श्रंगेरी और धारवाड़ में
हंपी और हॉस्पेट में
हलेबिड और बेलूर में
मैसूर और बैंगलूर में
होयसल मूर्ति कला शैली (1050 -1300 ई.) का विकास कर्नाटक के दक्षिण क्षेत्र में हुआ ऐसा कहा जा सकता है कि होयसल कला का आरंभ ऐहोल, बदामी और पट्टदकल के प्रारंभिक चालुक्य कालीन मंदिरों में हुआ, लेकिन मैसूर क्षेत्र में विकसित होने के पश्चात ही इसका विशिष्ट स्वरुप प्रदर्शित हुआ, जिसे होयसल शैली के नाम से जाना गया।
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