लाहौर में
फतेहपुर सीकरी में
अजमेर में
दिल्ली में
शेख सलीम चिश्ती को शेख - उल - हिंद की पदवी प्रदान की गई थी। सलीम चिश्ती अजमेर के ख्वाजा मोइनुद्दीन चिश्ती के पुत्र थे। जब बादशाह अकबर द्वारा संतान की प्राप्ति की दिशा में किए गए सभी प्रयास में सफल रहे तो वह स्वप्न में आए निर्देशों के मुताबिक बाबा सलीम चिश्ती के पास आए उन्हीं के आशीर्वाद से अकबर को महारानी मरियम उज ज़मानी से पुत्र प्राप्ति हुई और बाबा के नाम पर उनका नाम सलीम रखा गया।
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