केवल 1
1 एवं 2
केवल 2
2 एवं 4
1857 ई. के विद्रोह में साहूकार एवं जमींदार भाग नहीं लिये थे। इस विद्रोह में किसान और खेतिहर मजदूर बढ़ - चढ़ कर हिस्सा लिये थे। ब्रिटिशों ने कृषकों की दसा सुधारने के नाम पर स्थाई बंदोबस्त, रैयतवाडी एवं महालवाडी प्रथा लागू की, परंतु इन सभी प्रथाओं में किसानों का शोषण किया गया तथा उनसे बहुत अधिक लगान वसूल किया गया। इससे किसानों की स्थिति बिगड़ गई।
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