1915 में
1914 में
1916 में
1917 में
1915 ई. में उदारवादी नेता गोपालकृष्ण गोखले एवं फिरोजशाह मेहत्ता की मृत्यु हो गई। बाल गंगाधर तिलक एवं ऐनी बेसेन्ट ने नरम दल एवं गरम दल को पुनः कांग्रेस के मंच पर एक साथ लाने का प्रयास किया और सफल रहा। 1916 ई. के लखनऊ सम्मेलन के इस कांग्रेस अधिवेशन की अध्यक्षता अम्बिका चरण सजूमदार ने की।
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