015 को गठित एक नई संस्थान है जिसे योजना आयोग के स्थान पर बनाया गया है।
योजना आयोग के स्थान पर नई संस्था लाने की घोषणा प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने 15 अगस्त, 2014 को लाल किले से अपने संबोधन में की थी।
नीति आयोग एक गैर संवैधानिक निकाय है। जो भारत सरकार का थिंक टैंक है।
नीति आयोग का पूर्ण रूप ‘राष्ट्रीय भारत परिवर्तन संस्थान'(NITI-National Institution for Transforming India) है।
नीति आयोग का मुख्यालय दिल्ली है।
नीति आयोग योजना आयोग की तरह कोई वित्तीय आवंटन नहीं करता है।
नीति आयोग का प्राथमिक कार्य, सामाजिक एवं आर्थिक मुद्दों पर सरकार को सलाह देने का है ताकि सरकार ऐसी योजना का निर्माण करे जो लोगों के हित में हो।
नीति आयोग के लिए 13 सूत्री उद्देश्य रखे गये है।
नीति आयोग की संरचना में अध्यक्ष, उपाध्यक्ष, सीईओ (CEO), पूर्णकालिक सदस्य (Full Time Member), पदेन सदस्य (Ex-Officio Members) शासी परिषद् तथा विशेष आमंत्रित सदस्य शामिल है।
नीति आयोग का अध्यक्ष प्रधानमंत्री होता है।
नीति आयोग के अध्यक्ष नरेन्द्र मोदी है, जो आयोग के प्रथम अध्यक्ष भी बन चुके है।
नीति आयोग के उपाध्यक्ष की नियुक्ति प्रधानमंत्री करता है।
उपाध्यक्ष को कैबिनेट मंत्री का दर्जा प्राप्त होता है।
सीईओ भारत सरकार के सचिव सतर के अधिकारी होते है जिसे निश्चित कार्यकाल के लिए प्रधानमंत्री द्वारा नियुक्त किया जाता है।
नीति आयोग के प्रथम उपाध्यक्ष अरविंद पनगढ़िया थे।
नीति आयोग के प्रथम सीईओ सिंधुश्री खुल्लर थे।
पूर्णकालिक सदस्यों की संख्या 5 होती है जिन्हें राज्य मंत्री के बराबर दर्जा प्राप्त होता है।
पदेन सदस्य की अधिकतम संख्या चार होती है जो प्रधानमंत्री द्वारा नामित होते है।
नीति आयोग के वर्तमान पूर्णकालिक सदस्य – रमेश चंद, बी.के. सारस्वत श्री विवेक देवराय, डॉ. वी. के. पॉल
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