राजेंद्र प्रसाद और अनुग्रह नारायण सिन्हा
जवाहरलाल नेहरु और राजेंद्र प्रसाद
वल्लभ भाई पटेल और विनोबा भावे
महादेव देसाई और मणिबेन पटेल
चम्पारण में गाँधीजी के सहयोगी बाबू राजेन्द्र प्रसाद, जे.बी. कृपलानी, महादेव देसाई, मजहरूल हक, नरहरि पारिख व वृज किशोर थे। सरकार ने पूरे मामले की जाँच के लिए एक आयोग गठित किया। गाँधीजी को भी उसका सदस्य बनाया गया। गाँधीजी आयोग को यह समझाने में पूर्णतया सफल रहे कि तिनकठिया प्रणाली समाप्त होनी चाहिए।
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