औरंगजेब
मोहम्मद तुगलक
अलाउद्दीन खिलजी
शेरशाह
दिल्ली के इतने करीब आने के बाद मालदेव और शेरशाह में युद्ध जरूर हो गया था। दोनों के बीच या युद्ध 4 जनवरी 1544 में राजस्थान के पाली के जैतारण में लड़ा गया। मालदीव के पराक्रम से सिरसा अपने हार के बेहद करीब आ गया था। लड़ते-लड़ते रात हो गई थी तभी कुछ ऐसा हुआ कि मालदेव अपनी सेना पर अविश्वास कर रात के अंधेरे में वहां से चले गए जंग में इतनी तबाही हुई थी कि शेरशाह ने कहा खैर करो वरना मुट्ठी भर बाजरे के लिए मैं अपनी दिल्ली की सल्तनत खो देता।
Post your Comments