एकदेववाद पर
अद्वैतवाद पर
बहुदेववाद पर
नास्तिकता पर
ब्रह्म सामाज के प्रमुख सिद्धांत एक ही ईश्वर की उपासना, मानव मात्र के प्रति बंधुत्व की भावना तथा सभी धर्मों के धार्मिक ग्रंथों के प्रति श्रद्धा उत्पन्न करना था। राजा राममोहन राय ने जाति बंधनों का खंडन किया। ब्रह्म समाज के साप्ताहिक अधिवेशनों में वेदों का पाठ और उपनिषदों के बंगला अनुवाद का वचन होते थे।
Post your Comments