भैरव-चांद
सिद्धू-कान्हू
1 और 2 दोनों
इनमें से कोई नही
1855 - 56 ई. में संथाल विद्रोह हुआ। इस विद्रोह को हूल - आंदोलन, संथाल हूत आदि के नाम से जाना जाता है। संथाल विद्रोह के प्रणोता सिदो - कान्हू थे। इसमें इनका भाई चांद व भैरव तथा बहन झानो व फूलो ने भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी। 10 जुलाई 1855 को मेजर बोरो पराजित हुआ। इस विद्रोह को संथाल परगाना की प्रथम जनक्रांति माना जाता है।
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