सती प्रथा का विरोध करने वाले बुद्धिजीवियों ने
अकबर द्वितीय ने
लॉर्ड विलियम बैंटिक ने
ब्रम्ह समाज के अनुयायियों ने
राम मोहन ‘राजा’ शब्द की प्रचलित अर्थों में राजा नहीं थेॆ। उनके नाम के साथ यह शब्द तब जुड़ा जब दिल्ली के तत्कालीन मुगल शासक बादशाह अकबर द्वितीय (1806 से 1837) ने उन्हें राजा की उपाधि दी। अकबर द्वितीय ने ही 1830 में उन्हें अपना दूत बनाकर इंग्लैंड भेजा। इसके पीछे उनका उद्देश्य इंग्लैंड को भारत में जनकल्याण के कार्यों के लिए राजी करना और जताना था। कि बैंटिक के सती होने पर रोक संबंधी फैसले को सकारात्मक रूप से ग्रहण किया गया है।
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