सिगराय
सुर्गा
जतरा भगत
बुद्धू भगत
कोल विद्रोह (1831 - 32) मुंडा जनजाति का विद्रोह था। जिसमें ‘हो’ जाति ने भी खुलकर साथ दिया था। इस विद्रोह में छोटानागपुर विशेषकर सिंहभूम, पलामू, मानभूम के कुछ भागों की जनजातियों ने बढ़ - चढ़ कर भाग लिया। इस विद्रोह का प्रमुख कारण भूमि संबंधी असंतोष था। इस विद्रोह का एक प्रमुख नेता बुद्धू भगत था। विद्रोहियों के दो अन्य नेता सिंहराय एवं सुर्गा अंत तक लड़ते रहे। उन्होंने 1832 में आत्म समर्पण किया।
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