कवि हरिराम
हरनाथ
कवींद्राचार्य
जगन्नाथ
कवींद्राचार्य सरस्वती ब्रजभाषा के कवि थे। 17 वीं शताब्दी में भारत में जो श्रेष्ठ तथा दिग्गज अचार्य कवि हुए उनमें कविंद्र आचार्य स्वरस्वती नाम का विशेष उल्लेखनीय है। दक्षिण में गोदावरी के तीर पर एक गांव में ऋग्वेद आश्रलायन शाखा में ब्राह्मण कुल में जन्मे कवींद्राचार्य के वास्तविक नाम पता नहीं चला। कवींद्र इनकी उपाधि है। अद्वैतवेदांती सन्यासी होने के कारण यह सरस्वती उपाधि से विभूषित और शाहजहां के राज्य काल में प्रयाग तथा वाराणसी के सबसे प्रधान सन्यासी मठाधीश और काव्य दर्शन तथा वेद वेदांग के मूर्धन्य पंडित थे।
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