शेख निजामुद्दीन औलिया
बाबा फरीद
ख्वाजा मोइनुद्दीन चिश्ती
कुतुबुद्दीन बख्तियार काकी
हजरत निजामुद्दीन औलिया चिश्ती सिलसिला के सूफी हुए जिन्हें ‘महबूब ए इलाही’ भी कहा गया। बदायूं में पैदा हुए और बाबा फरीद की सरपरस्ती में जोधन पाकिस्तान रहे और बाद में दिल्ली चले आए। औलिया ने अपने 60 साल के जीवन में दिल्ली की सियासत को तीन सल्तनत के हाथों में देखा गुलाम, खिलजी और तुगलक वंश औलिया कभी किसी के दरबार में नहीं गए पर उनका प्रभाव किसी सुल्तान से कम नहीं था।
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