पाश्चात्य शिक्षा
सती प्रथा
मूर्ति पूजा
बाल विवाह
राजा राममोहन राय ने पाश्चात्य शिक्षा का विरोध नहीं किया था। राजा राममोहन राय ने सती प्रथा, मूर्ति पुजा तथा बाल विवाह का विरोध किया था। राजा राममोहन राय को आधुनिक भारतीय समाज का जन्मदाता कहा जाता है। वे ब्रह्म समाज आत्मीय सभा, भारतीय भाषायी प्रेस के प्रवर्तक, जन जागरण और सामाजिक सुधार आंदोलन का प्रणोत तथा बंगाल में नव जागरण के पितामह थे।
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