सुभाष चंद्र बोस
अरबिंद घोष
फिरोज शाह मेहता
दादा भाई नौरोजी
वर्ष 1905 के बंग-भंग विरोधी जनजागरण से स्वदेशी आन्दोलन को बहुत बल मिला। यह 1911 तक चला और गाँधी जी के भारत में पदार्पण के पूर्व सभी सफल आन्दोलनों में से एक था। अरबिन्द घोष, रवीन्द्रनाथ ठाकुर, वीर सावरकर, लोकमान्य तिलक और लाला लाजपतराय स्वदेशी आन्दोलन के मुख्य उद्पोषक थे।
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